पारिवारिक बाइबल अध्ययन—मसीहियों के लिए एक प्राथमिकता
१ बहुधा, जहाँ विश्वासी पारिवारिक सदस्यों के साथ गम्भीर समस्याएं हैं, विशेष रूप से युवाओं के साथ, पारिवारिक बाइबल अध्ययन ने जरूरी ध्यान नहीं पाया।यह कहना दुःख की बात है, लेकिन कई परिवारों में, जिस में कुछ प्राचीनों और सहायक सेवकों के परिवार भी हैं, उनके स्कूल जानेवाले बच्चों के साथ समस्या पा रहे हैं, जो सांसारिक प्रभावों से घिर गए हैं।
२ हाल ही में एक सर्किट ओवरसीयार ने उन भाइयों के बारे में लिखा जो अपने बच्चों के साथ समस्याएं अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने यह देखा कि इस समस्या का मूल हमेशा घर में बाइबल उपदेश की ओर ध्यान की कमी है। एक सर्किट ओवरसीयर द्वारा किए गए हाल के एक सर्वेक्षण ने सूचित किया कि कुछ मण्डलियों में ५० प्रतिशत व्यक्तियों के पास एक नियमित बाइबल अध्ययन नहीं है।
एक प्राथमिकता
३ अगर परिवारों को परमेश्वर के वचन में दिए गए मार्गदर्शन का पालन करना है, तो नियमित रूप से परिवार अध्ययन के लिए समय अलग रखना ही चाहिए। परिवार के प्रधानों को नियमित रूप से पारिवारिक बाइबल अध्यन कर्मिष्ठ रूप से चलाते रहना चाहिए, और परिवार के अन्य सदस्यों को भी समान रूप से मदद करना चाहिए, ताकि सम्पूर्ण परिवार के लाभ के लिए पारिवारिक उपासना के इस पहलु को सफल बना सके। सभों को यह जान लेना आवश्यक है कि अगर वे अब परिवार की आध्यात्मिक आवश्यकताओं की ओर सही ध्यान न दें, तो फिर उन्हें भविष्य में गम्भीर और दर्दभरी समस्याओं का सामना करना पड़ें।
कैसे एक अध्ययन कार्यक्रम बना सकते हैं
४ कैसे एक अध्ययन को चलाया जाना है? क्या सीखना चाहिए? उसे कब चलाया जाना चाहिए और कितने समय तक? बच्चे के दिल तक पहुँचने के लिए आप कैसे निश्चित को सकते हैं? इन सवालों के जवाबों के लिए, कृपया नवम्बर १, १९८६, के पृष्ठ २४ के द वॉचटावर देखें।
५ एक सफल पारिवारिक अध्ययन चलाने के लिए आवश्यक बातें माता-पिताओं द्वारा प्रकट आनन्द और उत्साह है। (भजन ४०:८ से तुलना करें) साथ ही, माता-पिताओं ने बच्चों को उनके प्रयत्नों के लिए प्रशंसा करना चाहिए और यहोवा के सिद्धान्तों को लागू करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
६ एक बहन ने तब सत्य सीखा जब उसके आठ बच्चे घर पर ही जी रहे थे। यद्यपि उसका एक अविश्वासी और असहयोगी पति था उसने यह निश्चित किया कि उसके बच्चों की आध्यात्मिकता की ओर सही ध्यान दिया जा रहा था। उसने क्षेत्र सेवकाई में और सभाओं में उसकी सहभागिता में एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया। क्षेत्र सेवकाई के बाद वह अपनी बच्चों के चहरों पर यह जानने के लिए देखती कि वे खुश हैं या नहीं। अगर नहीं, तो वह तुरन्त प्रोत्साहन देने में निश्चित रहती। अगर वे उनके कमरे में अलग रहते तो वह प्रेममय रीति से बात करने के द्वारा उनके विचार निकालने की कोशिश करती और परमेश्वर के वचन के द्वारा उन्हें प्रोत्साहित करती। परिणामस्वरूप, उसके सभी बच्चें सच्चाई में है। इन में से तीन नियमित पायनियर बनें, और इनमें दो बेथेल में सेवा कर चुके हैं। उसके प्रयत्न पूर्ण रूप से पुरस्कृत हुए क्योंकि उसने हमेशा उनकी आध्यात्मिकता को प्रथमिकता दी।—३ यूहन्ना ४ से तुलना करें।
७ कई आशीषों का आनन्द अभी और भविष्य में उठाया जा सकता है अगर माता-पिता उनके बच्चों की आध्यात्मिक आवश्यकताओं को नियमित ध्यान दें। जैसे बच्चें परमेश्वर के नियम का मूल्य जानेंगे और सचमुच विश्वस्त होते हैं कि यह सचमुच अच्छा और लाभदायक है वे दूसरों को वे क्या विश्वास कर रहे हैं यह शब्दों और कार्यों से बताने में पीछे नहीं हटेंगे। (भजन ११९:१६५) इसलिए, माता-पिताओं, अपने पारिवारिक अध्ययन की ओर आनन्दपूर्वक महत्त्वपूर्ण स्थान दें जो उसके लिए उचित है।