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  • पायनियर सेवकाई की आशीषें

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  • पायनियर सेवकाई की आशीषें
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1997
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1997
w97 10/15 पेज 18-23

पायनियर सेवकाई की आशीषें

“यहोवा की आशीष—यही है जो धनी बनाती है, और वह इसके साथ दुःख नहीं देता।”—नीतिवचन १०:२२, NW.

१, २. (क) पूर्ण-समय की सेवकाई के बारे में एक पायनियर ने अपनी भावनाओं को कैसे व्यक्‍त किया? (ख) पायनियर चेला बनाने की ख़ुशियों को और अधिक अनुभव करने की स्थिति में क्यों हैं?

“जिस व्यक्‍ति के साथ आपने अध्ययन किया हो, उसे यहोवा का एक सक्रिय स्तुतिकर्ता बनते हुए देखने से ज़्यादा क्या कोई और ख़ुशी की बात हो सकती है? यह देखना रोमांचक और विश्‍वास-वर्धक है कि परमेश्‍वर का वचन लोगों को अपने जीवन में परिवर्तन करने के लिए प्रेरित करने में कितना शक्‍तिशाली है ताकि वे यहोवा को प्रसन्‍न करें।” इस प्रकार कनाडा के एक पायनियर ने लिखा जो ३२ साल से पूर्ण-समय की सेवकाई में रहा है। अपनी पायनियर सेवकाई के बारे में वह कहता है: “मैं कुछ और काम करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। वाक़ई मैं ऐसे किसी भी काम के बारे में नहीं सोच सकता जो ऐसी ही ख़ुशी ला सकता हो।”

२ क्या आप सहमत हैं कि एक व्यक्‍ति को जीवन के मार्ग पर लाने में मदद करने के लिए कुछ करना बहुत ज़्यादा ख़ुशी लाता है? बेशक, पायनियर ही अकेले नहीं हैं जो ऐसी ख़ुशी का अनुभव करते हैं। यहोवा के सभी सेवकों को यह आज्ञा दी गयी है कि ‘लोगों को चेला बनाएँ,’ और वे ऐसा करने की जी-तोड़ कोशिश करते हैं। (मत्ती २८:१९) बहरहाल, चूँकि पायनियर लोग क्षेत्र सेवकाई में अनेक घंटे बिता सकते हैं, अकसर वे चेला-बनाने की ख़ुशियों को अधिक पूर्ण रूप से अनुभव करने की स्थिति में होते हैं। लेकिन पायनियर-कार्य के और भी प्रतिफल हैं। पायनियरों से बात कीजिए, और वे लोग आपको बताएँगे कि पायनियर-कार्य ‘यहोवा की उस आशीष’ का अनुभव करने का एक अद्‌भुत तरीक़ा है ‘जो व्यक्‍ति को धनी बनाती है।’—नीतिवचन १०:२२, NW.

३. जैसे-जैसे हम यहोवा की सेवा करना बरक़रार रखते हैं, कौन-सी बात हमें प्रेरित कर सकती है?

३ हाल ही में, दुनिया के विभिन्‍न भागों के पायनियरों से उन आशीषों का वर्णन करने के लिए कहा गया जिनका उन्होंने पूर्ण-समय की सेवकाई में अनुभव किया है। आइए ग़ौर करें कि वे क्या कहना चाहते हैं। लेकिन, अगर आपकी सेवा ख़राब स्वास्थ्य, ढलती उम्र, या अन्य स्थितियों की वज़ह से सीमित है, तो निराश मत होइए। याद रखिए, महत्त्वपूर्ण बात है तन मन से यहोवा की सेवा करना, किसी भी हैसियत में। फिर भी, शायद कुछ पायनियरों की टिप्पणियाँ सुनने से, अगर संभव हो तो, इस प्रतिफलदायक गतिविधि को अपनाने में शायद आपकी दिलचस्पी बढ़ सकती है।

संतुष्टि और ख़ुशी की गहरी भावनाएँ

४, ५. (क) दूसरों के साथ सुसमाचार बाँटना एक प्रतिफलदायक अनुभव क्यों है? (ख) सेवकाई में पूर्ण-समय भाग लेने के बारे में पायनियर कैसा महसूस करते हैं?

४ यीशु ने कहा: “लेने से देना धन्य है।” (प्रेरितों २०:३५) जी हाँ, निःस्वार्थ रूप से देने के अपने ही प्रतिफल होते हैं। (नीतिवचन ११:२५) यह ख़ासकर तब सच होता है जब दूसरों के साथ सुसमाचार बाँटने की बात आती है। सचमुच, हम एक संगी मनुष्य को अनंत जीवन की ओर ले जानेवाले, परमेश्‍वर के ज्ञान को लेने में मदद करने से बड़ी भेंट और क्या दे सकते हैं?—यूहन्‍ना १७:३.

५ इसमें कोई ताज्जुब नहीं कि पूर्ण-समय की सेवकाई में भाग लेनेवाले अकसर उस ख़ुशी और उपलब्धि के गहरे बोध पर टिप्पणी करते हैं जिसे वे अपनी सेवकाई से प्राप्त करते हैं। ब्रिटॆन से एक ६४-वर्षीय पायनियर कहता है: “मैं जानता हूँ कि किसी भी अन्य काम से मुझे वह संतुष्टि नहीं मिलती जो दूसरों के साथ सच्चाई बाँटने से मुझे मिली है।” ज़ाएर से एक विधवा ने व्यक्‍त किया कि उसके लिए पायनियर-कार्य ने क्या किया है: “अपने प्रिय पति को खो देने के बाद, पायनियर सेवा से मुझे सच्ची सांत्वना मिली। दूसरों की मदद करने के लिए मैं जितनी ज़्यादा सेवकाई करती हूँ, उस दुःखद जुदाई को मैं उतना ही कम महसूस करती हूँ। मैं यहोवा की प्रतिज्ञाओं पर अपना विश्‍वास रखती हूँ और ज़्यादातर इसी बारे में सोचती हूँ कि कैसे मैं उन लोगों के जीवन में परिवर्तन करने के लिए मदद कर सकती हूँ जिनके साथ मैं अध्ययन कर रही हूँ। हर दिन के अंत में, मुझे मीठी नींद आती है, और मेरा दिल ख़ुशी से भरा रहता है।”

६. कुछ पायनियरों ने कौन-से विशेष आनंद का अनुभव किया है?

६ ऐसे कुछ लोगों को, जो कई दशकों से पायनियर-कार्य कर रहे हैं, पृथक्‌ क्षेत्रों में सेवा करने, और कलीसियाएँ स्थापित करने का, जो धीरे-धीरे सर्किटों में बदल गयीं, विशेष आनंद मिला है। उदाहरण के लिए, आबाशीरी, होकाइडो, (जापान का उत्तरत्तम द्वीप) में, एक बहन है जो ३३ सालों से पायनियर रही है। वह याद करती है कि—पूरे होकाइडो के लिए—हमारे पहले सर्किट सम्मेलन में केवल ७० लोग उपस्थित थे। और अब? उस द्वीप में १२ सर्किट हैं, जिनमें १२,००० से भी ज़्यादा प्रकाशक हैं। ज़रा सोचिए कि कैसे उसका हृदय ख़ुशी से उमड़ता है जब वह उस द्वीप पर राज्य उद्‌घोषकों के झुंड के साथ सम्मेलनों और अधिवेशनों में उपस्थित होती है!

७, ८. लंबे समय से सेवा कर रहे अधिकांश पायनियरों ने किस ख़ुशी का अनुभव किया है?

७ लंबे समय से सेवा कर रहे अन्य पायनियरों को बाइबल विद्यार्थियों को बपतिस्मा प्राप्त करने के बाद सेवा के बड़े विशेषाधिकारों के लिए आगे बढ़ते हुए देखने की ख़ुशी मिली है। जापान में एक बहन जिसने १९५७ से नौ विभिन्‍न पायनियर नियुक्‍तियों में सेवा की है, याद करती है कि उसने बैंक में एक जवान स्त्री को एक सजग होइए! पत्रिका दी थी। नौ महीनों के अंदर ही उस जवान स्त्री ने बपतिस्मा लिया। बाद में उसने विवाह किया, और वह और उसका पति ख़ास पायनियर बन गए। उस पायनियर बहन के लिए क्या ही ख़ुशी की बात थी जब अपनी तीसरी नियुक्‍ति में, उसकी कलीसिया में उसके नए सर्किट ओवरसियर और उसकी पत्नी—उसकी भूतपूर्व बाइबल विद्यार्थी—ने भेंट की!

८ इसमें कोई आश्‍चर्य नहीं कि जिन लोगों ने पायनियर सेवकाई को एक पेशा बनाया है, वे उसे “एक बहुमूल्य विशेषाधिकार” समझते हैं, “जिसे संजोए रखना चाहिए।” इस प्रकार २२ वर्ष से पायनियर रहे एक व्यक्‍ति ने अपने दिल की बात व्यक्‍त की!

यहोवा की चिंता का प्रमाण

९. महान दाता की हैसियत से, यहोवा अपने सेवकों से कौन-सी प्रतिज्ञा करता है, और हमारे लिए इसका क्या अर्थ है?

९ महान दाता, यहोवा प्रतिज्ञा करता है कि वह अपने सेवकों को पोषित करेगा, और आध्यात्मिक तथा भौतिक रूप से उनकी देखभाल करेगा। प्राचीन राजा दाऊद ठीक ही कह सका: “मैं लड़कपन से लेकर बुढ़ापे तक देखता आया हूं; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े मांगते देखा है।” (भजन ३७:२५) बेशक, यह ईश्‍वरीय गारंटी हमें अपने परिवारों के लिए भौतिक रूप से भरण-पोषण करने की बाध्यता से मुक्‍त नहीं करती, ना ही यह हमें अपने मसीही भाइयों की उदारता के आदी हो जाने की छूट देती है। (१ थिस्सलुनीकियों ४:११, १२; १ तीमुथियुस ५:८) फिर भी, जब हम यहोवा की सेवा अधिक पूर्ण रूप से करने के लिए स्वेच्छापूर्वक त्याग करते हैं, तो वह हमें कभी नहीं तजेगा।—मत्ती ६:३३.

१०, ११. अपने अनुभव से, अनेक पायनियर प्रबंध करने की यहोवा की क्षमता के बारे में क्या जानते हैं?

१० दुनिया भर के पायनियर अनुभव से जानते हैं कि यहोवा उन लोगों के लिए प्रबंध करता है जो अपने आपको उसके परवाह करनेवाले हाथों के हवाले कर देते हैं। एक पायनियर दंपति के मामले पर ग़ौर कीजिए जो एक छोटे से क़सबे में चले गए जहाँ राज्य प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत थी। कुछ ही महीनों में, काम मिलना बंद हो गया, और उनकी जमा-पूँजी भी ख़त्म होने लगी। तब उन्हें $८१ का कार-बीमा का बिल प्राप्त हुआ। “हमारे पास इसे चुकाने का कोई भी रास्ता नहीं था,” भाई समझाता है। “हमने उस रात बहुत ही तीव्र प्रार्थना की।” अगले दिन, उन्हें एक परिवार से एक ख़त मिला जो ख़ुद आर्थिक रूप से तंगी में थे। ख़त में लिखा था कि उस परिवार को कर-वापसी मिली थी, और चूँकि जितनी उन्होंने अपेक्षा की थी यह उससे ज़्यादा थी, वे उस पायनियर दंपति के साथ उसे बाँटना चाहते थे। अंदर $८१ का चेक था! “मैं वह दिन कभी नहीं भूलूँगा—मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे!” पायनियर भाई कहता है। “हमने उस परिवार की उदारता की कितनी क़दर की।” यहोवा भी ऐसी कृपा की क़दर करता है, जो उस उदार भावना की ख़ासियत है जिसके लिए वह अपने सेवकों को प्रोत्साहन देता है।—नीतिवचन १९:१७; इब्रानियों १३:१६.

११ अनेक पायनियर इसी तरह के अनुभव बता सकते हैं। उनसे पूछिए, और वे बताएँगे कि वे कभी-भी पूरी तरह से ‘त्यागे हुए’ नहीं थे। ५५ से भी ज़्यादा साल की पूर्ण-समय की सेवकाई पर नज़र दौड़ाते हुए, एक ७२-वर्षीय पायनियर कहता है, “यहोवा ने कभी-भी मुझे निराश नहीं किया है।”—इब्रानियों १३:५, ६.

“यहोवा के निकट आने का सर्वोत्कृष्ठ तरीक़ा”

१२. सुसमाचार की उद्‌घोषणा करने का काम इतना उल्लेखनीय विशेषाधिकार क्यों है?

१२ यहोवा हमें अपने राज्य के सुसमाचार की उद्‌घोषणा करने के लिए कहता है, यही हमारे लिए एक विशेषाधिकार है। वह इस जीवन-बचानेवाले काम में हमें—हालाँकि हम अपरिपूर्ण मनुष्य हैं—अपना “सहकर्मी” समझता है। (१ कुरिन्थियों ३:९; १ तीमुथियुस ४:१६) जैसे-जैसे हम दूसरों को परमेश्‍वर के राज्य के बारे में प्रचार करते हैं, जैसे-जैसे हम दुष्टता के अंत की उद्‌घोषणा करते हैं, जैसे-जैसे हम लोगों को छुटकारा प्रदान करने में उसके अद्‌भुत प्रेम के बारे में समझाते हैं, जैसे-जैसे हम उसका जीवता वचन खोलकर उसके बहुमूल्य विषय सत्हृदयी लोगों को सिखाते हैं, स्वाभाविक रूप से ही हम अपने सृष्टिकर्ता, यहोवा के निकट आते हैं।—भजन १४५:११; यूहन्‍ना ३:१६; इब्रानियों ४:१२.

१३. कुछ लोग यहोवा के साथ उनके रिश्‍ते पर अपनी पायनियर सेवकाई के प्रभाव के बारे में क्या कहते हैं?

१३ पायनियर लोग हर महीने यहोवा के बारे में सीखने में और सिखाने में काफ़ी समय बिता पाते हैं। परमेश्‍वर के साथ अपने रिश्‍ते पर इसका वे कैसा प्रभाव महसूस करते हैं? “पायनियर-कार्य यहोवा के निकट आने का सर्वोत्कृष्ठ तरीक़ा है,” फ्रांस का एक प्राचीन जवाब देता है जो दस से भी अधिक सालों से पायनियर रहा है। उसी देश का एक और पायनियर, जिसने पूर्ण-समय की सेवकाई में १८ से भी ज़्यादा साल बिताएँ हैं, कहता है: “पायनियर सेवा हमें यह ‘परखने देती है कि यहोवा भला है,’ और रोज़-ब-रोज़ अपने सृष्टिकर्ता के साथ एक और भी मज़बूत रिश्‍ता बनाने का मौक़ा देती है।” (भजन ३४:८) ब्रिटॆन की एक बहन, जो ३० साल से पायनियर रही है, ऐसा ही महसूस करती है। “अपनी सेवकाई में मार्गदर्शन के लिए यहोवा की ओर देखना मुझे उसके और अधिक निकट लाता है,” वह कहती है। “मैंने वास्तव में महसूस किया है कि कई बार यहोवा की आत्मा ने मुझे सही समय पर किसी ख़ास घर की ओर निर्दिष्ट किया।”—प्रेरितों १६:६-१० से तुलना कीजिए।

१४. दूसरों को सिखाने के लिए रोज़-ब-रोज़ बाइबल और बाइबल-आधारित प्रकाशनों का इस्तेमाल करने से पायनियर कैसे लाभ उठाते हैं?

१४ अनेक पायनियर पाते हैं कि शास्त्रीय सच्चाइयाँ समझाने और सिखाने के लिए रोज़-ब-रोज़ बाइबल और बाइबल-आधारित साहित्य इस्तेमाल करने से परमेश्‍वर के वचन के ज्ञान में बढ़ने में उन्हें मदद मिलती है। स्पेन का एक ८५-वर्षीय भाई जो ३१ सालों से पायनियर रह चुका है, समझाता है: “पायनियर-कार्य ने मुझे बाइबल का गहरा ज्ञान लेने में मदद की है, ऐसा ज्ञान जिसे मैंने अनेक लोगों को यहोवा और उसके उद्देश्‍यों को जानने में मदद करने के लिए इस्तेमाल किया है।” ब्रिटॆन की एक बहन जो २३ साल से पायनियर-कार्य कर रही है, कहती है: “पूर्ण-समय की सेवकाई ने मुझे आध्यात्मिक भोजन के लिए अच्छी भूख विकसित करने में मदद की है।” ‘हमारी आशा’ का कारण दूसरों को समझाना हमारे अपने विश्‍वासों के बारे में ख़ुद के दृढ़-निश्‍चय को मज़बूत कर सकता है जिन्हें हम प्रिय समझते हैं। (१ पतरस ३:१५) ऑस्ट्रेलिया से एक पायनियर कहता है: “पायनियर-कार्य मेरे विश्‍वास को बढ़ाता है जब मैं ख़ुद को दूसरों के सामने व्यक्‍त करता हूँ।”

१५. पायनियर सेवकाई में प्रवेश करने और उसमें बने रहने के लिए अनेक लोग क्या करने के लिए तत्पर रहे हैं, और क्यों?

१५ स्पष्ट रूप से, ये पायनियर सेवक विश्‍वस्त हैं कि उन्होंने एक ऐसे प्रकार की सेवा चुनी है जो यहोवा से अनगिनत आशीषें लाती है। कोई ताज्जुब नहीं कि पायनियर सेवकाई में प्रवेश करने और उसमें बने रहने के लिए अनेक लोग अपने जीवन में समंजन करने, यहाँ तक कि एक लौकिक पेशा और भौतिक धन त्यागने के लिए भी तत्पर रहे हैं!—नीतिवचन २८:२०.

क्या आपका दिल अधिक करने के लिए तरसता है?

१६, १७. (क) अगर आप सोच रहे हैं कि पायनियर-कार्य आपके लिए संभव है या नहीं, तो आप क्या कर सकते हैं? (ख) कुछ लोग पायनियर-कार्य न कर पाने पर कैसा महसूस करते हैं?

१६ पायनियर सेवकाई की आशीषों के बारे में पायनियर जो कहते हैं उस पर ग़ौर करने के बाद, आप शायद सोच रहे हों कि पायनियर-कार्य आपके लिए व्यावहारिक है या नहीं। अगर ऐसा है, तो क्यों न एक ऐसे पायनियर से बात करें जिसने पूर्ण-समय की सेवकाई में सफलता हासिल की है? आप कलीसिया में एक ऐसे प्राचीन से बात करना भी मददगार पाएँगे जो आपको, यानी आपके स्वास्थ्य, आपकी सीमाओं, और आपकी पारिवारिक ज़िम्मेदारियों को जानता है। (नीतिवचन १५:२२) दूसरों की वास्तविक टिप्पणियाँ शायद आपको यह ध्यानपूर्वक आँकने में मदद करें कि पायनियर-कार्य आपके लिए संभव है या नहीं। (लूका १४:२८ से तुलना कीजिए।) अगर आप पायनियर-कार्य कर सकते हैं, तो आपको सचमुच बहुतायत में आशीषें मिलेंगी।—मलाकी ३:१०.

१७ लेकिन, उन अनेक वफ़ादार राज्य प्रकाशकों के बारे में क्या जो पायनियर-कार्य करने की स्थिति में नहीं हैं, हालाँकि शायद वे सेवकाई में और भी अधिक करने के लिए तरसते हैं? उदाहरण के लिए, एक मसीही बहन की भावनाओं पर ध्यान दीजिए जो अपने ही बल-बूते पर अपने चार बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए खून-पसीना एक कर रही है। “मुझे दुःख होता है,” वह कहती है, “क्योंकि मैं कभी नियमित पायनियर हुआ करती थी, लेकिन अब, मेरे हालात की वज़ह से, मैं क्षेत्र सेवकाई में उतना नहीं जा सकती जितना मैं पहले जाया करती थी।” यह बहन अपने बच्चों से बेहद प्यार करती है और उनका पालन-पोषण करना चाहती है। साथ ही, वह प्रचार कार्य में और अधिक करने के लिए तरसती है। “मुझे सेवकाई बहुत पसंद है,” वह समझाती है। इसी तरह की भावनाएँ अन्य समर्पित मसीहियों की भी हैं जिनका परमेश्‍वर के लिए प्रेम उन्हें “सम्पूर्ण मन से” यहोवा की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है।—भजन ८६:१२.

१८. (क) यहोवा हमसे किसकी अपेक्षा करता है? (ख) हमें निरुत्साहित क्यों नहीं होना चाहिए अगर हम जो कर सकते हैं उसे हालात सीमित कर दें?

१८ याद रखिए कि जो यहोवा हमसे अपेक्षा करता है वह है तन मन से की गयी सेवा। अलग-अलग लोगों के लिए यह कितनी होगी उसमें काफ़ी अंतर हो सकता है। कुछ लोग अपनी स्थिति में समंजन कर पाते हैं ताकि नियमित पायनियर के रूप में सेवा करें। अन्य अनेक लोग सहायक पायनियर के रूप में नाम दर्ज़ कराते हैं, कभी-कभार या फिर नियमित रूप से, और सेवकाई में हर महीने ६० घंटे बिताते हैं। लेकिन, यहोवा के लोगों की अधिकांश संख्या, कलीसिया प्रकाशकों के रूप में तन मन से प्रचार और सिखाने के कार्य में ख़ुद को समर्पित करती है। सो अगर ख़राब स्वास्थ्य, ढलती उम्र, पारिवारिक ज़िम्मेदारियों या दूसरे किसी कारण से सचमुच आप पर बंदिशें हैं, तो हताश मत होइए। जब तक कि आप अपना सर्वोत्तम देते हैं, परमेश्‍वर की नज़रों में आपकी सेवा मूल्यवान है, ठीक जैसे उनकी है जो पूर्ण-समय की सेवकाई में हैं!

सभी लोग पायनियर आत्मा दिखा सकते हैं

१९. यह पायनियर आत्मा क्या है?

१९ हालाँकि आप शायद एक पायनियर के रूप में नाम दर्ज़ नहीं करा सकते, आप पायनियर आत्मा दिखा सकते हैं। यह पायनियर आत्मा क्या है? हमारी राज्य सेवकाई (अंग्रेज़ी) के जुलाई १९८८ अंक ने कहा: “इसकी परिभाषा ऐसे दी जा सकती है कि प्रचार करने और चेला बनाने की आज्ञा के प्रति एक सकारात्मक मनोवृत्ति रखना, लोगों के प्रति प्रेम और चिंता दिखाने के लिए पूरी तरह समर्पित होना, आत्म-त्यागी होना, स्वामी का नज़दीकी से अनुकरण करने में ख़ुशी पाना, और भौतिक नहीं, आध्यात्मिक बातों में आनंद लेना।” आप पायनियर आत्मा कैसे दिखा सकते हैं?

२०. माता-पिता पायनियर आत्मा कैसे दिखा सकते हैं?

२० अगर आप एक माता या पिता हैं और आपके बच्चे छोटे हैं, तो आप उन्हें पूरे दिल से प्रोत्साहन दे सकते हैं कि पायनियर के रूप में एक पेशा अपनाएँ। सेवकाई के प्रति आपका सकारात्मक दृष्टिकोण, यहोवा की सेवा को जीवन में सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य बनाने की ज़रूरत को उनके हृदय में बिठा सकता है। आप पायनियरों और सफ़री ओवरसियरों तथा उनकी पत्नियों को अपने घर आमंत्रित कर सकते हैं ताकि आपके बच्चे उन लोगों के उदाहरणों से लाभ प्राप्त करें जिन्होंने पूर्ण-समय की सेवकाई में ख़ुशी प्राप्त की है। (इब्रानियों १३:७ से तुलना कीजिए।) धार्मिक रूप से विभाजित घरों में भी, विश्‍वासी माता-पिता बातों और उदाहरण से अपने बच्चों को जीवन में पूर्ण-समय की सेवकाई को एक लक्ष्य बनाने में मदद दे सकते हैं।—२ तीमुथियुस १:५; ३:१५.

२१. (क) हम सभी लोग उनको सहारा कैसे दे सकते हैं जो पायनियर-कार्य कर रहे हैं? (ख) पायनियरों को प्रोत्साहित करने के लिए प्राचीन क्या कर सकते हैं?

२१ कलीसिया में, हम सभी उन लोगों को तन मन से सहारा दे सकते हैं जो पायनियर-कार्य कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, क्या आप सेवकाई में किसी पायनियर के साथ कार्य करने के लिए ख़ास प्रयास कर सकते हैं, ख़ासकर जब वह पायनियर अकेले काम कर रहा/रही हो? आप ज़रूर पाएँगे कि आप ‘आपस में एक दूसरे से प्रोत्साहित हुए हैं।’ (रोमियों १:११, १२) अगर आप एक प्राचीन हैं, तो आप पायनियरों को प्रोत्साहित करने के लिए और भी अधिक कर सकते हैं। जब प्राचीनों का निकाय मिलता है, तो उन्हें नियमित रूप से पायनियरों की ज़रूरतों पर ग़ौर करना चाहिए। जब एक पायनियर निरुत्साहित है या कुछ कठिनाइयों का अनुभव कर रहा है, तो यह सुझाने में जल्दबाज़ मत होइए कि वह भाई या बहन पायनियर-कार्य छोड़ दे। जबकि ऐसा सुझाव देना कुछ मामलों में आवश्‍यक हो, यह कभी मत भूलिए कि पायनियर-कार्य एक ऐसा बहुमूल्य विशेषाधिकार है जिसे पूर्ण-समय का सेवक गहराई से संजोए रख सकता है। शायद थोड़े से प्रोत्साहन और कुछ व्यावहारिक सलाह या मदद की ही ज़रूरत हो। स्पेन में संस्था का शाखा दफ़्तर लिखता है: “जब प्राचीन पायनियर-कार्य का प्रोत्साहन देते हैं, क्षेत्र सेवकाई में पायनियरों को सहारा देते हैं, और नियमित रूप से उनकी चरवाही करते हैं, तब पायनियरों को और अधिक ख़ुशी होती है, वे उपयोगी महसूस करते हैं, और शायद उठ खड़ी होनेवाली बाधाओं के बावजूद [पायनियर-कार्य] जारी रखना चाहते हैं।”

२२. मानव इतिहास के इस कठिन समय में, हमें क्या करने के लिए दृढ़-निश्‍चयी होना चाहिए?

२२ हम मानव इतिहास के कठिन समय में जी रहे हैं। यहोवा ने हमें पूरा करने के लिए एक जीवन-रक्षक काम दिया है। (रोमियों १०:१३, १४) चाहे हम इस कार्य में पायनियरों के रूप में पूर्ण-समय काम कर सकते हों या नहीं, आइए हम पायनियर आत्मा दिखाएँ। हमारे पास अत्यावश्‍यकता की भावना और आत्म-त्याग की आत्मा हो। आइए हम यहोवा को वह देने के लिए दृढ़-निश्‍चयी हों जो वह हमसे माँगता है—तन मन से की गयी सेवा। और आइए हम याद रखें कि जब हम वह सब कुछ देते हैं जितना हम दे सकते हैं, तो चाहे वह विधवा की छोटी-छोटी दमड़ियों के समान हो या मरियम के क़ीमती इत्र के समान, हमारी सेवा तन मन से की गयी सेवा है, और यहोवा हमारी तन मन से की गयी सेवा को बहुमूल्य समझता है!

क्या आपको याद है?

◻ पूर्ण-समय की सेवकाई से संतुष्टि की भावना और ख़ुशी क्यों मिलती है?

◻ अपने अनुभव से, अनेक पायनियर अपने सेवकों की देखभाल करने की यहोवा की क्षमता के बारे में क्या जानते हैं?

◻ पायनियर लोग क्या सोचते हैं कि उनकी सेवकाई का यहोवा के साथ उनके रिश्‍ते पर क्या प्रभाव होता है?

◻ आप पायनियर आत्मा कैसे दिखा सकते हैं?

[पेज 23 पर तसवीरें]

पायनियरों को चेला-बनाने से बड़ा ही आनंद मिलता है

[पेज 23 पर तसवीर]

आपके बच्चे पूर्ण-समय के राज्य उद्‌घोषकों के साथ संगति से लाभ उठा सकते हैं

[पेज 23 पर तसवीर]

प्राचीन क्षेत्र सेवकाई में पायनियरों को प्रोत्साहित कर सकते हैं

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