हमारी प्राण-रक्षक सेवकाई में सफलतापूर्वक भाग लेना
प्रेरित पौलुस ने अपने सुसमाचार की प्रस्तुति को अनुकूल बनाया ताकि वह “किसी न किसी रीति से कई एक का उद्धार” कर सके। (१ कुरि. ९:१९-२३) इसी तरह, हम भी अपनी सेवकाई में अधिक सफल होंगे यदि हम गृहस्वामी की दिलचस्पी को समझने के लिए सतर्क हैं और अपने विचार-विमर्श को उनकी ज़रूरतों के अनुकूल बनाने के लिए तत्पर हैं। प्रहरीदुर्ग और अवेक! के अभिदानों को पेश करते समय यह कठिन नहीं होना चाहिए।
२ अपना परिचय देने के बाद, आप शायद अपने शब्दों में कुछ इस प्रकार कहना शुरू कर सकते हैं:
▪“हमारे दिनों की समस्याओं के लिए व्यावहारिक समाधान प्रदान करने में संसार की सरकारों की स्पष्ट अयोग्यता को देखकर बहुत से लोग निराश हो गए हैं। कुछ तो अपनी समस्याओं के लिए सरकारों को भी दोष देते हैं। क्या आपके विचार में ऐसी एक सरकार हो सकती है जो पर्याप्त तरीक़े से हमारी सब ज़रूरतों को पूरा कर सके? [उत्तर के लिए समय दीजिए.] क्या आप जानते हैं कि हमारे पास एक ऐसी सरकार की प्रतिज्ञा है जो निश्चय ही हमारी सब समस्याओं को दूर कर देगी?” गृहस्वामी के उत्तर को ध्यानपूर्वक सुनिए। उसके कहने के अनुसार, कई विभिन्न प्रस्तुतिओं में से किसी एक में विचार-विमर्श को ले जाने के लिए तैयार रहिए।
३ यदि ऐसा संकेत मिलता है कि गृहस्वामी एक मसीही होने का दावा करता है, तब हम पूछ सकते हैं कि क्या वह “हे हमारे पिता,” या प्रभु की प्रार्थना करता है या नहीं। यदि वह हाँ कहे, तो हम इस आदर्श प्रार्थना को वहाँ तक दोहरा सकते हैं जहाँ कहा गया है, “तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो।” (मत्ती ६:९, १०) यह प्रमाणित करता है कि किसी न किसी दिन इस पृथ्वी पर यहोवा की इच्छा पूरी होने जा रही है। तब प्रहरीदुर्ग या अवेक! में से एक उपयुक्त लेख का उल्लेख किया जा सकता है और अभिदान पेश किया जा सकता है। यदि गृहस्वामी यह अस्वीकार करे, तो इसी विचार पर चर्चा करनेवाले एक ब्रोशर, जैसे कि वह शासन जो प्रमोदवन लाएगा का पृष्ठ ३ दिखाया जा सकता है।
४ यदि गृहस्वामी एक हिन्दु है तो आप दानिय्येल २:४४ का उल्लेख करके इसे एक चालू पत्रिका में से किसी मुद्दे के साथ जोड़ सकते हैं। एक बार फिर, यदि अभिदान अस्वीकार हो तो हमारी समस्याएँ—उन्हें हल करने में कौन हमारी मदद करेगा? ब्रोशर के पृष्ठ ८ को जाइए। अनुच्छेद ४ में बताए गए सामान्य विश्वास की ओर ध्यान आकर्षित कीजिए और फिर दिखाइए कि कैसे यहोवा परमेश्वर जल्द ही हमारी समस्याओं का हल करने के लिए कार्य करेगा। इस ब्रोशर को दो पत्रिकाओं के साथ पेश किया जा सकता है।
५ यदि ऐसा प्रतीत होता है कि गृहस्वामी अपने जीवन से संतुष्ट है, तो आप यह प्रश्न उठा सकते हैं:
▪“सरकारों के भविष्य के बारे में बाइबल जो कहती है इस पर हमें क्यों गंभीरता से विचार करना चाहिए?” फिर हम रीज़निंग पुस्तक में पृष्ठ १५४ और १५५ पर दी गई जानकारी का प्रयोग कर सकते हैं, और उस में दिए गए आठ कारणों में से एक या एक से अधिक कारणों पर संक्षिप्त रीति से चर्चा कर सकते हैं। आपके पास जो भी पत्रिका हो, उसमें से एक उपयुक्त मुद्दे से इस विचार को जोड़िए। यदि गृहस्वामी अभिदान स्वीकार नहीं करता है, तो बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए एक शांतिपूर्ण नए संसार में जीवन ट्रैक्ट का प्रयोग कीजिए।
६ आपकी आरंभिक भेंट पूर्णतः सफल नहीं होगी यदि आप एक और भेंट के लिए गृहस्वामी की भूख नहीं बढ़ाते हैं। इसलिए, निश्चित ही एक दिलचस्प प्रश्न पूछिए और दोबारा आकर इसका उत्तर देने का वादा कीजिए।
७ उपर्युक्त सुझावों में से, वही चुनिए जिसे इस्तेमाल करने में आप आसानी महसूस करते हैं। इन सुझावों को अपने क्षेत्र के अनुकूल बनाइए। जो ब्रोशर, ट्रैक्ट, और पत्रिका लेख आप प्रयोग करने जा रहे हैं, उन से परिचित होइए, ताकि आप गृहस्वामी की ज़रूरतों के अनुसार अपनी चर्चा को जल्दी से अनुकूल बना सकते हैं। ऐसा हो कि “सुसमाचार के लिये” हम सब अच्छी तरह से अपने प्रस्तुतिओं को तैयार करें और इस प्रकार इस प्राण-रक्षक सेवकाई में सफलतापूर्वक भाग लें।—१ कुरि. ९:२३.