१९९७ प्रहरीदुर्ग की विषय–सूची
लेख जिस अंक में प्रकाशित किया गया है उसकी तिथि सूचित की गयी है
उन्होंने यहोवा की इच्छा पूरी की
आत्म-त्याग और निष्ठा का उदाहरण (एलीशा), ११/१
इसहाक के लिए एक पत्नी खोजना, १/१
एक विवेकशील स्त्री विपत्ति को रोकती है (अबीगैल), ७/१
पिता जो क्षमा करने के लिए तैयार है (उडाऊ पुत्र का दृष्टांत), ९/१
मसीहा और राजा के रूप में यीशु का स्वागत, ३/१
माता-पिता के विश्वास का प्रतिफल मिला (मूसा के माता-पिता), ५/१
जीवनियाँ
इस जीवन पर मुझे कभी पछतावा नहीं हुआ (पी. ओबरिस्ट), ७/१
एक श्रेष्ठ वस्तु के लिए बहुत कुछ त्याग देना (जे. ओवो बॆलो), १/१
परमेश्वर मेरा शरणस्थान और बल है (सी. मुलर), ५/१
पवित्र सेवा के लिए तोहफ़े (एच. ब्लुर), १२/१
बचपन से धैर्यपूर्वक यहोवा की बाट जोहना (आर. ग्राइखन), ८/१
मेरा हृदय आभार से उमड़ता है (जे. विन), ९/१
मैंने रोमेनिया में बाइबल सच्चाई सीखी (जी. रोमोशीअन), ४/१
मैंने “सब से दुर्बल” को “एक सामर्थी जाति” बनते देखा (डब्ल्यू. डिंगमन), ११/१
यहोवा की सेवा में एक लंबी उम्र के लिए शुक्रगुज़ार (ओ. मिडलॆन), १०/१
यहोवा निष्ठा से कार्य करता है (पी. पैलिसर), ६/१
यहोवा में विश्वास द्वारा संभाला गया (ए. डा पाईशैउँ), २/१
“सोने की जगह, मैंने हीरे पाए” (एम. कामिनारिस), ३/१
पाठकों के प्रश्न
अपराकला और नाभि-रज्जु का प्रयोग, २/१
जूरी कार्य, ४/१
“पीढ़ी” (मत्ती २४:३४) का स्पष्टीकरण १९१४ पर असर करता है? ६/१
“पीढ़ी” (मत्ती २४:३४) की समझ अंत को दूर भविष्य में कर देती है? ५/१
“बड़े क्लेश” के दौरान लोगों का परिवर्तन? २/१५
बालगमन, २/१
मृत्युदंड, ६/१५
व्यापार—क्यों लिखित समझौता? ८/१
शेम-टोब के मत्ती में चतुर्वर्णी? ८/१५
साक्षी आज विभाजन कार्य कर रहे हैं? ७/१
बाइबल
एक अनोखी किताब, ६/१५
परमेश्वर ने कैसे प्रेरित की? ६/१५
बाइबल हम तक कैसे पहुँची, ८/१५, ९/१५, १०/१५
माकारयॉस बाइबल, १२/१५
मसीही जीवन और गुण
अंतःकरण, ८/१
‘अपनी संपत्ति के द्वारा यहोवा की प्रतिष्ठा करना’—कैसे? ११/१
अपने बच्चे का जीवन बचाइए! ७/१५
अभिप्रायों का ग़लत अर्थ लगाने से सावधान, ५/१५
‘इपिकूरियों’ से सावधान, ११/१
ईमानदारी—संयोगवश या चुनाव से? ५/१५
क्या आध्यात्मिक तौर पर आप ठीक से खाते हैं? ४/१५
क्या आप और अधिक सेवा करने के लिए लालायित हैं? ३/१५
क्या आप परमेश्वर के मित्र हैं?—प्रार्थनाएँ दिखाती हैं, ७/१
खराई, ५/१
जो बुरा है उसकी रिपोर्ट क्यों करें? ८/१५
दूसरों पर भरोसा करने से डरते हैं? ३/१
पारिवारिक अध्ययन, ८/१
पूर्ण-समय सेवा में आनंद बनाए रखें, ९/१५
बुराई से घृणा करें, १/१
मनुष्य की कमज़ोरी यहोवा के सामर्थ्य की महिमा दिखाती है, ६/१
विवाह जो यहोवा का सम्मान करते हैं, ४/१५
वृद्ध माता-पिताओं का सम्मान, ९/१
शिकायत करना हमेशा बुरा है? १२/१
संसार की आत्मा आप में ज़हर घोल रही है? १०/१
सिद्धांत को समझना, १०/१५
हताशा के बीच आशा, ५/१५
मुख्य अध्ययन लेख
आइए हम अपने अनमोल विश्वास को थामे रहें! ९/१
आज के लिए जीना या अनंत भविष्य के लिए? ८/१५
आपका जीवन—इसका उद्देश्य क्या है? २/१५
आपका भाईचारे का प्रेम बना रहे! ८/१
ईश्वरीय शांति के संदेशवाहक आनंदित घोषित किए गए, ५/१
ईश्वरीय शान्ति के सन्देशवाहकों के रूप में सेवा करना, १/१५
उद्धार की जन घोषणा करना, १२/१५
एक दुर्गुण-भरे संसार में सद्गुण क़ायम रखना, ७/१५
‘एक दूसरे के अपराध क्षमा करते रहो’ १२/१
एक भेद जिसे मसीही छिपाकर रखने की हिम्मत न करें! ६/१
क्या आप एलिय्याह की तरह वफ़ादार होंगे? ९/१५
क्या आप यहोवा के दिन के लिए तैयार हैं? ३/१
क्या आप सद्गुण का पीछा कर रहे हैं? ७/१५
ख़ुश हैं वे जो जागते रहते हैं! ३/१
छुटकारा पाकर एक धर्मी नए संसार में जाना, ४/१
जब यीशु राज्य महिमा में आता है, ५/१५
जैसे-जैसे अंत निकट आता है “मन की स्थिरता,” ८/१५
झूठे उपदेशकों से सावधान! ९/१
झूठे संदेशवाहकों के लिए कोई शांति नहीं! ५/१
“तुमने तो उसे नहीं देखा, तौभी तुम उस से प्रेम करते हो,” २/१
‘नर और नारी करके उस ने उनकी सृष्टि की,’ ६/१५
परमेश्वर का वचन सर्वदा तक बना रहता है, १०/१
परमेश्वर की माँगें सीखने में दूसरों की मदद करना, १/१५
परमेश्वर के प्रेरित वचन का निष्ठापूर्वक समर्थन करना, १०/१
“परमेश्वर ने हम से ऐसा प्रेम किया,” २/१
परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? १/१५
परीक्षाओं के बावजूद, अपने विश्वास में बने रहिए! ११/१५
पायनियर सेवकाई की आशीषें, १०/१५
पारिवारिक जीवन में ईश्वरीय शांति का पीछा कीजिए, ६/१५
“मनुष्य का सम्पूर्ण कर्त्तव्य,” २/१५
मसीही और मनुष्यजगत, ११/१
मसीही युग में ईश्वरशासित प्रबंधन, ५/१५
“यहोवा अपनी प्रजा को न तजेगा”, ७/१
यहोवा के दिन की बाट जोहते रहो, ९/१
‘यहोवा के दिन’ में कौन बचेगा? ९/१५
‘यहोवा के दिन’ से बच निकलना, १२/१५
यहोवा के भवन की बड़ी महिमा, १/१
यहोवा के संगठन के साथ निष्ठापूर्वक सेवा करना, ८/१
यहोवा, ‘क्षमा करने को तत्पर रहनेवाला’ परमेश्वर, १२/१
यहोवा तन मन से की गयी आपकी सेवा को बहुमूल्य समझता है, १०/१५
यहोवा—भेदों को प्रकट करनेवाला परमेश्वर, ६/१
विश्वास हमें कर्मों के लिए उकसाता है! ११/१५
विश्वास हमें धीरजवंत और प्रार्थनापूर्ण बनाता है, ११/१५
संसार-भर में आनंदित स्तुतिकर्ता होने के लिए अलग किए गए, ७/१
संसार में लेकिन उसका भाग नहीं, ११/१
समझ की ओर अपना मन लगाइए, ३/१५
समझ को अपनी रक्षा करने दीजिए, ३/१५
सच्ची शान्ति—किस स्रोत से? ४/१५
सच्ची शान्ति ढूँढ़िए और उसका पीछा कीजिए! ४/१५
सभी यहोवा की महिमा करें! १/१
सही प्रकार के संदेशवाहक की पहचान कराना, ५/१
हियाव बाँधिए जैसे-जैसे छुटकारा नज़दीक आता है, ४/१
यहोवा
दया से राज करता है, १२/१५
व्यक्तित्ववाला परमेश्वर, १०/१
‘शान्ति का परमेश्वर’ पीड़ितों की परवाह करता है, ४/१५
यहोवा के साक्षी
अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन, ४/१
अंशदान, ११/१
अपने स्थानीय मिशनरी क्षेत्र में भेंट करना (सी. सीमोर), ६/१५
‘आपने जिनके जीवन छूए हैं उन अनेकों में से मात्र एक,’ ३/१
“ईश्वरीय शान्ति के सन्देशवाहक” अधिवेशन, १/१५
उन्होंने ‘सच्चाई को मोल लिया’! (घाना), १२/१५
कनेटीकट के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मरीज़ों के अधिकारों का समर्थन, ८/१
क़ैदियों तक आध्यात्मिक स्वतंत्रता पहुँचाना (मॆक्सिको), २/१५
गीलियड स्नातक, ६/१, १२/१
ज़रूरतमंदों को प्यार दिखाना, १०/१
जैव-नीतिशास्त्र और रक्तहीन शल्यचिकित्सा, २/१५
तहीती में परादीस की ख़ुशख़बरी, १०/१५
नात्ज़ी सताहट, ८/१५
नावहो क्षेत्र में भेड़-समान लोग, ८/१५
फ्राँस में झूठे आरोपों का विरोध करना, ३/१५
माँग ब्रोशर, १/१५
यूनान में जीत, २/१
सब परमेश्वर की स्तुति क्यों करें? (अनुभव), १/१
यीशु मसीह
मसीहा और राजा के रूप में स्वागत, ३/१
राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
२/१, ३/१, ४/१, ६/१, ७/१, ८/१, ९/१, १०/१, १२/१
विविध
अन्तिम दिन, ४/१
अपरिपूर्ण संसार में भरोसा, ५/१
अरिस्तरखुस, ९/१५
आधुनिक उपासना में संगीत का स्थान, २/१
इपफ्रास, ५/१५
उद्धार, ८/१५
उनेसिफुरुस, ११/१५
एक ४०३-वर्षीय विवाह संकट में (स्वीडन का चर्च), ४/१
एहूद, ३/१५
कटनी के पर्व परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं? ९/१५
क्रिसमस, १२/१५
ख़ुशी कहाँ मिल सकती है? ३/१५
ग़रीब लेकिन अमीर, ९/१५
गुप्त समाज, ६/१
चंगाई, ७/१
जब दुःख नहीं रहेगा, २/१५
“ट्रिअर का पवित्र चोग़ा,” ४/१
तिरतियुस, ७/१५
दस आज्ञाएँ, १२/१
धार्मिक स्वतंत्रता, २/१
नाख़्मानदीज़ ने मसीहियत को ग़लत साबित किया? ४/१५
“निरीक्षण न्याय”—बाइबल-आधारित धर्म-सिद्धांत? ७/१५
न्यायपूर्ण संसार की लालसा, ११/१५
‘परमेश्वर का मंदिर’ और यूनान की मूर्तियाँ, २/१५
पहाड़ी चट्टानों के कलाबाज़, ७/१५
पाप, ७/१५
पीड़ितों को कभी शान्ति मिलेगी? ४/१५
पुनर्जन्म, ५/१५
बाइबल समयों में यरूशलेम, ६/१५
बोर्डिंग स्कूल, ३/१५
मात्र चमत्कारों से विश्वास नहीं बढ़ता, ३/१५
मिशना, ११/१५
मूलतत्त्ववाद, ३/१
युवा लोग—सुरक्षित भविष्य, १२/१
विश्व एकता, ११/१
विश्वास के लिए चमत्कार की आवश्यकता है? ३/१५
शकेम—घाटी में बसा नगर, २/१
शूनेम—प्रेम और हिंसा के लिए उल्लेखनीय, १०/१
संभोगहीन विवाह? (मरियम), १०/१५
सच्ची ख़ुशी—इसकी कुंजी क्या है? १०/१५
हनोक, १/१५