आज हमारी सेवकाई में ट्रैक्ट इतने उपयोगी क्यों हैं
द वॉचटॉवर के जनवरी १, १९९१ के अंक में, पृष्ठ ३० पर एक अनुभव था जिसका शीर्षक था “उसने पटरी पर एक ट्रैक्ट पाया।” उसमें एक रेलमार्ग अनुरक्षण पर्यवेक्षक के बारे में बताया गया है जिसने हमारे एक ट्रैक्ट को रेल पटरी के नीचे फँसा हुआ पाया। उसने वह ट्रैक्ट तुरंत पढ़ा और फिर अपने दामाद से कहा: “आज मुझे सत्य मिल गया है!” दोनो व्यक्तियों ने और साहित्य मँगवाया और उसका अध्ययन किया। आज, उनके वंशजों में सौ से अधिक लोग सत्य में सक्रिय हैं। यह दिखाता है कि सिर्फ़ एक ट्रैक्ट के पढ़ने से क्या परिणाम हो सकते हैं।
२ अवसरों का लाभ उठाना: सभी जगह के भाई ट्रैक्ट पेश करने के अवसरों का लाभ उठा रहे हैं। एक युवा गवाह ने ध्यान दिया कि उसकी शिक्षिका अपनी सास की मृत्यु के कारण उदास थी। इस युवा बहन ने अपनी शिक्षिका को एक सांत्वनादायक पत्र लिखा और उसके साथ मृत प्रिय जनों के लिए कौनसी आशा? ट्रैक्ट भेज दिया। शिक्षिका ने शुक्रिया का एक नोट लिखा और फिर हमारी युवा बहन से बात की। अब यह शिक्षिका नियमित रूप से उस से पत्रिकाएं लेती है।
३ कुछ प्रकाशकों ने क़ब्रिस्तान की ओर जानेवाली सड़क पर गवाही देते वक्त लोगों को क़ब्रें पोतते हुए देखा। प्रकाशकों ने अवसर का लाभ उठाया और ट्रैक्ट पेश किये। अगले दिन छुट्टी थी जब अनेक लोग क़ब्रिस्तान में आते हैं, सो प्रकाशकों ने क़ब्रिस्तान के दरवाज़े पर खड़े होकर ट्रैक्ट पेश करने का निश्चय किया। पाँच सौ से अधिक ट्रैक्ट पेश किये गये, जिस में सिर्फ़ तीन व्यक्तियों ने इन्हें अस्वीकार किया। अगले वर्ष, प्रकाशक दुबारा लौटे और एक हज़ार से अधिक ट्रैक्ट वितरित किये, जिसमें सिर्फ़ छः अस्वीकृतियाँ थीं। कई व्यक्तियों ने गहरी क़दरदानी ज़ाहिर की। एक व्यक्ति ने जाते-जाते ट्रैक्ट पढ़ा, और कुछ ही समय बाद वह उस बहन के साथ बात करने के लिए लौटा जिसने उसे यह दिया था। उसने कहा: “एक व्यक्ति है जिसे मैं चाहूँगा कि वह यह संदेश पढ़े। क्या मुझे एक और मिलेगा?”
४ ट्रैक्ट सुविधाजनक आकार के हैं और जहाँ कहीं हम जाते हैं आसानी से अपने साथ रख सकते हैं। दूसरों के साथ अनौपचारिक बातचीत करते वक़्त, चाहे अपरिचित हों या परिचित, हमें ऐसी छोटी-सी टिप्पणी करने की कोशिश करनी चाहिए जो हमारे पास अब उपलब्ध आठ ट्रैक्टों में से एक की चर्चा करने की ओर ले जा सके। यह पड़ोसियों से बात करते वक़्त, ख़रीदारी करते वक़्त अथवा किसी से मिलने के समय इंतज़ार करते वक़्त, संबंधियों से मिलने जाते वक़्त, अथवा कई अन्य स्थितियों में किया जा सकता है।
५ क्यों प्रभावशाली: ट्रैक्ट आकर्षक रीति से रंगीन हैं। वे संक्षिप्त हैं। गृहस्वामी अथवा वे लोग जिन्हें हम अनौपचारिक स्थितियों में मिलते हैं, अत्यधिक पढ़ने के लिए बाध्य महसूस करते हुए अभिभूत नहीं होते हैं। फिर भी, संदेश तन्मयकारी और शिक्षाप्रद है। पाठक को ट्रैक्ट में दिये गये विषय की ठोस शास्त्रीय समझ मिलती है। एक शांतिपूर्ण नए संसार में जीवन ट्रैक्ट प्राप्त करने और किसी का उसके साथ पुनर्विचार करने के बाद, एक युवक ने विस्मित होकर कहा: “संसार की स्थिति के बारे में ऐसी प्रोत्साहक करने जैसी जानकारी मैंने पहले कभी नहीं सुनी!”
६ हम हर उपयुक्त अवसर पर ये ट्रैक्ट उपयोग करना चाहेंगे। बहुत से प्रकाशकों ने घर-घर की सेवा में वार्तालाप शुरू करने में इन्हें सहायक पाया है। इस समय संचालित किए जाने वाले अनेकों अध्ययन एक ट्रैक्ट के द्वारा शुरू किये गये थे। हमारी राज्य सेवकाई के इस अंक के पृष्ठ ४ पर कुछ व्यावहारिक सलाहें दी गई हैं कि किस प्रकार ट्रैक्टों को प्रभावकारी रीति से उपयोग किया जा सकता है। जी हाँ, ट्रैक्ट छोटे हैं लेकिन हमारी सेवकाई के लिए उपयोगी साधन हैं।