राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
परमेश्वर के लोग स्वेच्छा से अपने आप को प्रस्तुत करते हैं
उसका नाम यूसुफ था, और वह कुप्रुस द्वीप का निवासी था। वह उन पहली-शताब्दी मसीहियों में से था जिन्होंने खेत और घर बेचे ताकि मसीहियत की प्रगति के लिए वित्तीय रूप से भेंट दे सकें। उसकी सहृदयता और उदारता की वजह से वह बरनबास, अर्थात् “शान्ति का पुत्र,” के नाम से जाना गया।—प्रेरितों ४:३४-३७.
दूसरों में ऐसी निष्कपट दिलचस्पी हमेशा यहोवा के सच्चे उपासकों का एक पहचान-चिन्ह रहा है। आज यहोवा के गवाह भिन्न नहीं हैं, जैसे कि सोलोमन द्वीप समूह से निम्नलिखित अनुभव विशिष्ट करता है।
ऑस्ट्रेलिया और न्यू ज़ीलैंड से ६० से अधिक गवाहों का एक समूह ग्वाडलकनाल पर स्थित सोलोमन द्वीप समूह की राजधानी, होनियॉरे आया। बड़े मसीही समूहनों के लिए एक सम्मेलन गृह के निर्माण में मदद देने के लिए वे आए थे। उन्होंने सिर्फ़ दो हफ़्तों में एक सभागृह खड़ा किया जिसमें क़रीब १,२०० लोग बैठ सकते थे!
लगभग उसी समय, न्यू जोर्जिया के द्वीप पर स्थित, एक छोटा नगर, मून्डा के स्थानीय अधिकारियों ने नगर के बीच में ही यहोवा के गवाहों की कलीसिया को ज़मीन का एक टुकड़ा प्रदान किया। वे एक राज्यगृह, अर्थात् उपासना का एक स्थान, बनाना चाहते थे। और उन्हें वास्तव में एक सभागृह की ज़रूरत थी। वे एक छोटे घास-फूस के घर की बैठक में मिलते रहे थे, लेकिन उनके पास राज्यगृह बनाने के लिए कोई साधन नहीं थे।a कलीसिया अधिकांश बूढ़े और विकलांग लोगों तथा बच्चों से बनी थी, और कोई भी निर्माण कार्य में अनुभवी नहीं था।
क़रीब ३८० किलोमीटर दूर, ग्वाडलकनाल के द्वीप पर, होनियॉरे शहर के गवाहों ने स्वेच्छा से अपने आप को प्रस्तुत किया। (भजन ११०:३) उन्होंने तर्क किया: “यदि दूसरे देशों से हमारे भाई दो हफ़्तों में हमारे लिए एक सम्मेलन गृह बनाने के इच्छुक थे, तो हम ज़रूर मून्डा में अपने भाइयों की मदद कर सकते हैं और दो हफ़्तों में उनके लिए एक राज्यगृह बना सकते हैं।”
वही हुआ। एक दिन ख़ुश और उत्सुक गवाह स्वयंसेवकों से भरी हुई एक नाव मून्डा पहुँची। पुरुष और स्त्री, बूढ़े और जवान, सभी अपने सामान उतारने में जुट गए और लकड़ी, सीमेंट, छत बनाने के सरिए, और अन्य सामग्रियों से, जो उनसे पहले मून्डा पहुँच चुकी थीं, निर्माण कार्य आरम्भ करने को तैयार हुए।
कार्य आरम्भ होने के बाद जल्द ही एक तीव्र तूफ़ान ने नगर के जल-प्रबंध को बंद कर दिया। लेकिन यह एक अजेय समस्या साबित नहीं हुई। गवाहों ने एक कूआँ खोदा जिसने पूरे निर्माण कार्य के दौरान पानी प्रदान किया। सभी कार्यकर्ताओं के लिए भोजन के बारे में क्या? यह भी एक समस्या नहीं थी। होनियॉरे से स्वयंसेवक होनियॉरे कलीसियाओं द्वारा प्रदान किया गया अत्यधिक भोजन के साथ भेजे गए थे। वे अपने रसोइयों को भी साथ लाए!
पड़ोसी इस निर्माण योजना की प्रगति को आश्चर्य से देख रहे थे। उनमें से एक ने कहा: “यहाँ सामान्यतः बड़ी योजनाएँ केवल दिनों में ही पूरी नहीं की जातीं। उन्हें कई साल लगते हैं।” दूसरे पड़ोसी, एक धार्मिक नेता, ने स्वीकार किया कि पिछले २० सालों से उसके गिरजे का निर्माण कार्य चल रहा है और कि वह अब तक ख़त्म नहीं हुआ है। इसके विपरीत, मून्डा में यहोवा के गवाहों का नया राज्यगृह केवल दस दिनों में ही ख़त्म हो गया!
[फुटनोट]
a एक घास-फूस का घर झाड़ियों या जंगल में से काटी गई वस्तुओं से बनाया जाता है। ढाँचा लकड़ियों और लट्ठों से बनाया जाता है, और छत तथा दीवारें पट्टों से ढके जाते हैं। इन पट्टों को लकड़ियों पर लपेटे गए खजूर के पत्तों पर बेल से टाँका लगा कर बनाया जाता है।
[पेज 24 पर नक्शे]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
दक्षिण प्रशांत महासागर
मून्डा
होनियॉरे
ग्वाडलकनाल
सोलोमन द्वीप समूह
[नक्शा]
ऑस्ट्रेलिया
न्यू ज़ीलैंड