राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
‘वे नियमित रूप से लगे रहे’
यीशु मसीह और उसके प्रेरितों के दिनों से, धार्मिक अगुओं ने परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार के प्रचार में बाधा डालने के अपने प्रयास में हर संभव साधन इस्तेमाल किया है। प्रेरितों को यरूशलेम के स्थानीय अधिकारियों द्वारा बारंबार और सुस्पष्ट रूप से “आज्ञा” दी गयी थी कि वे ‘यीशु के नाम से उपदेश न करें।’ (प्रेरितों ५:२७, २८, ४०) फिर भी, बाइबल वृत्तांत कहता है कि “परमेश्वर का वचन फैलता गया और यरूशलेम में चेलों की गिनती बहुत बढ़ती गई।”—प्रेरितों ६:७.
दो सहस्राब्दियों के बाद हम अब भी इस्राएल में ऐसे धार्मिक अगुओं को पाते हैं जो उस देश में सच्चे मसीहियों के कार्य में रुकावट डालने के लिए स्थानीय अधिकारियों पर प्रभाव डालते हैं। उग्रवादी धार्मिक तत्वों द्वारा दबाव डाले जाने पर, नवम्बर १९८७ में, इस्राएल के तेल अवीव क्षेत्र में, स्थानीय अधिकारियों ने साक्षियों को वॉच टावर संस्था के शाखा दफ़्तर में स्थित, राज्यगृह में मसीही सभाओं के आयोजन को बन्द करने का आदेश दिया। यह आदेश अक्तूबर १९८९ से लागू हुआ। इसके अनुपालन में, साक्षियों ने तीन साल तक किराए की सुविधाओं में अपनी सभाएँ रखीं जबकि उनका राज्यगृह लगभग अप्रयुक्त ही रहा।
इस दरमियान, विषय को इस्राएली उच्च न्यायालय के ध्यान में लाया गया। राज वकील के दफ़्तर ने साक्षियों द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्क पर पुनर्विचार किया और यह घोषित किया कि उनकी अपील सफ़ल होगी क्योंकि वह नियम घोर धार्मिक पूर्वधारणा पर आधारित था। अतः, स्थानीय अधिकारियों के पास अपने निर्णय को बदलने के अलावा कोई चारा नहीं था, और यहोवा के साक्षी ख़ुशी-ख़ुशी अपने राज्यगृह को लौट गए।
क्या उन सालों के दौरान बाइबल सच्चाइयों के प्रचार के कार्य में रुकावट आयी? बिलकुल नहीं! राज्यगृह को बन्द करने के समय, तेल अवीव में दो कलीसियाएँ थीं और पास के लोद नामक नगर में एक अलग बाइबल अध्ययन समूह था। तीन साल बाद, जब राज्यगृह फिर से खोला गया, तब यहोवा के साक्षी बढ़कर चार कलीसियाएँ हो गए थे, और एक नया बाइबल अध्ययन समूह बीइरशीबा में इकट्ठा होता था।
इस्राएल में वृद्धि मुख्य भाषा समूह, अर्थात् अरबी और इब्रानी तक ही सीमित नहीं है। वहाँ भूतपूर्व सोवियत संघ से बड़ी संख्या में प्रवासी आए हैं, सो रूसी बोलनेवाले यहोवा के साक्षी अब उनके साथ सुसमाचार बाँटने में व्यस्त हैं। तीन कलीसियाओं में रूसी भाषा में कुछ सभाएँ आयोजित होती हैं; हाल ही में एक रूसी सम्मेलन के लिए सौ से भी अधिक लोग एकत्रित हुए।
निःसंदेह, पूर्वाग्रही धर्मोत्साही सच्ची उपासना के विरुद्ध अपने अभियान को जारी रखेंगे। लेकिन राज्य उद्घोषक पहली-शताब्दी के मसीहियों का अनुकरण करना जारी रखते हैं, जो विरोध के बावजूद, “मसीह, यीशु के बारे में सिखाने और सुसमाचार की घोषणा करने में नियमित रूप से लगे रहे।”—प्रेरितों ५:४२, NW.