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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2016
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2016
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इंडोनेशिया देश में सुमात्रा द्वीप का समुद्री तट, जो सुनामी के आने पर तबाह हो गया था

चेतावनी पर ध्यान देने से आपकी जान बच सकती है!

26 दिसंबर, 2004 को इंडोनेशिया के सीमलू नाम के द्वीप में 9.1 की तीव्रता का एक ज़बरदस्त भूकंप आया। सभी की आँखें समुद्र की तरफ लग गयीं। लहरें बहुत तेज़ी से काफी पीछे जाने लगीं। तुरंत, सभी पहाड़ों की तरफ यह चिल्लाते हुए भागने लगे, “सुनामी, सुनामी।” सिर्फ 30 मिनटों के अंदर समुद्र से ऊँची-ऊँची लहरें उठीं और घरों और गाँवों को तहस-नहस कर दिया।

यह भयंकर सुनामी सबसे पहले सीमलू द्वीप पर आयी। वहाँ 78,000 लोग रहते हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 7 लोगों की मौत हुई। सिर्फ 7 लोगों की मौत? यह कैसे हो सकता है?a द्वीपों में रहनेवाले लोगों के बीच एक कहावत है, ‘अगर एक ज़बरदस्त झटका आए और समुद्र का पानी पीछे की ओर चला जाए, तो पहाड़ों की तरफ भागो, क्योंकि देखते-ही-देखते पूरा-का-पूरा तट पानी में डूब जाएगा।’ इस द्वीप पर पहले भी सुनामी आयी है, इसलिए यहाँ के लोग समुद्र देखते ही पहचान जाते हैं कि सुनामी आनेवाली है। चेतावनी पर ध्यान देने से उनकी जान बच गयी।

पवित्र शास्त्र में ऐसी ही एक भयंकर तबाही के बारे में बताया गया है, जो बहुत जल्द आनेवाली है। उसे “महा-संकट” नाम दिया गया है, जो “दुनिया की शुरूआत से न अब तक हुआ और न फिर कभी होगा।” (मत्ती 24:21) लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि इंसानों की वजह से होनेवाली तबाही या फिर किसी प्राकृतिक विपत्ति के कारण यह धरती नाश हो जाएगी, क्योंकि परमेश्‍वर चाहता है कि यह धरती हमेशा बनी रहे। (सभोपदेशक 1:4) इसके बजाय, यह महा-संकट परमेश्‍वर की तरफ से उनके लिए होगा, जो “पृथ्वी को तबाह-बरबाद” कर रहे हैं। फिर दुनिया में फैली सारी बुराइयाँ और समस्याएँ खत्म हो जाएँगी। (प्रकाशितवाक्य 11:18; नीतिवचन 2:22) वह क्या ही बढ़िया माहौल होगा!

ज्वालामुखी फटने, सुनामी या भूकंप जैसी प्राकृतिक विपत्तियाँ आने पर अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोगों की जान जाती है, लेकिन परमेश्‍वर की तरफ से होनेवाले विनाश में किसी भी बेकसूर की जान नहीं जाएगी। पवित्र शास्त्र में बताया है कि “परमेश्‍वर प्यार है” और वह वादा करता है कि “धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।” (1 यूहन्‍ना 4:8; भजन 37:29) अगर हम धरती पर खूबसूरत माहौल में जीना चाहते हैं और इस संकट से बचना चाहते हैं, तो हमें क्या करना होगा? वही जो सीमलू द्वीप के लोगों ने किया, यानी हमें चेतावनी पर ध्यान देना होगा!

बदलते हालात पर नज़र रखिए

हम यह तो नहीं जान सकते कि इस दुनिया में जो बुराई और दुख-तकलीफें हैं, वे ठीक किस दिन खत्म होंगी, क्योंकि यीशु ने कहा था कि “उस दिन और उस वक्‍त के बारे में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत, न बेटा, लेकिन सिर्फ पिता जानता है।” लेकिन यीशु ने हमें बढ़ावा दिया कि हम ‘जागते रहें।’ (मत्ती 24:36; 25:13) उसने हमें जागते रहने की सलाह क्यों दी? पवित्र शास्त्र में बताया है कि इस धरती पर बुराई का अंत होने से पहले दुनिया के हालात कैसे होंगे। इनके बारे में इस लेख के साथ दिए बक्स में बताया गया है। ये एक तरह से हमारे लिए चेतावनी की तरह हैं। जिस तरह सीमलू द्वीप में रहनेवाले समुद्र की लहरों के अचानक पीछे जाने से समझ गए कि सुनामी आनेवाली है, उसी तरह दुनिया के हालात में बदलाव आने से हम समझ पाएँगे कि अंत आनेवाला है।

माना कि बक्स में बतायीं घटनाएँ या बदलाव कुछ हद तक पहले भी हुए थे। लेकिन यीशु ने कहा था कि जब तुम “ये सब बातें” होते देखो, तो समझ जाना कि अंत बहुत करीब है। (मत्ती 24:33) खुद से पूछिए कि ‘क्या ये घटनाएँ पहले कभी दुनिया-भर में इतने बड़े पैमाने पर और वह भी एक-साथ हुई हैं? और क्या हालात पहले कभी इस हद तक खराब हुए हैं?’ इससे साफ पता चलता है कि हम अंत के बहुत करीब हैं।

परमेश्‍वर के प्यार की निशानी

अमरीका के एक पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘चेतावनियों पर ध्यान देने से लोगों की जान बच जाती है।’ सन्‌ 2004 में जिन इलाकों में सुनामी आयी, वहाँ सब लोगों को चेतावनी देने का इंतज़ाम किया गया है, ताकि इस तरह की विपत्ति आने पर लोग सुरक्षित रहें। ठीक उसी तरह, परमेश्‍वर ने अंत आने से पहले हमें चेतावनी देने का इंतज़ाम किया है। सालों पहले परमेश्‍वर ने पवित्र शास्त्र में लिखवाया, “राज की इस खुशखबरी का सारे जगत में प्रचार किया जाएगा ताकि सब राष्ट्रों पर गवाही हो; और इसके बाद अंत आ जाएगा।”—मत्ती 24:14.

सिर्फ पिछले ही साल 240 देशों में यहोवा के साक्षियों ने 700 भाषाओं में करीब 2 अरब घंटे खुशखबरी का प्रचार करने में बिताए। यह काम इस बात का ठोस सबूत है कि अंत बहुत करीब है। यहोवा के साक्षी लोगों से प्यार करते हैं, इसलिए वे सभी को परमेश्‍वर के न्याय के दिन के बारे में बताते हैं, जो तेज़ी से पास आ रहा है। (मत्ती 22:39) परमेश्‍वर आपसे प्यार करता है। इसका एक सबूत है कि वह आपको अंत के बारे में चेतावनी दे रहा है। “वह नहीं चाहता कि कोई भी नाश हो बल्कि यह कि सब को पश्‍चाताप का मौका मिले।” (2 पतरस 3:9) क्या आप परमेश्‍वर के प्यार की कदर करते हुए उसकी दी चेतावनी पर ध्यान देंगे?

सुरक्षा के लिए फौरन कदम उठाइए!

जैसे ही सीमलू के लोगों ने समुद्र की लहरों को पीछे की तरफ जाते देखा, वे अपनी जान बचाने के लिए फौरन ऊँची जगहों पर भागे। उन्होंने उन लहरों के वापस आने का इंतज़ार नहीं किया, बल्कि तुरंत कदम उठाया जिससे उनकी जान बच गयी। अगर आप आनेवाले संकट में अपनी जान बचाना चाहते हैं, तो इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, आपको भी एक तरह से ऊँची जगहों पर भागना होगा। कहाँ? भविष्यवक्‍ता यशायाह ने “अन्त के दिनों” यानी हमारे दिनों में सभी को दिए जानेवाले एक न्यौते के बारे में यह लिखा, ‘आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।’—यशायाह 2:2, 3.

पहाड़ पर जाकर हमें सुरक्षित महसूस होता है, क्योंकि हम नीचे मची तबाही से कोसों दूर हैं। उसी तरह, आज दुनिया-भर में लाखों लोग बाइबल से परमेश्‍वर के बारे में सीखकर एक तरह से सुरक्षित महसूस करते हैं। (2 तीमुथियुस 3:16, 17) वह कैसे? अपनी ज़िंदगी में बदलाव करके ‘परमेश्‍वर के पथों पर चलते’ हैं और उसकी मंज़ूरी पाते हैं।

परमेश्‍वर के न्यौते को कबूल कीजिए और इस मुश्‍किल समय में सुरक्षित रहिए। हम आपको बढ़ावा देते हैं कि इस लेख के साथ दिए बक्स में आखिरी दिनों के बारे में पवित्र शास्त्र से जो जानकारी दी गयी है, उसे आप ध्यान से पढ़ें। अगर आप पवित्र शास्त्र के बारे में और जानना चाहते हैं, तो अपने इलाके के यहोवा के साक्षियों से संपर्क कीजिए। उन्हें आपसे बात करने में बहुत खुशी होगी। इसके अलावा, आप अपने सवालों के जवाब हमारी वेबसाइट www.pr418.com पर भी पा सकते हैं। इसके लिए पवित्र शास्त्र से जानिए > पवित्र शास्त्र से जुड़े सवालों के जवाब में जाइए। ▪ (w16-E No.2)

a सन्‌ 2004 में आयी इस सुनामी ने 2,20,000 लोगों की जान ले ली। यह उन भयंकर सुनामियों में से एक थी, जो आज तक आयी हैं।

दुनिया में हो रहे ज़बरदस्त बदलाव, जो इशारा करते हैं कि अंत करीब है

एक तोप

दुनिया-भर में युद्ध और उथल-पुथल

‘तुम युद्धों का शोरगुल और युद्धों की खबरें सुनोगे; देखो तुम दहशत न खाना। क्योंकि इन सबका होना ज़रूरी है, मगर तभी अंत न होगा। क्योंकि एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र पर और एक राज्य दूसरे राज्य पर हमला करेगा। ये सारी बातें प्रसव-पीड़ा की तरह मुसीबतों की सिर्फ शुरूआत होंगी।’—मत्ती 24:6-8.

भूखे-नंगे बच्चे

दुनिया-भर में बीमारी और भुखमरी

“एक-के-बाद-एक कई जगहों पर महामारियाँ फैलेंगी और अकाल पड़ेंगे।”—लूका 21:11.

एक पादरी के हाथ हथकड़ी से बँधे हुए

हर जगह दुराचार और पाखंडियों का बढ़ना

“बहुत-से झूठे भविष्यवक्‍ता उठ खड़े होंगे और बहुतों को गुमराह करेंगे। और दुराचार के बढ़ जाने से ज़्यादातर लोगों का प्यार ठंडा हो जाएगा।”—मत्ती 24:11, 12.

एक पादरी दो समलैंगिक स्त्रियों की शादी करवा रहा है

नैतिक स्तरों में गिरावट और लोगों के बीच प्यार का कम होना

‘आखिरी दिनों में संकटों से भरा ऐसा वक्‍त आएगा जिसका सामना करना मुश्‍किल होगा। इसलिए कि लोग सिर्फ खुद से प्यार करनेवाले, पैसे से प्यार करनेवाले, विश्‍वासघाती, मोह-ममता न रखनेवाले, किसी भी बात पर राज़ी न होनेवाले, बदनाम करनेवाले, असंयमी, खूँखार, भलाई से प्यार न रखनेवाले, धोखेबाज़, ढीठ, घमंड से फूले हुए होंगे।’—2 तीमुथियुस 3:1-4.

यहोवा के साक्षी ट्रॉली के पास खड़े हैं और एक आदमी को प्रचार कर रहे हैं

दुनिया-भर में परमेश्‍वर के राज की खुशखबरी का प्रचार

“राज की इस खुशखबरी का सारे जगत में प्रचार किया जाएगा ताकि सब राष्ट्रों पर गवाही हो; और इसके बाद अंत आ जाएगा।”—मत्ती 24:14.

एक स्त्री हाथ दिखाकर मना कर रही है

कुछ लोगों का दावा करना कि अंत करीब नहीं है

‘आखिरी दिनों में खिल्ली उड़ानेवाले आएँगे और अपनी बातों से खिल्ली उड़ाएँगे। और यह कहेंगे: “उसने वादा किया था कि वह मौजूद होगा, मगर वह कहाँ है? जब से हमारे बाप-दादा मौत की नींद सो गए हैं, तब से सबकुछ बिलकुल वैसा ही चल रहा है, जैसा सृष्टि की शुरूआत से था।’—2 पतरस 3:3, 4.

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