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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1996
w96 4/15 पेज 5-7

आगे अच्छी ख़बरें!

हम सभी दुःखी हो जाते हैं जब हमें ऐसी बुरी ख़बर मिलती है जो व्यक्‍तिगत रूप से हमें प्रभावित करती है। दूसरी ओर, हम आनन्दित होते हैं जब अच्छी ख़बर पहुँचती है—हमारे लिए या अपने प्रियजनों के लिए ख़ुशी की ख़बरें। लेकिन जब बुरी ख़बर हमें छोड़ दूसरों को प्रभावित करती है, तब अकसर इसमें जिज्ञासा का तत्व होता है; कुछ लोग तो दूसरों की विपत्ति के बारे में जानने में आनन्द उठाते हैं। यह शायद अंशतः यह समझाए कि बुरी ख़बरें इतनी अच्छी क्यों बिकती हैं!

दूसरे विश्‍व युद्ध के आरम्भिक भाग के दौरान, विपत्ति में घिनावनी दिलचस्पी का एक सुस्पष्ट उदाहरण था जो कुछ लोगों में है। १९३९ में १०,०००-टन का एक पॉकॆट जंगी जहाज़, अर्थात्‌ ग्राफ़ श्‍पे जर्मन जलसेना का गौरव था। कई सप्ताहों तक इस जंगी जहाज़ ने दक्षिण अतलांतिक और हिन्द महासागरों में संश्रित व्यापारी जहाज़ों के बीच कोलाहल मचा रखा था। आख़िरकार, तीन ब्रिटिश पोतविहारों ने ग्राफ़ श्‍पे का पता लगाया और उस पर आक्रमण किया, जिससे जान की हानि हुई और मरम्मत के लिए इस जहाज़ को ज़बरदस्ती मॉन्टीवीडियो के युरुग्वे की बन्दरगाह में निस्तेज होकर आना पड़ा। युरुग्वे की सरकार ने जंगी जहाज़ को तुरन्त समुद्र में वापस जाने का आदेश दिया, अन्यथा उसे नज़रबन्द कर दिया जाता। सो एक भीषण, बल्कि एक एक-तरफ़ा युद्ध सन्‍निकट लग रहा था।

इसे सुनकर, अमरीका के धनी व्यापारियों के एक समूह ने इस घमासान युद्ध को जाकर देखने के लिए युरुग्वे तक, २,५००$ प्रति व्यक्‍ति की क़ीमत पर एक हवाई-जहाज़ किराये पर लिया। उनको निराशा हुई जब वह युद्ध हुआ ही नहीं। एडॉल्फ़ हिटलर ने ग्राफ़ श्‍पे में छेद करने का आदेश दिया। हज़ारों दर्शकों ने, जो इस घमासान समुद्री लड़ाई के दृश्‍य को देखने की उम्मीद से सागरोन्मुख भाग में भीड़ लगाए हुए थे, इसके बजाय बहुत ज़ोर का विस्फोट देखा और सुना जिसने ग्राफ़ श्‍पे को नीचे डुबो दिया। इसे उसके अपने कर्मीदल ने छेद बनाकर डुबोया था। कप्तान ने अपने सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

कुछ लोगों में कुछ-कुछ घिनावना गुण होने के बावजूद, अधिकांश लोग सहमत होंगे कि उन्हें बुरी ख़बरों से ज़्यादा अच्छी ख़बरें पसन्द है। क्या आप ऐसा नहीं महसूस करते हैं? तब, इतिहास क्यों इतनी ज़्यादा बुरी ख़बरों और इतनी कम अच्छी ख़बरों का अभिलेख करता है? क्या स्थिति कभी पलट सकती है?

सभी बुरी ख़बरों की वजह

बाइबल एक ऐसे समय के बारे में कहती है जब केवल अच्छी-ही-अच्छी ख़बरें थीं। बुरी ख़बर कुछ अज्ञात, अनसुनी-सी थी। जब यहोवा परमेश्‍वर ने अपने सृजनात्मक कार्यों को पूरा किया, पृथ्वी ग्रह मनुष्य और पशुओं के आनन्द उठाने के लिए तैयार था। उत्पत्ति का वृत्तान्त हमें बताता है: “परमेश्‍वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है।”—उत्पत्ति १:३१.

बुरी ख़बरों की अनुपस्थिति मनुष्य कि सृष्टि के बाद ज़्यादा समय तक नहीं रही। आदम और हव्वा की कोई संतान पैदा होने से पहले, परमेश्‍वर और उसके अच्छे व्यवस्थित विश्‍वव्यापी प्रबन्ध के विरुद्ध विद्रोह की बुरी ख़बर रिपोर्ट की गयी। एक उच्च-पदवी का आत्मिक पुत्र अपने भरोसे के पद के प्रति दग़ाबाज़ हो गया और अपने विद्रोही, दग़ाबाज़ी मार्ग में अपने साथ शामिल होने के लिए प्रथम मानवी दम्पति को प्रेरित करने में क़ामयाब हुआ।—उत्पत्ति ३:१-६.

मनुष्यजाति द्वारा देखी गयी बुरी ख़बरों की प्रचुरता की शुरूआत उस समय हुई थी। इसमें आश्‍चर्य की कोई बात नहीं है कि उन बुरी ख़बरों में, जो तब से संसार को भरी हुई हैं, कपट, धोखाधड़ी, झूठ, असत्य और अर्धसत्य इतनी प्रमुखता से विशिष्ट हुई हैं। यीशु मसीह ने सुस्पष्ट रूप से शैतान अर्थात्‌ इब्‌लीस पर बुरी ख़बरों के आरम्भक के तौर पर दोष लगाया, और अपने दिन के धार्मिक अगुवों से कहा: “तुम अपने पिता शैतान [“इब्‌लीस,” फुटनोट] से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, बरन झूठ का पिता है।”—यूहन्‍ना ८:४४.

जैसे-जैसे मानवी जनसंख्या गिनती में बढ़ती गयी, बुरी ख़बरें उसके साथ बढ़ती गयीं। निश्‍चय ही, इसका यह अर्थ नहीं है कि आनन्द और ख़ुशी का कोई समय नहीं था, क्योंकि जीवन में अनेक बातें थीं जो आनन्द की वजहें थीं। फिर भी अशान्ति और दुःख के बादल आज तक मनुष्यजाति की हर पीढ़ी में स्पष्ट रहे हैं।

इस दुःखद स्थिति का एक और आधारभूत कारण है। वह है ग़लती और विपत्ति के प्रति हमारा वंशागत झुकाव। स्वयं यहोवा यह कहते हुए बुरी ख़बरों के इस अपरिहार्य कारण की पहचान कराता है: “मनुष्य के मन [“हृदय,” NW] में बचपन से जो कुछ उत्पन्‍न होता है सो बुरा ही होता है।”—उत्पत्ति ८:२१.

बुरी ख़बरों की बढ़त क्यों?

लेकिन, इस २०वीं शताब्दी में बुरी ख़बरें क्यों बढ़ी हैं, इसका एक कारण है। यह कारण बाइबल में स्पष्ट रूप से लिखा गया है, जिसने पूर्वबताया कि २०वीं शताब्दी में मनुष्यजाति समय की एक ऐसी अद्वितीय अवधि में प्रवेश करेगी जो “अन्तिम दिनों” या “अन्त समय” के नाम से जानी जाती है। (२ तीमुथियुस ३:१; दानिय्येल १२:४) बाइबल भविष्यवाणी और बाइबलीय कालानुक्रम इस “अन्त की अवधि” की पहचान कराता है, जो १९१४ में शुरू हुई। इसके विस्तृत शास्त्रीय सबूत के लिए, कृपया भारत की वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है पुस्तक का अध्याय ११ देखिए।

अन्तिम दिनों को एक ऐसी घटना से शुरू होना था जो पृथ्वी पर अपने आप बुरी ख़बरों के बढ़ने का कारण होती। वह क्या थी? यह शैतान अर्थात्‌ इब्‌लीस और उसके पिशाच दल का स्वर्ग से नीचे गिरा दिए जाने की घटना थी। आप प्रकाशितवाक्य १२:९, १२ पर बुरी ख़बरों की इस अपरिहार्य वृद्धि का स्पष्ट विवरण पढ़ सकते हैं: “वह बड़ा अजगर अर्थात्‌ वही पुराना सांप, जो इब्‌लीस और शैतान कहलाता है, और सारे संसार का भरमानेवाला है, पृथ्वी पर गिरा दिया गया; और उसके दूत उसके साथ गिरा दिए गए। . . . हे पृथ्वी, और समुद्र, तुम पर हाय! क्योंकि शैतान [“इब्‌लीस,” फुटनोट] बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है; क्योंकि जानता है, कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है।”

सो अन्तिम दिनों को अपनी समाप्ति तक आने के लिए जितना भी समय अब बाक़ी है, उसमें हम बुरी ख़बरों को जारी रहने और यहाँ तक कि इसकी संख्या और मात्रा में बढ़ने की अपेक्षा कर सकते हैं।

यह हमेशा ऐसा ही नहीं रहेगा

पृथ्वी के निवासियों के लिए ख़ुशी की बात है कि बुरी ख़बरों की आज की महामारी को उत्पन्‍न करनेवाली दयनीय स्थिति हमेशा नहीं रहेगी। दरअसल, हम विश्‍वास के साथ कह सकते हैं कि जारी बुरी ख़बरों के दिन गिने-चुने हैं। मामला शायद जैसा भी प्रतीत क्यों न होता हो, इसके बावजूद स्थिति आशाहीन नहीं है। सारी बुरी ख़बरों का अन्त निकट है और परमेश्‍वर के नियत समय में बिना चूके आएगा।

हम इसके बारे में निश्‍चिन्त हो सकते हैं क्योंकि ऐसी भविष्यवाणी की गयी है कि अन्तिम दिन परमेश्‍वर की ओर से नाश और बुरी ख़बरों के सभी कारणों के हटाए जाने के साथ पराकाष्ठा या समाप्ति पर पहुँचेगा। वह संघर्ष को उत्तेजित करनेवाले दुष्ट मानवों को हटाएगा, जो बदलने से और अपने ग़लत मार्ग से फिरने से इनकार करते हैं। इसकी पराकाष्ठा सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर की उस बड़े दिन की लड़ाई में होती है जो आम तौर पर हर-मगिदोन की लड़ाई के नाम से जानी जाती है। (प्रकाशितवाक्य १६:१६) उसके तुरन्त बाद, शैतान अर्थात्‌ इब्‌लीस और पैशाचिक शक्‍तियों के उसके झुण्ड को निष्क्रिय कर दिया जाएगा। प्रकाशितवाक्य २०:१-३, सभी बुरी ख़बरों के आरम्भक, शैतान के बान्धे जाने का वर्णन करता है: “मैं ने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा; जिस के हाथ में अथाह कुंड की कुंजी, और एक बड़ी जंजीर थी। और उस ने उस अजगर, अर्थात्‌ पुराने सांप को, जो इब्‌लीस और शैतान है; पकड़ के हजार वर्ष के लिये बान्ध दिया। और उसे अथाह कुंड में डालकर बन्द कर दिया और उस पर मुहर कर दी, कि वह . . . जाति जाति के लोगों को फिर न भरमाए।”

इन नाटकीय घटनाओं के उपरान्त, पृथ्वी और इसके निवासियों के लिए अपूर्व अच्छी ख़बरों का समय आएगा। इन निवासियों में वे लाखों लोग शामिल होंगे जो अरमगिदोन की अन्तिम लड़ाई से बच निकले हैं और वे करोड़ों लोग शामिल होंगे जिन्हें क़ब्रों से मृत्यु की उनकी नींद से पुनरुत्थित किया जाएगा। इस सबसे उत्तम अच्छी ख़बर का वर्णन बाइबल की अन्तिम पुस्तक में किया गया है: “परमेश्‍वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्‍वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्‍वर होगा। और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।”—प्रकाशितवाक्य २१:३, ४.

क्या आप उस सुखी समय की कल्पना कर सकते हैं? वाक़ई एक ऐसा शानदार भविष्य जहाँ बुरी ख़बरें और नहीं रहेंगी। जी हाँ, सभी बुरी ख़बरें समाप्त हो चुकी होंगी और फिर से सुनने में नहीं आएँगी। तब अच्छी ख़बरें सर्वश्रेष्ठ होकर राज करेंगी, और वे सदाकाल के लिए भरपूर होंगी।

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