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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1997
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तहीती में परादीस की ख़ुशख़बरी

तहीती! लगता है कि इस नाम में ही एक अनोखी कशिश है। इसे पॉल गॉगै, रॉबर्ट लूई स्टीवनसन और हर्मन मॆलविल जैसे चित्रकारों और लेखकों ने मशहूर बनाया जिनके हरी-भरी सुंदरता और दक्षिण समुद्र द्वीपों के शांत वातावरण के चित्रों और लेखों ने अनेकों के दिल जीत लिए।

तहीती दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित फ्रेंच पॉलिनेशिया के १२० से भी अधिक द्वीपों में सबसे विशाल द्वीप है। हालाँकि अनेक लोगों के मन में यह दक्षिणी समुद्री द्वीप परादीस के लगभग बराबर है, फिर भी तहीती के लोगों को जल्द ही आनेवाले एक और परादीस के बारे में सुनने की अब भी ज़रूरत है। (लूका २३:४३) यहोवा के साक्षी, आज तहीती में जिनकी कुल संख्या १,९१८ है, २,२०,००० लोगों को ख़ुशख़बरी सुनाने में व्यस्त हैं कि जल्द ही परमेश्‍वर का राज्य केवल तहीती में ही नहीं, बल्कि पूरी पृथ्वी पर असली परादीस-समान परिस्थिति लाएगा।—मत्ती २४:१४; प्रकाशितवाक्य २१:३, ४.

कई सालों तक तहीती में प्रचार कार्य फ़िजी में वॉच टावर संस्था के शाखा दफ़्तर द्वारा निर्देशित किया जाता था, जो कुछ ३,५०० किलोमीटर दूर है। दूरी की वज़ह से कई मुश्‍किलात आईं और प्रगति धीमी थी। सो, अप्रैल १, १९७५ में तहीती में एक शाखा दफ़्तर स्थापित किया गया और यह उस क्षेत्र के सच्चे मसीहियों की गतिविधि में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ। यह निर्णायक मोड़ कैसे आया और तहीती में प्रचार कार्य की शुरूआत कैसे हुई?

एक छोटी-सी शुरूआत

तहीती में राज्य की ख़ुशख़बरी पहली बार १९३० के दशक में सुनी गयी और अनेक द्वीपवासियों ने, जो बाइबल का काफ़ी आदर करते थे, बड़ी ही दिलचस्पी दिखायी। बहरहाल, सरकारी पाबंदी और अन्य प्रतिबंधों के कारण १९५० के दशक के आख़िरी भाग तक द्वीप पर कोई साक्षी नहीं थे। उस समय, अमरीका में रहनेवाली तहीती की मूल निवासी, आन्येस शेंक ने अपने पति और पुत्र के साथ तहीती लौटने का फ़ैसला किया। वह समझाती है कि यह सब कैसे हुआ।

“लॉस एंजेल्स में आयोजित १९५७ ज़िला अधिवेशन में भाई नॉर [वॉच टावर संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष] ने समझाया कि तहीती में राज्य प्रकाशकों की बड़ी ज़रूरत थी। उस समय मेरा बपतिस्मा होकर एक साल बीत चुका था और मैंने कहा, ‘चलो, तहीती चलते हैं!’ नील और कारानो नामक दो परिवारों ने मेरी बात सुन ली। वे हमारे अच्छे दोस्त थे। उन्होंने कहा कि उन्हें भी हमारे साथ आना अच्छा लगेगा, लेकिन हमारे पास ज़्यादा पैसे नहीं थे। मेरे पति लंबे समय से बीमार थे और मेरा बेटा काफ़ी छोटा था। सो घर छोड़ना काफ़ी मुश्‍किल था। पड़ोसी कलीसियाओं के दोस्तों को हमारे लक्ष्य के बारे में भनक हुई और उन्होंने हमारे लिए पैसे और घरेलू सामान भेजे। फिर मई १९५८ में हम तहीती के लिए जहाज़ में रवाना हुए और दूसरी चीज़ों के साथ, हमारे पास ३६ चादरें थीं!

“जब हम तहीती पहुँचे, मैंने एक अजनबी की तरह महसूस किया क्योंकि उस द्वीप को छोड़े मुझे २० साल हो चुके थे। हमने प्रचार करना शुरू किया, लेकिन हमें होशियार रहना था क्योंकि हमारे मसीही कार्य पर पाबंदी थी। हमें पत्रिकाएँ छिपानी पड़ती थीं और हमने सिर्फ़ बाइबल इस्तेमाल की। पहले तो हमने केवल उन लोगों को साक्षी दी जिनके पास प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाओं के अभिदान थे।

“क्लाइड नील और डॆविड कारानो, अपने-अपने परिवार के साथ १९५८ में न्यू यॉर्क सिटी में अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन के बाद हमारे साथ शामिल हो गए। हमने साथ-साथ प्रचार किया और भाइयों के घरों में दिए जानेवाले भाषणों को आकर सुनने के लिए लोगों को आमंत्रित किया। थोड़ा-थोड़ा करके, कार्य को व्यवस्थित किया गया और हमने १५ लोगों के साथ एक बाइबल अध्ययन समूह शुरू किया। तीन महीने बाद नील और कारानो परिवार को लौटना पड़ा क्योंकि उनका यात्री वीज़ा ख़त्म हो गया। सो भाइयों ने तय किया कि उनके जाने से पहले, वे योग्य बननेवाले सभी दिलचस्पी रखनेवालों को बपतिस्मा दे देंगे। पहले बपतिस्मा भाषण के लिए अनुवादक होने का मुझे विशेषाधिकार मिला। इस अवसर पर आठ मूल द्वीपवासियों ने बपतिस्मा के द्वारा यहोवा के प्रति अपना समर्पण चिन्हित किया। फिर नील और कारानो परिवार अमरीका लौट गए।

“प्रचार कार्य जारी रहा। हमने अपने आपको छोटे समूहों में संगठित किया और संध्या गवाही कार्य किया। अकसर दिलचस्पी रखनेवालों के साथ चर्चाएँ आधी रात तक चलतीं। कभी-कभी तो प्रोटॆस्टॆंट पादरी भी चर्चाओं में भाग लेते। १९५९ तक पहली कलीसिया स्थापित की गयी। फिर, हमें बेहद ख़ुशी हुई जब १९६० में सरकार ने यहोवा के साक्षियों के संगठन को मान्यता दी। वे आरंभिक वर्ष ख़ुशी और आध्यात्मिक विशेषताओं से भरे थे। जहाँ ज़रूरत ज़्यादा थी वहाँ जाने के हमारे निर्णय पर सचमुच यहोवा ने आशिष दी।” बहन शेंक अब ८७ वर्ष की हैं और अब भी अपनी कलीसिया में वफ़ादारी से यहोवा की सेवा कर रही हैं।

काम आगे बढ़ा

वर्ष १९६९ में, फ्रांस से दो साक्षी, ज़्हॉक और पौलॆट इनोडी को ख़ास पायनियर के रूप में तहीती में नियुक्‍त किया गया था। ज़्हॉक याद करता है: “जब हम तहीती में आए, तब केवल १२४ प्रकाशक थे, पापीएटी में एक कलीसिया और प्रायद्वीप में स्थित वॉईरॉओ में दो ख़ास पायनियर थे।” वह प्रायद्वीप एक सड़क पुल द्वारा तहीती से जुड़ा हुआ है। जल्द ही “पृथ्वी पर शांति” अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होनेवाला था। “एक अधिवेशन आयोजित करने में वह मेरा पहला अनुभव था,” ज़्हॉक आगे कहता है। “हमें यात्रियों के लिए एक अंग्रेज़ी सत्र की योजना बनानी थी, राज्य गीतों के लिए एक ऑर्केस्ट्रा आयोजित करना था और दो नाटकों का पूर्वाभ्यास करना था। यह सारा काम केवल १२६ प्रकाशकों के साथ पूरा किया गया। मुझे यक़ीन है कि यहोवा ने इसमें सबसे बड़ी भूमिका अदा की।” ४८८ लोगों की उपस्थिति द्वीपवासियों के लिए रोमांचक थी। अनेक लोगों के लिए, दूसरे द्वीपों के संगी साक्षियों से मिलने का यह पहला मौक़ा था।

जल्द ही, ज़्हॉक इनोडी को सफ़री ओवरसियर के रूप में नियुक्‍त किया गया। जब उन्होंने विभिन्‍न द्वीपों में भेंट की, उन्होंने देखा कि वहाँ काफ़ी दिलचस्पी थी लेकिन उसे विकसित करने के लिए बहुत ही कम राज्य प्रकाशक थे। “इसीलिए मैंने अनेक परिवारों को प्रोत्साहित किया कि इन द्वीपों में स्थानांतरित हो जाएँ जहाँ ज़रूरत ज़्यादा थी,” ज़्हॉक समझाता है। “सो हौले-हौले, ख़ुशख़बरी उन द्वीप-समूहों में फैलायी गयी।” भाई इनोडी ने १९६९ से १९७४ तक एक सफ़री ओवरसियर के रूप में काम किया और आज वो तहीती की एक कलीसिया में प्राचीन हैं।

भाई इनोडी के प्रोत्साहन के प्रति अनुक्रिया दिखानेवालों में एक था ओगूस्त टॆमानाहे, जो १९५८ में बपतिस्मा पानेवाले उन आठ भाइयों में से एक था। वह याद करता है कि क्या हुआ। “१९७२ में सर्किट ओवरसियर, ज़्हॉक इनोडी ने हमें वाहीनी जाकर सेवा करने पर विचार करने का प्रोत्साहन दिया। यह सोसाइटी द्वीप-समूह में लीवर्ड द्वीपों में से एक है। मैं झिझक रहा था क्योंकि मैंने कलीसिया में केवल बाइबल पठन किया था और मैंने ऐसी ज़िम्मेदारी संभालने के लिए योग्य महसूस नहीं किया। फिर भी, भाई इनोडी कहते रहे, ‘डरो मत, आप कर सकते हो!’ कुछ समय बाद हमने फ़ैसला कर लिया। अतः, १९७३ में हम सब कुछ बेच-बाचकर अपने तीन छोटे बच्चों के साथ वाहीनी चले गए।

“वहाँ पहुँचने पर, मुझे पता चला कि मुझे सब कुछ शुरू से करना था—प्रहरीदुर्ग अध्ययन, ईश्‍वरशासनिक सेवकाई स्कूल, इत्यादि। यह आसान नहीं था, लेकिन हमने यहोवा की सुरक्षा और मदद का अनुभव किया। कई अवसरों पर उसने हमें रहने के लिए एक स्थान ढूँढ़ने में मदद की। फिर, जब विरोधकों के एक समूह ने साक्षियों को द्वीप से भगाने की कोशिश की, एक स्थानीय राजनेता हमारी सफ़ाई देने के लिए खड़ा हुआ। सचमुच, उस सारे समय में यहोवा ने हम पर अपनी निग़ाह रखी।” अब वाहीनी में दो कलीसियाएँ हैं—एक फ्रेंच कलीसिया जिसमें २३ प्रकाशक हैं और एक तहीतियन कलीसिया जिसमें ५५ प्रकाशक हैं।

वर्ष १९६९ में, एलॆन मापू को प्रायद्वीप में काम करने के लिए ख़ास पायनियर के रूप में नियुक्‍त किया गया। “प्रायद्वीप में काफ़ी दिलचस्पी थी और बहुत ही थोड़े समय में मैंने कई बाइबल अध्ययन शुरू किए,” एलॆन कहती है। जल्द ही वॉईरॉओ में एक छोटी-सी कलीसिया स्थापित की गयी, लेकिन वहाँ प्राचीनों की ज़रूरत थी। कुछ समय बाद कॉल्सों डीन, जो उस समय ३५ किलोमीटर दूर पापारा में रहता था, हमें मदद कर पाया। “वॉईरॉओ में सेवा करने के लिए हमें सुसंगठित होना था,” भाई डीन याद करता है। “मैं वॉईरॉओ से ७० किलोमीटर दूर, द्वीप की दूसरी छोर पर फ़ा में काम करता था। काम के बाद, मुझे भागकर घर जाना, परिवार को साथ लेना और फिर वॉईरॉओ जाना पड़ता था। बाद में मुझे अपने काम के कारण फ़ा स्थानांतरित होना पड़ा। क्या हम अब भी वॉईरॉओ कलीसिया को सहारा दे पाते? हम वहाँ के भाइयों की सचमुच मदद करना चाहते थे, सो हमने वहाँ सेवा करना जारी रखने का फ़ैसला किया। सभाओं की रात शायद ही कभी हम आधी रात से पहले घर पहुँचे होंगे क्योंकि हमें उन लोगों को घर छोड़ने के लिए कई चक्कर काटने पड़ते थे जिनके पास कार नहीं थी। हमने पाँच साल तक ऐसा किया। द्वीप के इस भाग में अब चार कलीसियाएँ देखना बड़े ही आनंद की बात है और हमारे पास उन दिनों की सुहानी यादें भी हैं।”

तहीती एक शाखा बनता है

वर्ष १९७४ तक तहीती में राज्य प्रकाशकों की संख्या बढ़कर १९९ हो गयी थी। अगले साल, जब एन. एच. नॉर और एफ़. डब्ल्यू फ्रांज़, वॉच टावर संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने फ्रेंच पॉलिनेशिया में भेंट की, उन्होंने देखा कि फ्रेंच पॉलिनेशिया में प्रचार कार्य को ३,५०० से भी अधिक किलोमीटर दूर फ़िजी से नहीं, बल्कि तहीती से ही निर्देशित करना ज़्यादा व्यावहारिक होगा। अतः, अप्रैल १, १९७५ में, तहीती शाखा स्थापित की गयी और सर्किट ओवरसियर, आलॆं ज़्हामें को शाखा ओवरसियर नियुक्‍त किया गया।

कुछ दो साल पहले, भाई ज़्हामें ने यहोवा से अद्‌भुत आशिषों को याद किया। “१९७५ से हमारे क्षेत्र के सभी द्वीपों और द्वीप-समूहों में ख़ुशख़बरी ले जाने के लिए कड़े प्रयास किए गए हैं। हमारे क्षेत्र का क्षेत्रफल पश्‍चिमी यूरोप जितना बड़ा है। परिणाम आनंदप्रद रहे हैं। १९८३ तक प्रकाशकों की संख्या बढ़कर ५३८ हो गयी थी। उस साल शाखा दफ़्तर और बॆथॆल घर के लिए पाइआ में एक इमारत बनायी गयी। अब सोसाइटी द्वीप-समूहों की ३० कलीसियाओं में बिखरे हुए क़रीब १,९०० प्रकाशक हैं, ऑस्ट्रल द्वीपों में एक कलीसिया और एक पृथक्‌ समूह है, मारकेसस में एक कलीसिया और दो पृथक्‌ समूह हैं और टूएमोटू और गैंबियर द्वीपों में कई पृथक्‌ समूह हैं। सभाओं में आनेवाले नए लोगों की सदा-बढ़ती संख्या को संभालने के लिए अनेक नए राज्यगृह बनाए जा रहे हैं—मारकेसस में तीन और तहीती में सात। गत २० सालों में, तहीतियन क्षेत्र को सींचने में यहोवा ने हमारे प्रयासों पर निश्‍चित ही आशिष दी है।”

अब भी काफ़ी कुछ करना बाक़ी

फ्रेंच पॉलिनेशिया में बढ़ोतरी की प्रत्याशाएँ काफ़ी अच्छी हैं। मार्च २३, १९९७ में पूरे फ्रेंच पॉलिनेशिया में यीशु मसीह की मृत्यु की स्मारक के लिए कुछ ५,३७६ लोग यहोवा के साक्षियों के साथ एकत्रित हुए थे। दिलचस्पी रखनेवाले इन लोगों की आध्यात्मिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, हमारे बाइबल प्रकाशन कई स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। तहीतियन के अलावा, साहित्य को पाउमोटू में उपलब्ध कराया गया है, जो टूएमोटू द्वीप-समूह में और उत्तर और दक्षिण मार्केसियन में बोली जाती है।

स्थिर बढ़ोतरी और अच्छे अनुभवों ने तहीती के राज्य प्रकाशकों को यहोवा के प्रेम और धीरज को और अच्छी तरह से समझने में मदद की है, जो “चाहता है, कि” दक्षिणी समुद्र के दूर-दूर के द्वीप के भी “सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहचान लें।” (१ तीमुथियुस २:४) तहीती और फ्रेंच पॉलिनेशिया के अन्य द्वीपों के यहोवा के साक्षियों का यहोवा की प्रतिज्ञा पर पूरा-पूरा विश्‍वास है: “द्वीप मेरी बाट जोहेंगे और मेरे भुजबल पर आशा रखेंगे।”—यशायाह ५१:५.

[पेज 26 पर नक्शा]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

तहीती शाखा फ्रेंच पॉलिनेशिया की ज़रूरतों की देखभाल करती है

AUSTRALIA

[पेज 25 पर तसवीर]

बाएँ से दाएँ: आलॆं ज़्हामें, मेरी-एन ज़्हामें, आन्येस शेंक, पौलॆट इनोडी और ज़्हॉक इनोडी

[पेज 27 पर तसवीर]

तहीती शाखा दफ़्तर

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