वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w95 12/1 पेज 28-31
  • “पैसा कहाँ से आता है?”

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • “पैसा कहाँ से आता है?”
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1995
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • प्राचीन इस्राएल द्वारा रखा गया उदाहरण
  • आज की ज़रूरत
  • पैसा कहाँ जाता है?
  • यहोवा आपको प्रतिफल देगा
  • “अपनी संपत्ति के द्वारा . . . यहोवा की प्रतिष्ठा करना”—कैसे?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1997
  • ‘हर एक अच्छे वरदान’ का देनेवाला
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1993
  • यहोवा को क्यों दें?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1996
  • दान देने से खुशी मिलती है
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2000
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1995
w95 12/1 पेज 28-31

“पैसा कहाँ से आता है?”

वॉच टावर संस्था के वीडियो “जॆहोवाज़ विट्‌नॆसॆज़—दी ऑर्गनाइज़ॆशन बिहाइंड द नेम” के दर्शक प्रभावित हुए हैं। वे लोग विविध जातियों और पृष्ठभूमियों के सुहाने पुरुषों और स्त्रियों को मुस्कराते हुए और सुमेल से एकसाथ काम करते हुए देखते हैं। केवल हज़ारों आनन्दित कर्मचारी ही नहीं, बल्कि संस्था के ब्रुकलिन मुख्यालय में और वॉलकिल, न्यू यॉर्क में उनके फ़ार्म्स की इमारतों के बड़े कॉम्पलेक्स भी उनका ध्यान खींचते हैं। यह वीडियो दिखाता है कि इन इमारतों में दिनाप्त टॆक्नॉलॉजी देखी जा सकती है—तेज़-रफ़्तार के छपाई और जिल्द चढ़ानेवाले यंत्र जो हर महीने कई लाख प्रकाशन तैयार करते हैं, कम्प्यूटर यंत्रों की ढेर सारी विविधता, और सहायक सेवाओं के लिए अनेक विभाग।

यह संसाधनों के अत्यधिक ख़र्च को प्रतिबिम्बित करता है। सो कुछ लोग पूछते हैं, “पैसा कहाँ से आता है?”

संस्था के विश्‍व-मुख्यालयों को भेंट करनेवाले भी उसी तरह प्रभावित हैं। उन्हें नयी ३०-मंज़िला निवास इमारत को अच्छी तरह देखने के लिए अपनी गर्दन पसारनी पड़ती है, जो वहाँ काम करनेवाले ३,००० से भी ज़्यादा स्वयंसेवकों के आवास के लिए इस्तेमाल की जानेवाली अनेक इमारतों में से एक है। ब्रुकलिन के ११० किलोमीटर उत्तर में नए वॉचटावर शैक्षिक केंद्र को भेंट करना भी अनेक लोगों को दंग कर देती है। अब भी निर्माणाधीन, उसमें क़रीब १,२०० कर्मचारी रहते हैं। मिशनरियों की दो कक्षाओं को वहाँ हर साल प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें उनकी कार्य-नियुक्‍तियों में विदेश भेजा जाएगा। इसी स्थान से अमरीका में यहोवा के साक्षियों की १०,००० से भी ज़्यादा कलीसियाओं को निर्देशन दिया जाता है। विश्‍व-भर की अनेक शाखाओं ने भी हाल ही में अपनी सुविधाओं का विस्तार किया है या ऐसे करने की प्रक्रिया में हैं। इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए ढेर सारा पैसा लगता है। लोग पूछते हैं, “पैसा कहाँ से आता है?”

इसका जवाब है कि यह हम में से किसी भी व्यक्‍ति के जैसे साधारण लोगों से आता है। विश्‍व-भर में, ये ऐसे लोग हैं जिनकी इच्छा है कि वे प्रचार करने और सिखाने के अत्यावश्‍यक मसीही कार्य को आगे बढ़ाने के लिए जितना कर सकते हैं उतना करें। स्वेच्छा की एक ऐसी आत्मा पूर्वोदाहरण के बग़ैर नहीं है।

प्राचीन इस्राएल द्वारा रखा गया उदाहरण

कुछ ३,५०० साल पहले, अत्यधिक अंशदानों की ज़रूरत पैदा हुई। यहोवा ने मूसा को एक निवासस्थान, या “मिलापवाले तम्बू” का निर्माण करने के लिए निर्देशन दिया था जिसे उसकी उपासना में इस्तेमाल किया जाना था। ईश्‍वरीय रूप से दी गयी अभिकल्पना में विविध बहुमूल्य वस्तुओं की आवश्‍यकता थी। यहोवा ने आज्ञा दी: “तुम्हारे पास से यहोवा के लिये भेंट ली जाए, अर्थात्‌ जितने अपनी इच्छा से देना चाहें वे यहोवा की भेंट करके ये वस्तुएं ले आएं।” (निर्गमन ३५:४-९) लोगों ने कैसी प्रतिक्रिया दिखायी? वृत्तान्त कहता है कि “प्रत्येक मनुष्य जिसके मन ने उसे प्रोत्साहित किया और प्रत्येक जिसकी आत्मा ने उसे उभारा वह मिलाप वाले तम्बू के कार्य और उसकी समस्त सेवकाई और पवित्र वस्त्रों को बनाने के लिए यहोवा के लिए भेंट लेकर आया।” यह ‘ऐच्छिक भेंट’ आहिस्ते-आहिस्ते इतनी सारी हो गयी कि यह ‘जिस काम के करने की आज्ञा यहोवा ने दी थी उसके लिये जितना चाहिये उससे अधिक’ था। (निर्गमन ३५:२१-२९; ३६:३-५) लोगों ने क्या ही निःस्वार्थ, उदार आत्मा प्रदर्शित की!

लगभग ५०० साल बाद, इस्राएलियों को अत्यधिक अंशदान करने के लिए फिर से आमंत्रण दिया गया। यरूशलेम में यहोवा के लिए एक स्थायी भवन का निर्माण करने की राजा दाऊद की कामना उसके पुत्र सुलैमान द्वारा पूरी होने ही वाली थी। स्वयं दाऊद ने ज़रूरी वस्तुओं का प्रमुख भाग इकट्ठा किया और अंशदान किया। अन्य लोग भी शामिल हो गए जब दाऊद ने ‘यहोवा के लिये अर्पण’ लाने के लिए आवाहन किया। परिणाम? “प्रजा के लोग आनन्दित हुए, क्योंकि हाकिमों ने प्रसन्‍न होकर खरे मन और अपनी अपनी इच्छा से यहोवा के लिये भेंट दी थी; और दाऊद राजा बहुत ही आनन्दित हुआ।” (१ इतिहास २२:१४; २९:३-९) केवल चान्दी और सोने की क़ीमत वर्तमान मूल्य के अनुसार क़रीब $५० अरब होती!—२ इतिहास ५:१.

इन उदाहरणों से हम नोट करते हैं कि देने के लिए किसी भी व्यक्‍ति को मजबूर नहीं किया गया। यह पूर्णतः ‘ऐच्छिक’ था और “खरे मन” से दिया गया था। यहोवा केवल पूरे हृदय से दिए गए अंशदान से प्रसन्‍न होता। उसी तरह, जब ज़रूरतमंद मसीहियों की सहायता करने के लिए पैसों का अंशदान करने का मौक़ा आया, तब प्रेरित पौलुस ने लिखा कि उसे “दबाव से” नहीं होना था। उसने आगे कहा: “हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे; न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्‍वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।”—२ कुरिन्थियों ९:५, ७.

आज की ज़रूरत

क्या आज अंशदानों की ज़रूरत है? ज़रूर है, और जैसे समय बीतता जाता है, तब इसकी और भी ज़रूरत होगी। क्यों?

इस अन्त के समय के लिए मसीहियों को विशिष्ट निर्देश दिए गए हैं। यीशु ने अपने शिष्यों को आज्ञा दी: “इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ।”—मत्ती २८:१९, २०.

जैसे-जैसे हम “इस रीति-व्यवस्था की समाप्ति” (NW) के चरम की ओर पहले से कहीं ज़्यादा नज़दीक आते जाते हैं, इस सिखाने और प्रचार करने के महान कार्य को पूरा करने के लिए काफ़ी समय और संसाधन लगते हैं। क्यों? क्योंकि उस सब के कारण जो परमेश्‍वर के राज्य के संदेश को “पृथ्वी की छोर तक” ले जाने में शामिल है। (प्रेरितों १:८) अधिकांश लोग शास्त्र में दक्ष नहीं हैं जितने कि पहली सदी के यहूदी थे। दरअसल, पृथ्वी के निवासियों की बड़ी संख्या तो बाइबल से परिचित तक नहीं है, और इसको परमेश्‍वर का वचन नहीं समझती। प्रचारकों को प्रशिक्षित करके दूर-दूर के देशों में भेजा जाना है। (रोमियों १०:१३-१५) और उन भाषाओं के बारे में सोचिए जो इसमें शामिल हैं! जिन्हें प्रचार किया जाता है उन्हें अपनी भाषा में पढ़ने और अध्ययन करने के लिए बाइबलों और बाइबल-आधारित प्रकाशनों की ज़रूरत है। सभी लोगों तक व्यवस्थित रूप से पहुँचने के लिए और उन्हें आध्यात्मिक प्रौढ़ता तक प्रगतिशीलता से लाने के लिए, जिससे वे दूसरों की भी मदद कर सकें, बड़े पैमाने पर व्यवस्था की माँग की जाती है।—२ तीमुथियुस २:२.

यीशु ने कहा कि ‘राज्य का सुसमाचार’ पहले ‘सारे जगत में प्रचार किया जाना है, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा।’ (मत्ती २४:१४) तो फिर इस अत्यावश्‍यक कार्य को पूरा करने के लिए हम जो कुछ अर्पित कर सकते हैं, उसे करने का अब समय है। इससे पहले कि भौतिक धन का कोई भी व्यावहारिक मूल्य न रहे, हमारे संसाधनों का इससे बेहतर कोई और इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।—यहेजकेल ७:१९; लूका १६:९.

पैसा कहाँ जाता है?

वॉच टावर संस्था बाइबल साहित्य को २३० से भी अधिक भाषाओं में, और साथ ही नेत्रहीनों के लिए ब्रेल में और बधिरों के लिए इंगित भाषा में वीडियो प्रकाशित करती है। यह हर भाषा में अनुवादकों और प्रूफ़-रीडरों के टीमों की माँग करती है। इन सब कार्यों को करने के बारे में केवल सोचना, ख़ासकर प्रहरीदुर्ग पत्रिका के बारे में जो हर महीने १२१ भाषाओं में और उनमें से १०१ भाषाओं में साथ-साथ प्रकाशित की जाती है, चकरा देता है। फिर भी यह आवश्‍यक है ताकि पृथ्वी-भर में लोग वही जानकारी पा सकें और पढ़ सकें। राज्य संदेश को छपे हुए, या ऑडियो अथवा वीडियो रॆकॉर्डिंग्स के रूप में तैयार करने में इस्तेमाल किए जानेवाले क़ाग़ज़ और अन्य वस्तुओं की क़ीमत हर साल बढ़ती जाती है। भाइयों के दान का इस्तेमाल करते हुए ऐसी क़ीमतों को चुकाना पड़ता है।

प्रचार और सिखाने का कार्य, संसार-भर के ऐसे क्षेत्रों में किया जाता है जहाँ पर यहोवा के साक्षियों की ७५,००० से भी अधिक कलीसियाएँ कार्य करती हैं। उन्हें एकताबद्ध करने और प्रोत्साहित करने के लिए, प्रशिक्षित सफ़री ओवरसियर प्रत्येक कलीसिया को हर साल में लगभग दो बार भेंट देते हैं। निर्देशन प्रदान करने में सम्मेलन भी एक अहम भूमिका निभाते हैं। अधिवेशनों के लिए बड़ी सुविधाओं को किराये पर लेना पड़ता है। ये अधिवेशन विश्‍वास को काफ़ी मज़बूत करते हैं। आपके अंशदान इन उद्देश्‍यों के लिए भी इस्तेमाल किए जाते हैं।

जबकि सम्मेलन साल में केवल तीन बार आयोजित किए जाते हैं, स्थानीय कलीसियाएँ पाँच साप्ताहिक सभाओं के लिए एकत्रित होती हैं। (निर्गमन ३४:२३, २४ से तुलना कीजिए।) सुसमाचार के प्रति अनुकूल प्रतिक्रिया दिखानेवाले नए लोगों के आगमन का अर्थ, हर साल हज़ारों नयी कलीसियाओं का जुड़ना रहा है। संस्था द्वारा ऋण के रूप में दिए गए करोड़ों रुपयों की मदद से हर साल सैकड़ों नए राज्यगृह निर्माण किए जाते हैं और अन्य अनेकों की मरम्मत की जाती है या उनका विस्तार किया जाता है। हालाँकि यह आवर्ती निधि है जिसका बार-बार इस्तेमाल किया जाता है, इसकी माँग बढ़ती रहती है।

एक क्षेत्र जहाँ असाधारण वृद्धि हुई है, वह है पूर्वी यूरोप के राष्ट्र, जो भूतपूर्व सोवियत संघ के अधीन थे। यह क्रमिक समाचार कितना आनन्दप्रद था कि यह कार्य इन स्थानों में शुरू हो गया है! इनमें से अनेक देशों में अब मिशनरियों को भेजा जा रहा है। कुछ देशों में नयी शाखाएँ स्थापित की गयी हैं, जिससे स्वयंसेवकों की संख्या बढ़कर १५,००० से ज़्यादा हो गयी है जो विश्‍वव्यापी बेथेल परिवार के कर्मचारी हैं। बेशक, इनके रहने का प्रबन्ध करने के लिए शाखा इमारतों को ख़रीदना या उनका निर्माण करना पड़ता है। आपके अंशदान इस ज़रूरत को पूरा करने में मदद करते हैं।

इन सब कार्यों को शैतान और उसके पिशाचों ने भी देखा है। वे यहोवा के वफ़ादार सेवकों की कोशिशों में बाधा डालने या उनके लिए समस्याएँ खड़ी करने में जो कर सकते हैं उसे करते हैं। (प्रकाशितवाक्य १२:१७) इसका अर्थ है प्रचार करने और परमेश्‍वर के धर्मी नियमों के सामंजस्य में जीने के लिए उसके लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए बढ़ती संख्या में क़ानूनी लड़ाइयाँ। इसके अतिरिक्‍त, शैतान की रीति-व्यवस्था में युद्ध की तबाही, साथ ही प्राकृतिक विपत्तियों का अर्थ है कि हमारे पीड़ित भाई-बहनों और उनके साथ अन्य लोगों के लिए राहत सामग्रियों की अकसर ज़रूरत पड़ती है। आपके अंशदान इस अत्यावश्‍यक सहायता को देने में मदद करते हैं।

यहोवा आपको प्रतिफल देगा

अपने समय और संसाधनों को प्रभु के कार्य को बढ़ावा देने के लिए उदारतापूर्वक इस्तेमाल करना महान आशिषें लाता है। कैसे? क्योंकि परमेश्‍वर, जिसकी अंततः सारी वस्तुएँ हैं, हमें प्रतिफल देगा। नीतिवचन ११:२५ कहता है: “उदार प्राणी हृष्ट पुष्ट हो जाता है, और जो औरों की खेती सींचता है, उसकी भी सींची जाएगी।” वाक़ई यहोवा प्रसन्‍न होता है जब हम उसकी उपासना को बढ़ावा देने के लिए अपना भाग अदा करते हैं। (इब्रानियों १३:१५, १६) प्राचीन इस्राएलियों से, जो व्यवस्था वाचा के अधीन माँग किए गए अंशदानों को लाते, उसने प्रतिज्ञा की: “सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूं कि नहीं।” (मलाकी ३:१०) जिस आध्यात्मिक समृद्धि का आज यहोवा के सेवक आनन्द लेते हैं, इस बात का प्रमाण है कि परमेश्‍वर अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करता है।

उद्धार के दिन के बारे में सभी को बताने का और जीवन के मार्ग पर सत्हृदयी लोगों की मदद करने का यह महान कार्य हमेशा के लिए जारी नहीं रहेगा। (मत्ती ७:१४; २ कुरिन्थियों ६:२) लेकिन प्रभु की ‘अन्य भेड़ों’ के सभी लोगों को इकट्ठा किया जाना है। (यूहन्‍ना १०:१६) आज इस चुनौती को पूरा करना कितना आवश्‍यक है! और हम में से हरेक व्यक्‍ति धार्मिकता के उस नए संसार में याद करने और यह कहने में कितना ख़ुश होगा, ‘मैंने एकत्रीकरण के उस आख़री कार्य में पूरा भाग लिया था’!—२ पतरस ३:१३.

[पेज 30, 31 पर बक्स]

कुछ लोग किस प्रकार राज्य-प्रचार कार्य के लिए चंदा देते हैं

विश्‍वव्यापी कार्य के लिए अंशदान: अनेक लोग कुछ पैसा एक तरफ़ रखते हैं या बजट करते हैं जिसे वे उन अंशदान बक्सों में डालते हैं जिन पर लिखा होता है: “संस्था के विश्‍वव्यापी कार्य के लिए अंशदान—मत्ती २४:१४.” हर महीने कलीसियाएँ इस पैसे को वॉच टावर संस्था के सबसे नज़दीकी शाखा दफ़्तर में भेज देती हैं।

भेंट: पैसे के रूप में स्वैच्छिक चंदा सीधे वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी को भेजा जा सकता है। गहने या अन्य मूल्यवान वस्तुएँ भी चंदे के रूप में दी जा सकती हैं। इन अंशदानों के साथ एक संक्षिप्त पत्र भेजा जाना चाहिए जिसमें कहा गया हो कि यह पूर्णतया भेंट है।

शर्तबन्द-चंदा व्यवस्था: वॉच टावर संस्था को दाता की मृत्यु तक न्यास (ट्रस्ट) में रखने के लिए पैसा दिया जा सकता है, इस शर्त के साथ कि व्यक्‍तिगत ज़रूरत के समय, यह दाता को लौटा दिया जाएगा।

बीमा: वॉच टावर संस्था को जीवन बीमा पॉलिसी या सेवा-निवृत्ति/पेंशन योजना का लाभग्राही बनाया जा सकता है। संस्था को ऐसी किसी भी व्यवस्था के बारे में सूचना दी जानी चाहिए।

बैंक खाते: बैंक खाते, जमा प्रमाण-पत्र, या व्यक्‍तिगत निवृत्ति खाते, स्थानीय बैंक की माँगों के अनुरूप, वॉच टावर संस्था के लिए न्यास में रखे जा सकते हैं या मृत्यु पर देय वॉच टावर संस्था के नाम किए जा सकते हैं। संस्था को ऐसी किसी भी व्यवस्था के बारे में सूचना दी जानी चाहिए।

शेयर और ऋणपत्र: शेयर और ऋणपत्र वॉच टावर को पूर्णतया भेंट के रूप में या ऐसी व्यवस्था के अधीन दान किए जा सकते हैं जिसमें आमदनी पहले की तरह ही दाता को दी जाती है।

भू-सम्पत्ति: विक्रेय भू-सम्पत्ति वॉच टावर संस्था को पूर्णतया भेंट के रूप में दी जा सकती है या दाता के लिए आजीवन-सम्पदा सुरक्षित रखने के द्वारा दान की जा सकती है, जो वहाँ अपने जीवनकाल के दौरान रह सकता या सकती है। ऐसी किसी भी भू-सम्पत्ति का संस्था के नाम दानपत्र बनाने से पहले व्यक्‍ति को संस्था के साथ संपर्क करना चाहिए।

वसीयत और न्यास (ट्रस्ट): सम्पत्ति या पैसा वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी के नाम एक क़ानूनी तौर पर निष्पादित वसीयत के द्वारा किया जा सकता है, या संस्था को एक न्यास अनुबन्ध का लाभग्राही बनाया जा सकता है। किसी धार्मिक संगठन को लाभ पहुँचानेवाले एक न्यास से करों में कुछ लाभ मिल सकते हैं। वसीयत या न्यास अनुबन्ध पत्र की एक प्रति संस्था को भेजी जानी चाहिए।

ऐसे मामलों के सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए Watch Tower Bible and Tract Society of India, H-58 Old Khandala Road, Lonavla 410 401, Mah., India, या आपके स्थानीय शाखा दफ़्तर को लिखिए।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें