अपने स्थानीय मिशनरी क्षेत्र में भेंट करना
मसीही कलीसियाओं के जिस समूह में मैं भेंट करता हूँ, उसके लिए मुझे पुर्तगाल से चीन तक यात्रा करनी पड़ती है—या यह ऐसा ही प्रतीत होता है। फिर भी, मेरी पत्नी, ऑलिव और मैं कभी ब्रिटेन नहीं छोड़ते।
हम देश-भर में बिखरी हुई यहोवा के साक्षियों की बढ़ती संख्या में विदेशी-भाषीय कलीसियाओं से मिलते हैं। जर्सी के द्वीप से लेकर, जो फ्रांस के नॉरमंडी तट से कुछ २० किलोमीटर पर स्थित है, जहाँ हमारा पुर्तगाली समूह है, उत्तरी इंग्लैंड के संडरलैंड नगर तक, जहाँ हम दिलचस्पी रखनेवाले चीनी-भाषा के लोगों से भेंट करते हैं, हमारे पास एक पनपता, आध्यात्मिक रूप से समृद्ध, बहुभाषीय क्षेत्र है। हमें यह असाधारण नियुक्ति कैसे मिली? और हमारे स्थानीय मिशनरी क्षेत्र में क्या हो रहा है? मुझे समझाने दीजिए।
ऑलिव और मैंने सफ़री कार्य में हर सप्ताह एक भिन्न कलीसिया से भेंट करते हुए कुछ २० साल सेवा की है। हमारी यात्राएँ हमें उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक, पूरे ब्रिटेन में, और हाल ही में भूमध्य सागर के माल्टा द्वीप के हमारे मसीही भाइयों के पास ले गयीं, जहाँ हमने उल्लेखनीय मसीही पहुनाई का अनुभव किया। (प्रेरितों २८:१, २ से तुलना कीजिए।) माल्टा में तीन साल बिताने के पश्चात्, हम सोचने लगे कि हमारी अगली नियुक्ति कहाँ होगी। हमने कल्पना की कि हम संभवतः अंग्रेज़ों के एक ग्रामीण इलाक़े में भेंट करेंगे, और हमने इस संभावना के प्रति अपने मन को ढालना शुरू किया। क्या ही आश्चर्य की बात थी जब हमने इस नयी सर्किट में सेवा करने की अपनी नियुक्ति प्राप्त की जो २३ भिन्न-भिन्न भाषा बोलनेवाले समूह और कलीसियाओं से बनी थी!
हम सोच में पड़ गए कि हम कैसे निभा पाएँगे। माल्टा में हमारे अनुभव के अलावा, हम कभी-भी भिन्न पृष्ठभूमि और संस्कृति के लोगों के साथ घुले-मिले नहीं थे। क्या हम वास्तव में उन लोगों को प्रोत्साहित करने में समर्थ होंगे जो ज़्यादा अंग्रेज़ी नहीं समझते थे? बिना दूसरी भाषाओं के ज्ञान के हम कैसे संचार करेंगे? दूसरों के खान-पान और भिन्न रिवाज़ों के बारे में क्या? क्या हम अनुकूल हो पाएँगे? इस प्रकार के सवाल हमारे मन में आए जब हम प्रार्थनापूर्वक इस मकिदुनिया की पुकार का जवाब देने के लिए विचार कर रहे थे।—प्रेरितों १६:९, १०; १ कुरिन्थियों ९:१९-२२.
भाषा के रोड़े को पार करना
“शुरू-शुरू में तो मैंने अयोग्य महसूस किया क्योंकि मुझे भाषाओं का कोई ज्ञान नहीं था,” ऑलिव बताती है। “मुझे समझ में नहीं आया कि मैं बहनों की मदद कैसे कर सकूँगी। तब मुझे याद आया कि कैसे उस दंपत्ति ने, जिसने पहले हमारे साथ बाइबल का अध्ययन किया था, हमें प्रोत्साहित किया था कि हम कभी-भी किसी नियुक्ति से इंकार न करें। उन्होंने हमें सिखाया कि यहोवा हमसे कभी कोई ऐसा काम करने के लिए नहीं कहता जो हम कर नहीं सकते।” सो हम दोनों ने ख़ुशी-ख़ुशी इस नियुक्ति को स्वीकार किया।
विचार करने पर, हम देखते हैं कि दूसरी भाषा का ज्ञान होने की कमी ने हमें सभी लोगों से बिलकुल एक-जैसा बर्ताव करने में मदद की। मिसाल के तौर पर, प्रत्येक सप्ताह एक भिन्न भाषा में चलायी जा रही सभाओं में उपस्थित होने से हम इस बात को समझ पाए कि भाइयों को कैसा महसूस होता होगा जब उन्हें अंग्रेज़ी-भाषा की सभाओं में बैठना पड़ता था जबकि वे कही गयी बातों को बहुत कम समझ पाते थे। हमें दरअसल सभाओं के लिए अच्छी तरह से तैयारी करनी पड़ती है ताकि हम प्रस्तुत किए गए विषय का अर्थ समझ सकें। ऑलिव हमेशा सभाओं में एक सवाल का जवाब ज़रूर देती है। वह अंग्रेज़ी में जवाब तैयार करती है और अपने लिए एक बहन से उसका अनुवाद करवाती है, और वह इस अनुवाद के शब्दोच्चारण को लिख लेती है। वह स्वीकार करती है कि वह टिप्पणी करने के लिए हिचकिचाते हुए अपना हाथ ऊपर उठाती है। कभी-कभी उसके प्रयास पर कुछेक को हँसी आती है। लेकिन वह इससे निराश नहीं होती। “मुझे पता है कि भाई मेरी कोशिश की क़दर करते हैं,” वह कहती है। “दरअसल, मेरा जवाब देना उन लोगों को सभा में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करता है जो उस भाषा को ज़्यादा आसानी से बोल पाते हैं।”
मेरे लिए भाषण देना भी अलग बात है, क्योंकि मुझे हर वाक्य के बाद अनुवादक को समय देना पड़ता है। इससे बहुत आसानी से मेरी विचारधारा टूट जाती है। मैंने देखा कि मुझे बहुत ही ज़्यादा ध्यान देना पड़ता है और अपने विषय में काफ़ी काट-छाँट करनी पड़ती है। लेकिन मुझे मज़ा आता है।
हमारी विविध सेवकाई
ब्रिटेन के अनेक शहरी इलाक़ों में, विदेशी भाषा बोलनेवाले लोग बिखरे हुए हैं, शायद एक गली में दो जन, और फिर दूसरों को ढूँढ़ निकालने के लिए आपको कुछ दूरी तय करनी पड़ती है। फिर भी, जब आप उनको उनकी भाषा में नमस्ते बोलते हैं और प्रतिक्रिया देखते हैं, तो आपको महसूस होता है कि आपकी मेहनत रंग लाई। यदि मेरे साथवाला भाई गृहस्वामी की ही भाषा में राज्य संदेश सुनाता है, तो प्रतिक्रिया अकसर अत्यधिक आनंदप्रद होती है।
वाक़ई, विदेशी-भाषा के किसी क्षेत्र में सेवकाई हमारे सबसे उत्तेजक अनुभवों में से एक है जिसका हमने राज्य सेवा के अपने ४० वर्षों के दौरान अनुभव किया है। बढ़ोतरी की संभावना काफ़ी है। इसमें कोई शक नहीं कि जब लोगों को उनकी मातृभाषा में सिखाया जाता है तो अनेक लोग बहुत ही जल्दी और ज़्यादा गहरी क़दरदानी के साथ सीख लेते हैं। (प्रेरितों २:८, १४, ४१) सभा के अंत में भाई-बहनों को ख़ुशी के आँसू बहाते हुए देखना भावविह्वल कर देता है, कुछ-कुछ मामलों में ऐसा होता है कि पहली बार वे पूरे कार्यक्रम को सुनने और समझने में समर्थ हुए हैं।
घर-घर प्रचार करते वक़्त, हम गृहस्वामी की भाषा में कम-से-कम प्रस्तावना देने की कोशिश तो करते हैं, यद्यपि हम कभी-कभी अपने आपको कुछ मुश्किल में डाल देते हैं। मिसाल के तौर पर, गुजराती घर में एक आम अभिवादन है केमछो, जिसका अर्थ बस “कैसे हैं?” है। एक बार जब मैंने ग़लती से जो कहा वह ऐसा सुनाई पड़ा मानो मैं कॉफी के एक जाने-माने ब्रांड का विज्ञापन दे रहा था। फिर भी, एक घर में पति-पत्नी ने मुसकरा दिया जब मैंने उन्हें गुजराती में अभिवादन किया। उन्होंने फ़ौरन हमें अंदर बुलाया और शिष्टाचार से कॉफी पेश की—मेरे किसी ग़लत उच्चारण के कारण नहीं। ऐसा हुआ कि जिस समूह से हम भेंट कर रहे थे, वे उसी समूह के किन्हीं यहोवा के साक्षियों के रिश्तेदार थे, और उन्होंने सच्चाई में सच्ची दिलचस्पी दिखायी।
एक अंग्रेज़ी-बोलनेवाली बहन कुछ सालों से अकसर एक चीनी-बोलनेवाली महिला के पास पत्रिकाएँ छोड़ती थी। उसने कभी-कभी उस महिला को मुफ़्त गृह बाइबल अध्ययन की पेशकश भी की थी, लेकिन इसे इंकार कर दिया गया। एक दिन चीनी-भाषा सीख रही एक बहन उसके साथ गयी और उसी भाषा में आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं पुस्तक पेश की, जिसे दिलचस्पी रखनेवाली गृहस्वामी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।a अब जबकि उसके पास अपनी भाषा में पुस्तक थी, तो उसने बाइबल अध्ययन स्वीकार किया। महिला की अपनी भाषा में कहे गए उन चंद शब्दों ने कमाल कर दिया।
भिन्न-भिन्न संस्कृतियाँ
हमें यह एहसास नहीं हुआ था कि कुछ संस्कृतियों में पुरुषों को यह पसंद नहीं था कि उनके घर की स्त्रियाँ रात को अकेले बाहर जाएँ। यह बात अनेक बहनों के लिए शाम को रखी गयी सभाओं में उपस्थित होना बहुत कठिन बना देती है। कुछ एशियाई समाज ऐसा विश्वास करते हैं कि युवतियाँ जो विवाह नहीं करने का चुनाव करती हैं और घर पर ही रहती हैं, वे परिवार की बेइज़्ज़ती करती हैं। एक युवा बहन के पिता ने ज़हर खाना चाहा जब उसने उस व्यक्ति से विवाह करने से इंकार कर दिया जिसे उसके परिवार ने उसके लिए चुना था। जी हाँ, जो इन बहनों को झेलना पड़ता है, वह वाक़ई उल्लेखनीय है! फिर भी, जब आप परिवार के जीवन पर पड़े सच्चाई के प्रभाव को और यहोवा के प्रति उन बहनों की वफ़ादारी ने माता-पिता पर जो प्रभाव छोड़ा है, इन्हें देखते हैं, तो यह सचमुच अद्भुत है।
इस नियुक्ति को स्वीकारने में, हमें कुछ परिवर्तन करने पड़े हैं। सफ़री कार्य शुरू करने से पहले, मेरा भोजन सादा-सा अंग्रेज़ी-खानपान होता था, लेकिन अब भोजन जितना ज़्यादा मसालेदार होता है, उतना ही मज़ेदार होता है। हमें खेद है कि हमने इन भिन्न-भिन्न पाक-शैलियों—कच्ची मछली के टुकड़ों से लेकर मसालेदार व्यंजन तक—का आनंद उठाना शुरू करने से पहले अनेक साल यूँ ही बिता दिए।
उज्ज्वल संभावनाएँ
यह साफ़ नज़र आता है कि अनेक क्षेत्रों में विदेशी-भाषा के क्षेत्र के फलने-फूलने का समय यही है। अब भिन्न-भिन्न भाषाओं में और भी ज़्यादा प्रकाशन उपलब्ध हैं। जैसे-जैसे नयी कलीसियाएँ संगठित होती जाती हैं, आप यहोवा की आशीष को भाँप सकते हैं। दूसरी भाषाओं को जाननेवाले भाई दूर-दूर से मदद करने के लिए आते हैं।
फ्रांसीसी में राज्य सुसमाचार के प्रचार के प्रति अनुक्रिया एक उल्लेखनीय मिसाल रही है। ज़ाएर और अन्य अफ्रीकी देशों से अनेक फ्रांसीसी-बोलनेवाले शरणार्थी हाल के वर्षों में ब्रिटेन आए हैं। लंदन में जब पहली फ्रांसीसी-भाषा की कलीसिया बनी थी, तब कुछ ६५ राज्य प्रकाशक संगति करते थे। साल-भर बाद यह संख्या बढ़कर ११७ हो गयी, और इनमें से, ४८ लोग नियमित पायनियरों के तौर पर पूर्ण-समय सेवा करते थे। जल्द ही बढ़ती दिलचस्पी को संभालने के लिए एक और कलीसिया स्थापित की गयी। अब दिलचस्पी दिखानेवालों की ओर ज़्यादा ध्यान दिया जा सकता है, जिनमें से ३४५ लोग १९९५ के स्मारकोत्सव में उपस्थित हुए थे। बॆनिन, कोत दीवॉर, मोरोक्को, और ज़ाएर में सेवा कर चुके भूतपूर्व गिलियड स्तानक, अब अपने अनुभव को इस बढ़ते क्षेत्र को संभालने में लगा रहे हैं, और प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक है।
फ्रांसीसी कलीसिया से एक बार भेंट करते वक़्त, मैं एक अफ्रीकी युवती के बाइबल अध्ययन के लिए साथ गया। जब हमें लौटना पड़ा, तब उस युवती ने विनती की: “कृपया मत जाइए। थोड़ी देर और रुक जाइए।” वह बस और जानना चाहती थी। उसने मुझे प्रथम शताब्दी की लुदिया की याद दिलायी।—प्रेरितों १६:१४, १५.
हमारा प्रारंभिक कार्य विदेशी-भाषा के छोटे-छोटे समूहों को कलीसिया बनने में मदद करना रहा है। जहाँ भाई साप्ताहिक कलीसिया पुस्तक अध्ययन आयोजित करते थे, वहाँ हमने उनके लिए महीने में एक बार एक संक्षिप्त ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल शुरू किया। यह उन्हें क्षेत्र सेवकाई में अपने आपको अच्छी तरह से व्यक्त करने में मदद करता है। फिर वे सभी पाँच साप्ताहिक कलीसिया सभाओं को आयोजित करने का धीरे-धीरे प्रयास करते हैं। पहले ही हमारे पास ऐसी नयी कलीसियाएँ हैं जिनमें गुजराती, चीनी (कैनटनीज़), जापानी, पंजाबी, पुर्तगाली, फ्रांसीसी, तमिल, और वॆल्श भाषा प्रयोग की जाती है।
हमने बधिर भाइयों की सभाओं में उपस्थित होने के विशेषाधिकार का भी आनंद लिया है। भाइयों को अपने हाथों से गाते हुए देखना सचमुच भावविह्वल करता है। यह समझते हुए कि वे अपनी सेवकाई में इशारों के ज़रिए बात करते हैं, मैं राज्य प्रचार-कार्य में हिस्सा लेने के उनके अत्युत्तम प्रयासों के लिए उनकी क़दर करता हूँ। ऐसे लोगों के लिए ख़ास क़िस्म के अनुवादक भी हैं, जो दोनों, बहरे और अंधे हैं। ऐसा लगता है कि यहोवा यह निश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति छूट न जाए।
यदि हमें कोई ख़ास दरख़्वास्त करनी पड़ती, तो यह वही होती जो यीशु ने की थी: “खेत के स्वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे।” (मत्ती ९:३८) हमारे अनेक भाई अपनी कलीसिया के क्षेत्र के नृजातीय समूहों की भाषा सीखने की चुनौती को स्वीकार कर रहे हैं। हालाँकि हमें चमत्कारिक रूप से भिन्न-भिन्न भाषा बोलने की क्षमता का वरदान नहीं दिया गया है, यहोवा निश्चय ही इस स्थानीय मिशनरी क्षेत्र में—ऐसा क्षेत्र जो कटनी के लिए तैयार है—सेवकाई का द्वार खोल रहा है। (यूहन्ना ४:३५, ३६)—कॉलन सीमोर द्वारा बताया गया।
[फुटनोट]
a वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित।