एक बाइबल अध्ययन चलाने की चाह आप में क्यों होनी चाहिए
१ एक मसीही के सबसे लाभप्रद कार्यें में से एक यहोवा के द्वारा मसीह का शिष्य बनने में किसी दूसरे की मदद करने के लिए उपयोग किया जाना है। (मत्ती २८:१९, २०; १ कुरि. ३:६, ९) उनके लिए जिन्हें हम इस रीति से मदद करते हैं, यह अनन्त जीवन का अर्थ रखता है।
२ शिक्षक और सीखनेवाले व्यक्ति के बीच में एक बहुत निकट का सम्बन्ध उत्पन्न होता है। विद्यार्थी की आत्मिक वृद्धि सचमुच बहुत आनन्द का एक स्रोत है। (१ थिस्स. २:११, १९, २०) इसलिए, यह प्रत्येक मसीही का लक्ष्य होना चाहिए कि वह अपने परिवार के बाहर किसी के साथ कम से कम एक बाइबल अध्ययन चलाए। निसःन्देह, प्रत्येक परिवार के प्रधान व्यक्ति की यह ज़िम्मेदारी है कि वे अपने परिवार के साथ एक अर्थपूर्ण, नियमित बाइबल अध्ययन चलाएं। उन परिवारों में जहाँ पिता एक विश्वासी नहीं है, मसीही माता को बच्चों के साथ बाइबल अध्ययन की उचित व्यवस्था करने की आवश्यकता है।
अध्ययन के लिए प्रार्थना करें
३ इसलिए कि हम अन्त के समय में इतने आगे बढ़ चुके हैं, सभों को प्रभावकारी बाइबल अध्ययन चलाने में परिश्रम करना चाहिए। इस सम्बन्ध में यहोवा से नियमित प्रार्थना, एक बाइबल अध्ययन चलाने की हमारी सच्ची इच्छा प्रदर्शित करती है। वह दिखाती है कि हम इस में शामिल उस जीवन-और-मृत्यु के विषय को समझते हैं। (यहेज. ३३:७-९, १४-१६) हमारे अन्तर्भावात्मक परिश्रमों पर यहोवा की आशीषों के बारे में हम निश्चित हो सकते हैं।—१ यूहन्ना ५:१४, १५.
४ शिष्य बनाने में प्रभावकारी होने के लिए हमें अच्छी तैयारी करनी चाहिए। बाइबल अध्ययन चलाने में जो प्रवीण हैं उन पर ध्यान देना भी बहुत सहायक है। आनेवाले महिनों में, हम ऐसे सुझाव देंगे जो शिष्य बनाने में सफलता पाए यात्रा ओवरसियरों और दूसरों से आते हैं। लेखों की एक श्रंखला कुछ व्यावहारिक विचारों पर विशेष बल देगी कि कैसे उत्पादनकारी बाइबल अध्ययन शुरु किया जा सकता है और चलाए जा सकते हैं।
भावी लेख
५ हमारी राज्य सेवा के भावी अंकों में ध्यान में लाए जानेवाले कुछ विचार क्या हैं? हम चर्चा करेंगे कि कैसे विभिन्न प्रचारक और पायनियरों ने बाइबल अध्ययन की शुरुआत की और उन्होंने विद्यार्थियों के दिल तक पहुँचने के लिए किन किन शिक्षण के तरीकों का इस्तेमाल किया है। हम ऐसे सुझाव भी देंगे जो कैसे परमेश्वर की संस्था के लिए मूल्यांकन उत्पन्न करने और कैसे क्षेत्र सेवकाई में भाग लेने की इच्छा विकसित करने के बारे में है। ऐसे भी सुझाव दिए जाएंगे कि कैसे अपने खुद के पारिवारिक बाइबल अध्ययन को अधिक अर्थपूर्ण बनाया जा सकता है ताकि आपके बच्चे यहोवा के साथ एक निकट व्यक्तिगत सम्बन्ध विकसित कर सकेंगे।
६ गए चार सेवकाई वर्षों में दुनिया भर में ९,५९,८३४ व्यक्तियों ने बपतिस्मा लिया, जिन में ८३६ भारत की मण्डलियों से है। इन लोगों में से अधिकांश ने किसी के मदद के साथ, जिन्होंने उनके साथ एक बाइबल अध्ययन चलाया था, बपतिस्मा के लक्ष्य तक पहुँचा था। हमारे स्मारक दिन और हमारे ज़िला सम्मेलनों की उपस्थिति यह सूचित करती है कि और भी कई हैं जिन्हें बपतिस्मा तक प्रगति करने के लिए मदद दी जा सकती है। ऐसों के साथ बाइबल अध्ययन शुरु करने और चलाने के हमारे परिश्रमों को जारी रखने के द्वारा हम और भी बहुतों को शिष्य बनने और अन्त में अनन्त जीवन का आनन्द पाने में मदद देने के योग्य बनेंगे।—१ तीमु. ६:१२, १९.