इक्वेटोरियल गिनी में बढ़ोतरी का एक वातावरण
हरियाली वह पहला प्रभाव है जो एक यात्री को मिलता है जब उसका हवाई-जहाज़ इक्वेटोरियल गिनी के अन्तरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे पर उतरता है। हवाई-पट्टी शानदार वृक्षों से घिरी हुई है, जिनके सामने हवाई-अड्डे की इमारतें बौनी दिखती हैं। वर्षा की प्रचुरता और मध्य अस्सीआदि में पूरे साल रहनेवाले तापमान द्वारा बढ़ावा पाकर, हरी-भरी वनस्पति समुद्र-तट से लेकर पहाड़ों की चोटियों तक लहलहाती है।
इक्वेटोरियल गिनी में एक अन्य प्रकार की बढ़ोतरी भी हो रही है जो, “परमेश्वर की ओर से बढ़ती जाती है।” (कुलुस्सियों २:१९) उस कूशी अधिकारी के समान जिसने फिलिप्पुस से मदद माँगी थी, यहाँ अनेक लोग शास्त्र को समझने के लिए बेताब हैं। (प्रेरितों ८:२६-३९) सड़क पर एक यहोवा के साक्षी के पास आकर बाइबल अध्ययन के लिए पूछना किसी व्यक्ति के लिए कोई असाधारण बात नहीं है। इक्वेटोरियल गिनी के लगभग ३२५ साक्षी एक हज़ार से ज़्यादा बाइबल अध्ययन संचालित कर रहे हैं।
प्रारंभिक दिनों में बीज बोना
इक्वेटोरियल गिनी, अफ्रीका के सबसे छोटे देश, नाइजीरिया और कैमरून के दक्षिण में स्थित है। (मानचित्र देखिए।) सबसे पहले सुसमाचार को यहाँ नाइजीरियाई साक्षियों द्वारा लाया गया था जो कोको के बाग़ानों में काम की तलाश में आए थे। हालाँकि अनेक अंग्रेज़ी बोली जानेवाली कलीसियाएँ बनाई गईं, ये बाद में छिन्न-भिन्न हो गईं जब इन भाइयों को वापस नाइजीरिया जाना पड़ा। लेकिन, वर्ष १९६८ में इस देश को आज़ादी दे दिए जाने के शीघ्र बाद, तीन वॉचटावर मिशनरी जोड़ों को यहाँ नियुक्त किया गया था। राजनैतिक कठिनाइयों के कारण वे ज़्यादा दिन तक रुकने में असमर्थ थे, लेकिन उनकी साक्षी ने अच्छे फल उत्पन्न किए।
एक मिशनरी सॉन्टयॉगो, की मुलाक़ात ब्वॆनवॆनटूर, एक लम्बे, हट्टे-कट्टे व्यक्ति से हुई, जिसे स्थानीय लोग सुपरमैन के नाम से जानते थे। वह एक धार्मिक व्यक्ति था जो बाइबल का आदर करता था, फिर भी उसका उग्र मिज़ाज था। किसी पर हाथ उठाने के लिए थोड़ी-सी बेइज़्ज़ती उसके लिए काफ़ी थी। जब वह एक शराब-ख़ाने में गुस्सा हो गया, तो उपस्थित सभी लोग तितर-बितर हो गए, यहाँ तक कि उसके प्रहारों से बचने के लिए खिड़कियों से निकलकर भाग जाते। दरअसल, जब उसने सॉन्टयॉगो की बात सुनी, तो उसने उसकी धुनाई करने की मनसा की, यदि वह अपनी कही हुई बातों के लिए कोई विश्वासोत्पादक शास्त्रीय सबूत न दे सका। उसने ख़ुद से कहा, ‘कोई भी सुपरमैन को उल्लू नहीं बना सकता।’ जो उसने सुना था उससे वह मोहित हो उठा, ख़ास तौर पर परादीस पृथ्वी पर अनन्त जीवन की आशा के बारे में, सो वह बाइबल अध्ययन के लिए राज़ी हो गया।
जैसे-जैसे अध्ययन आगे बढ़ा, ब्वॆनवॆनटूर की परादीस में सर्वदा जीने की इच्छा मज़बूत होती गई, और उसने सीखा कि ऐसा ईनाम पाने के लिए उसे अपना जीवन परमेश्वर के स्तरों के अनुरूप करना होगा। यह समझते हुए कि सच्चे मसीहियों को “बुराई के बदले किसी से बुराई” नहीं करनी चाहिए, वह अपने मिज़ाज पर क़ाबू पाने के लिए गंभीर प्रयास करने लगा।—रोमियों १२:१७.
असली परीक्षा उस दिन हुई जब शराब-ख़ाने में उसने अनजाने में एक ग्राहक का गिलास गिरा दिया। वह व्यक्ति गुस्सा हो गया और उसे मारा। तुरन्त, एक लड़ाई छिड़ने की आशा करते हुए, शराब-ख़ाने में दूसरे लोग तितर-बितर हो गए। लेकिन ब्वॆनवॆनटूर ने नम्रतापूर्वक उस टूटे गिलास के पैसे दिए, उस व्यक्ति के लिए दोबारा जाम खरीदा, और अपने फूहड़पन के लिए माफ़ी माँगी। जब आस-पास के लोगों ने देखा कि बाइबल के अध्ययन ने उसमें ऐसे परिवर्तन किए हैं, तो अनेक लोग उसके साथ अध्ययन करने के इच्छुक थे। जिस समय ब्वॆनवॆनटूर का बपतिस्मा हुआ वह पहले ही पाँच बाइबल अध्ययन संचालित कर रहा था। उसने पिछले पाँच सालों से एक प्राचीन के तौर पर सेवा की है, और हालाँकि लोग उसे अब भी सुपरमैन पुकारते हैं, लेकिन वे अब ऐसा मज़ाक में कहते हैं।
“अपनी आध्यात्मिक ज़रूरत के प्रति सचेत”
सत्तरादि के दौरान कुछ स्थानीय साक्षी जितना बेहतर वे कर सकते थे उतना उन्होंने प्रचार करते और एक साथ मिलते रहना जारी रखा। बाद में, अनेक स्पैनिश मिशनरी जोड़े सहायता करने के लिए आए। ऑनद्रेस बोटेया, जिसने इक्वेटोरियल गिनी में १२ वर्षों तक सेवा की, याद करता है कि उसके आगमन के शीघ्र बाद, वह इस बात से प्रभावित हुआ था कि कैसे लोग सचमुच “अपनी आध्यात्मिक ज़रूरतों के प्रति सचेत” थे। (मत्ती ५:३, NW) वह कहता है, “ऐसे मूल्यांकन दिखानेवाले लोगों के साथ बाइबल अध्ययन करना एक वास्तविक ख़ुशी रही है।”
मेरी, एक स्पैनिश बहन, मॉरीआ नामक एक युवा महिला के साथ बाइबल का अध्ययन कर रही थी, जिसने बताया था कि उसके माता-पिता, फ्रॉनसिस्को और फैऑस्टॉ भी अध्ययन में दिलचस्पी रखते थे। क्योंकि मेरी १५ अध्ययन संचालित कर रही थी और मॉरीऑ के माता-पिता कुछ दूरी पर रहते थे, उसको उनसे भेंट करने में समर्थ होने से पहले कई सप्ताह गुज़र गए।
जब मेरी और उसका पति, सेरॉफीन, आख़िरकार उन माता-पिता से मिले तो उनके पास पहले से ही पुस्तक आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैंa और एक बाइबल थी, और वे अध्ययन शुरू करने के लिए उत्सुक थे। सो उन्होंने फ़ौरन शुरू कर दिया। सेरॉफीन ने ध्यान दिया कि मॉरीऑ के माता-पिता विषय से भलि-भाँति परिचित थे। यही बात दूसरी भेंट पर भी हुई जब उन्होंने दूसरे अध्याय का अध्ययन किया। सेरॉफीन बताता है, “यह बिलकुल दो बपतिस्मा-प्राप्त साक्षियों के साथ अध्ययन करने के समान था।” तीसरी भेंट में, क्योंकि वे विषय को इतनी अच्छी तरह जानते प्रतीत होते थे, सेरॉफीन ने यह जानने के लिए कि वास्तव में वे कितनी अच्छी तरह समझते हैं एक सवाल-जवाब के सत्र के प्रस्ताव का सुझाव दिया। उसने पाया कि फ्रॉनसिस्को और फैऑस्टॉ अपने आप पूरी पुस्तक का अध्ययन कर चुके थे!
उनके नव-प्राप्त ज्ञान ने उन्हें किस तरह प्रभावित किया था? उन्होंने जो सीखा था उसके अनुरूप, उन्होंने पहले ही प्रेतात्मवादी सभाओं में उपस्थित होना छोड़ दिया था और रोमन कैथोलिक चर्च के साथ अपने सम्बन्ध तोड़ दिए थे। इसके अलावा, फ्रॉनसिस्को ने सिगरेट पीना छोड़ दिया था, और वे अब ऐसा माँस नहीं खाते थे जिसमें से लहू अच्छी तरह निकाला न गया हो। क्योंकि उन्होंने जो सीखा था वे सभी बातें प्रत्यक्ष रूप से लागू की थीं, अपने ज्ञान को दूसरों के साथ बाँटना शुरू करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया गया। तुरन्त उन्होंने अपने पड़ोसियों को प्रचार करना शुरू कर दिया। मात्र तीन महीनों में, वे बपतिस्मे के लिए योग्य हो गए। फ्रॉनसिस्को अब एक सहायक सेवक है, और प्रचार कार्य में उनके उत्तम उदाहरण और जोश की बदौलत उनकी तीन बेटियाँ अब साक्षी हैं, दो बेटे सभाओं में उपस्थित होते हैं, और छः अन्य रिश्तेदार अध्ययन कर रहे हैं।
अपने बपतिस्मे के कुछ समय बाद ही फ्रॉनसिस्को, पॉबलो नामक एक भक्त कैथोलिक से मिला, जो अपने गिरजे में एक परिचर था। जब कभी पादरी नहीं होता था तो पॉबलो उपदेश दिया करता था। यदि कोई गिरजा सदस्य बीमार होता, तो वह भेंट करता था; यदि कोई बहुत दिनों तक गिरजे में नहीं दिखता था, तो पॉबलो प्रोत्साहन देने के लिए भेंट करता; और यदि कोई मर जाता, तो परिवार को सांत्वना देने के लिए वह जो कर सकता था वह करता। समझनेयोग्य है, पॉबलो को सभी गिरजा-सदस्य बहुत प्रेम करते थे।
क्योंकि पॉबलो को बाइबल के लिए गहरा आदर था, उसने फ्रॉनसिस्को की उसके साथ अध्ययन करने की पेशकश को झट से स्वीकार कर लिया। जल्द ही पॉबलो ने देखा कि बाइबल संदेश कितना तर्कसंगत था, और कुछ अध्ययनों के बाद, उसने जो थोड़े शास्त्रवचन सीखे थे, उनका प्रयोग गिरजे के एक बीमार सदस्य पर “रखवाली भेंट” के समय करने का निर्णय किया। उसके कुछ ही समय बाद, रविवार के अपने एक उपदेश में, पॉबलो ने परमेश्वर के नाम, यहोवा का प्रयोग करने के महत्त्व को समझाया, और यह कि हमें मूर्तियों का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए।
जिस प्रकार उसने तत्परता से सच्चाई को स्वीकार किया, उसने अपेक्षा की कि उसके गिरजे के अन्य सदस्य भी उसी रीति से प्रतिक्रिया दिखाएँगे। लेकिन ऐसे तीन या चार बाइबल-आधारित उपदेशों के बाद, पॉबलो ने ध्यान दिया कि जो जानकारी वह प्रस्तुत कर रहा था लोग उससे नाख़ुश थे। सो उसने गिरजे को छोड़ने और यहोवा के साक्षियों के साथ नियमित रूप से संगति करने का निर्णय किया। कुछ ही महीनों में, वह बपतिस्मे के लिए योग्य हो गया, और वह अब सुसमाचार का एक जोशीला प्रचारक है। हालाँकि वह पूर्ण-समय प्रचार करने में असमर्थ है, वह फ़िलहाल दस बाइबल अध्ययन संचालित कर रहा है।
एक साथ इकट्ठा होने के द्वारा बढ़ोतरी को बढ़ावा देना
इक्वेटोरियल गिनी के साक्षी एक साथ इकट्ठा होना न छोड़ने की बाइबल की आज्ञा को गंभीरतापूर्वक लेते हैं। (इब्रानियों १०:२५) १९९४ से जब कार्य को दोबारा सरकार द्वारा सरकारी मान्यता दी गई, तो भाई उपयुक्त राज्यगृहों को पाने के लिए उत्सुक रहे हैं। दरअसल, अधिकांश कलीसियाओं ने या तो अपने राज्यगृह आप बनाए हैं या बना रही हैं।
मॉनगॉमॉ में, जहाँ रविवार की सभा में उपस्थिति अकसर राज्य प्रकाशकों की संख्या से ढाई गुना ज़्यादा होती है, कलीसिया एक बड़े सभा स्थान का निर्माण करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। मॉनगॉमॉ में दूसरे धर्म आम तौर पर अपने गिरजों को बनाने के लिए मज़दूर किराए पर लेते हैं, सो स्थानीय साक्षियों की गतिविधि ध्यान आकर्षित किए बिना नहीं रही। एक दिन ईगलॆसीया नुएवा अपोसटोलीकॆ (नया प्रेरितिक चर्च) का पादरी एक प्रचीन से यह पूछने के लिए रुका कि वह इन मेहनती मज़दूरों को कितने पैसे दे रहा था। पादरी ने कहा कि हालाँकि उसने कुछ ऐसे राजमिस्त्रियों को काम पर लगाया था जो उसके अपने गिरजे के सदस्य थे, तब भी काम बहुत ही धीरे-धीरे चल रहा था। उसने सोचा कि क्या वह इन मज़दूरों को किराए पर ले सकता था जो राज्यगृह का निर्माण कर रहे थे। जब उसे बताया गया कि सभी साक्षी मुत्नत में कार्य कर रहे थे, तो वह हक्का-बक्का होकर चलता बना।
उनसे जो राज्यगृह से दूर रहते हैं सभाओं में उपस्थित होना शायद अधिक त्याग की माँग करे। चवॉन नामक एक युवक ने, जिसका बपतिस्मा १९९४ में हुआ था, इस स्थिति का सामना किया। उसने सच्चाई के बारे में गैबोन में सुना था, जहाँ उसने सर्वदा जीवित रहना पुस्तक के पहले आधे हिस्से का अध्ययन किया था। उसके बाद वह वापस इक्वेटोरियल गिनी, मॉनगॉमॉ से लगभग १०० किलोमीटर दूर अपने गाँव चला आया। अपना अध्ययन जारी रखने के लिए इस बात ने उसके सामने एक चुनौती प्रस्तुत की। लेकिन उसने हार नहीं मानी। हर महीने, उसने मॉनगॉमॉ तक साइकिल से आठ घंटे की यात्रा की, जहाँ एक स्थानीय प्राचीन, सानटीआगो उसके साथ एक अध्ययन संचालित करता। वह मॉनगॉमॉ में कुछ दिनों तक रहता और उस पड़ाव के दौरान तीन या चार बार अध्ययन करता। इस तरीक़े से वह अपना अध्ययन समाप्त करने और बपतिस्मे के लिए योग्य होने में समर्थ हुआ।
दूसरे मसीहियों के साथ इतनी कम संगति से चवॉन आध्यात्मिक रूप से मज़बूत कैसे रहता है? सबसे बढ़कर, सुसमाचार का जोशीला प्रचारक होने के द्वारा। उसने अपने गाँव के सभी लोगों को प्रचार किया है, और जिस समय उसका बपतिस्मा हुआ, वह १३ बाइबल अध्ययन संचालित कर रहा था। उसके छः विद्यार्थी मॉनगॉमॉ में ख़ास सम्मेलन दिवस पर उसके बपतिस्मे को देखने के लिए उसके साथ गए थे। वह अब अपने क्षेत्र के दिलचस्पी दिखानेवाले जनों के साथ एक नियमित प्रहरीदुर्ग अध्ययन संचालित करता है, और आम तौर पर उपस्थिति २० के लगभग होती है।
धीरज के साथ बीज को पानी देना
सभी आध्यात्मिक बढ़ोतरी शीघ्र नहीं होती है। कभी-कभी बीज को आख़िरकार फल उत्पन्न करता देखने के लिए काफ़ी धीरज की ज़रूरत होती है। यह पाका के मामले में सच था, जिसने पहले-पहल १९८४ में सुसमाचार सुना था जब एडीट, एक पायनियर बहन ने उसे बाज़ार में साक्षी दी थी। जब एडीट ने अगले सप्ताह पाका के घर भेंट की तो पाका एक बाइबल अध्ययन के लिए राज़ी हो गई। हालाँकि वह ज़्यादा उन्नति नहीं कर रही थी, एडीट लगी रही क्योंकि उसने पाका में अच्छे गुणों को भाँप लिया था। “वह भेड़-समान व्यक्ति प्रतीत होती थी,” एडीट समझाती है, “और मैंने यहोवा से प्रार्थना की कि वह उसका हृदय खोल दे।”
पाका ने साढ़े चार साल तक रोक-रोक कर अपने अध्ययन को जारी रखा लेकिन फिर भी बहुत कम उन्नति के साथ। सो जब उन्होंने सर्वदा जीवित रहना पुस्तक पूरी की, तब एडीट ने सच्चाई को गंभीरतापूर्वक लेने के महत्त्व के बारे में पाका से साफ़-साफ़ बात की। यहाँ तक कि पाका के हृदय तक पहुँचने के अपने प्रयास में, एडीट रोने लगी।
“उस हृदयस्पर्शी सलाह ने मुझे वाक़ई छू लिया” पाका याद करती है। “तब से मैंने अपने जीवन में परिवर्तन करने शुरू किए। मैंने ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल में नाम दर्ज करवाया, और उसी साल मैं एक बपतिस्मा-रहित प्रकाशक बन गई। जिस दिन आख़िरकार मेरा बपतिस्मा हुआ वह दिन मेरे जीवन का सबसे ज़्यादा ख़ुशी का दिन था!” पाका का वर्तमान उत्साह उसकी पहले की उदासीनता की विषमता में है। वह फ़िलहाल १३ बाइबल अध्ययन संचालित कर रही है, और वह उन लोगों के साथ जो शीघ्र उन्नति नहीं दिखाते निश्चय ही धीरज दिखाती है।
अपने जीवन को बेहतर बनाने में लोगों की मदद करना
बाइबल स्तरों के अनुसार जीने के द्वारा, इक्वेटोरियल गिनी में यहोवा के साक्षियों ने ईमानदारी और शिष्टता के लिए नाम कमाया है। एक व्यक्ति, जो कि स्पष्टतः उनके आचरण से प्रभावित हुआ था, बॉटा कलीसिया के एक प्राचीन के पास गया और पूछा: “क्या आपके पास एक रीज़निंग (अंग्रेज़ी) पुस्तक है?b मैं एक सांसारिक व्यक्ति होने से तंग आ गया हूँ। मैं एक यहोवा का साक्षी बनना चाहूँगा!”
मलॉबो कलीसिया में ऑनटोनयो नामक एक सहायक सेवक, ऐसे सांसारिक लोगों का ठेठ उदाहरण है जो साक्षी बने हैं। बाइबल का अध्ययन करने से पहले, वह एक दुराचारी जीवन बिताता था। एक घड़ी-साज़ के तौर पर कमाया हुआ अपना अधिकांश पैसा उसने पीने में उड़ा दिया, और वह अनैतिक जीवन भी जीता था। किस बात ने उसे अपनी जीवन-शैली को बदलने में मदद दी? वह १ कुरिन्थियों ६:९, १० में ज़ोरदार तरीक़े से जो कहा गया है उससे काफ़ी प्रभावित हुआ था: “धोखा न खाओ, न वेश्यगामी, . . . न पियक्कड़, . . . परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे।” उसे एहसास हुआ कि परमेश्वर का अनुग्रह पाने के लिए, उसे अपनी जीवन-शैली बदलना ज़रूरी है। इसके लिए वह अपनी संगति के प्रति सतर्क रहने लगा। (नीतिवचन १३:२०) जब पुराने दोस्तों ने पीने के लिए उसे आमंत्रित किया, तो उसने उनके आमंत्रण को अस्वीकार किया और इसके बजाय उन्हें साक्षी दी। जल्द ही उन्होंने उसे परेशान करना बन्द कर दिया।
क्या यह सभी प्रयास के योग्य था? “मैं अपनी जीवन-शैली को बदलने से बहुत ख़ुश हूँ” ऑनटोनयो समझाता है। “हालाँकि अब मैं अपने साठादि में हूँ मेरा स्वास्थ्य अब काफ़ी बेहतर है, जबकि मेरे पुराने दोस्त या तो मर चुके हैं या ख़राब स्वास्थ्य से पीड़ित हैं। ऐसे मित्र होने के बजाय जो मात्र ऐसा साथी चाहते हैं जो उनके अगले जाम के लिए पैसा देने को तैयार हो, अब मेरे पास सच्चे दोस्त हैं। सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण बात, परमेश्वर के साथ मेरा एक अच्छा सम्बन्ध है। अब मैं एक नियमित पायनियर के तौर पर सेवा कर रहा हूँ, और मैं एक ऐसे व्यक्ति के साथ बाइबल अध्ययन कर रहा हूँ जिसे भी पीने की समस्या है, सो मैं उसकी मदद करने के लिए अपना अनुभव प्रयोग कर सकता हूँ।”
परमेश्वर के दास बनना
लगभग २०० साल पहले, इक्वेटोरियल गिनी के समुद्र-तट से लोगों को पकड़ा जाता था और दासों के तौर पर जहाज़ द्वारा अमरीका में भेजा जाता था। आज, अनेक लोग स्वेच्छापूर्वक दास बन रहे हैं—परमेश्वर के दास। इस प्रकार की दासता का यह रूप उनके लिए सच्ची स्वतंत्रता लाया है, जिसने उन्हें बाबुलीय धर्म-सिद्धान्तों और प्रेतात्मवादी अभ्यासों से स्वतंत्र किया है। इसने उन्हें यह भी सिखाया है कि सन्तोषजनक और फलदायक जीवन कैसे जीएँ। उन्होंने उस बात को अनुभव किया है जिसकी प्रतिज्ञा यीशु ने की थी: “[तुम] सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा।”—यूहन्ना ८:३२.
वर्ष १९९५ के स्मारक समारोह में १,९३७ की उपस्थिति के साथ—जो कि देश के प्रकाशकों की संख्या का छः गुना है—और अधिक आध्यात्मिक बढ़ोतरी की उत्तम प्रत्याशा है। जैसे-जैसे इक्वेटोरियल गिनी में साक्षी उत्साहपूर्वक सच्चाई के बीज बो रहे और पानी दे रहे हैं, वे निश्चित हैं कि ‘परमेश्वर इसे बढ़ाएगा।’ (१ कुरिन्थियों ३:६) बिना किसी सन्देह के, इक्वेटोरियल गिनी में आध्यात्मिक बढ़ोतरी के लिए एक आदर्श वातावरण है!
[फुटनोट]
a वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित।
b वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित।