लोग क्यों धर्म को छोड़ रहे हैं?
उत्तरी जर्मनी में १९वीं सदी के बीच हर व्यक्ति किसी-न-किसी प्रमुख धर्म को मानता था। असल में अगर कोई प्रमुख धर्म को छोड़कर छोटे-मोटे धर्म को अपना लेता तो पुलिस द्वारा उसकी जाँच-पड़ताल हो सकती थी। लेकिन आज ज़माना कितना बदल गया है!
आज जर्मनी में बहुत से लोग चर्चों को छोड़ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चार में से एक यह दावा करता है कि उसका ताल्लुक किसी भी धर्म से नहीं है। ऑस्ट्रिया और स्विट्ज़रलैंड में भी इसी तरह का रुख देखने में आ रहा है। अगर धर्म के सदस्य उसकी जान है तो जर्मन लेखक राइमर ग्रोनमायर के मुताबिक, “यूरोप के चर्चों की जान निकल रही है।”
धर्म को ठुकराने की वज़ह
बहुत से लोग प्रमुख धर्मों को क्यों ठुकरा रहे हैं? आमतौर पर इसकी वज़ह है पैसा, खासकर उन इलाकों में जहाँ चर्च के सदस्यों से चर्च के टैक्स देने की माँग की जाती है। बहुत से लोग पूछते हैं, ‘अपने खून-पसीने की कमाई मैं आखिर चर्च को क्यों दूँ?’ जब लोग देखते हैं कि चर्च के पास पहले ही इतनी धन-दौलत और ताकत है तो वे नफरत से भर जाते हैं। वे शायद जर्मनी में कोलोन शहर के कार्डिनल योयाकिम माइस्नर की बात से सहमत हों कि धन-दौलत की वज़ह से चर्च हद से ज़्यादा ध्यान भौतिक चीज़ों पर लगाता है, “यीशु में विश्वास की गंभीरता पर नहीं।”
कुछ लोग अपना चर्च इसलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि वहाँ वे बोर होते हैं, उन्हें मज़ा नहीं आता, उनकी आध्यात्मिक भूख नहीं मिटती। वे दरअसल उस अकाल में जी रहे हैं जिसके बारे में भविष्यवक्ता आमोस ने बताया था: “उस में न तो अन्न की भूख और न पानी की प्यास होगी, परन्तु यहोवा के वचनों के सुनने ही की भूख प्यास होगी।” (आमोस ८:११) क्योंकि उनका धर्म उन्हें तृप्त नहीं करता इसलिए वे उसे छोड़ रहे हैं।
जबकि ये सब असल समस्याएँ हैं फिर भी क्या सभी धर्मों से मुँह मोड़ लेना उचित होगा? ज़रा एक भूखे आदमी के बारे में सोचिए जिसकी नज़र उस चीज़ पर पड़ती है जो रोटी-सी दिखती है। मगर जैसे ही वह उसे खाने लगता है उसे पता चलता है कि यह तो भूसी से बनी है। क्या अब वह उस रोटी से मुँह मोड़कर बैठा रहेगा और अपनी भूख मिटाने के लिए कुछ नहीं करेगा? जी नहीं, अब वह किसी और जगह असली भोजन की तलाश करेगा। इसी तरह अगर एक धर्म अपने सदस्यों की आध्यात्मिक भूख नहीं मिटाता है तो क्या उसके सदस्यों को मुँह मोड़कर बैठे रहना चाहिए? क्या उन्हें ऐसे धर्म की तलाश नहीं करनी चाहिए जिससे उनकी आध्यात्मिक भूख मिट सके? इस भूख को मिटाने के लिए बहुत सारे लोगों ने सच्चे धर्म की खोज की है। इसके बारे में अगला लेख बताएगा।