मई के लिए सेवा सभाएँ
मई २ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २० (७४)
५ मि:स्थानीय घोषणाएँ और हमारी राज्य सेवकाई में से उपयुक्त घोषणाएँ। क्षेत्र सेवा गतिविधियों को बढ़ाने के लिए किए गए प्रबंध दोहराइए, जैसे कि सड़क कार्य या संध्या गवाही कार्य।
१५ मि:“गर्मियों के दौरान ईश्वरशासित कार्यों में लगे रहिए।” सवाल और जवाब। सहयोगी पायनियर कार्य में या अनौपचारिक गवाही देते वक्त कुछ लोगों को प्राप्त सुखद अनुभवों को बताइए।
१० मि:“क्या मुझे परिवर्तन करते रहने की ज़रूरत है?” दो प्राचीनों के बीच चर्चा। क्षेत्र सेवा में नियमित रूप से भाग लेने के फ़ायदों पर ज़ोर दीजिए।
१५ मि:“सत्य को बाँटने के लिए पत्रिकाओं का प्रयोग कीजिए।” श्रोतागण के साथ चर्चा कीजिए। समझाइए कि क्या बात हमारी पत्रिकाओं को भिन्न करती है और इस बात से क्यों हमें प्रेरित होना चाहिए ताकि हम प्रत्येक अवसर पर इन्हें प्रस्तुत करें। दो संक्षिप्त प्रदर्शनों का प्रबंध कीजिए।
गीत १२८ (८९) और समाप्ति प्रार्थना।
मई ९ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २१४ (८२)
१० मि:स्थानीय घोषणाएँ। दर-दर कार्य में उन्हें प्रस्तुत करते वक्त, हमें अभिदान प्राप्त करने के सभी अवसरों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। समझाइए कि अभिदान पर्ची की तीन प्रतियाँ कैसे भरें।
२० मि:“बाइबल विद्यार्थियों को सेवकाई के लिए तैयार कीजिए।” सवाल और जवाब। अनुच्छेद ४ और ५ से, संक्षिप्त प्रदर्शन करवाइए जो दिखाता है कि दरवाज़े पर गवाही देने की तैयारी करने में विद्यार्थी की मदद कैसे की जाए। विद्यार्थी भजन ३७:११ का प्रयोग करते हुए एक सरल प्रस्तुति के साथ शुरूआत करता है। बाइबल अध्ययन संचालक बीच में यह कहते हुए टोकता है: “मेरा अपना धर्म है।” विद्यार्थी निश्चित नहीं कि क्या कहे। दोनों रीज़निंग किताब, पृष्ठ १८-१९ खोलते हैं, सुझाए गए कुछ जवाबों को दोहराते हैं, और एक सुझाव को चुनते हैं जो विद्यार्थी को आसान लगता है। विद्यार्थी फिर शुरू करता है, अच्छा जवाब देता है, और परिणामों से प्रोत्साहित महसूस करता है।
१५ मि:नई यरबुक का पारिवारिक प्रयोग। परिवार का सिर १९९४ यरबुक के पहले ३३ पृष्ठों पर दिए प्रस्तावना विषय के प्रेरक विचार-विमर्श में परिवार की अगुवाई करता है। परिवार के लिए प्रत्येक सप्ताह यरबुक के कुछ पृष्ठ पढ़ने के प्रबंधों की रूपरेखा देकर समाप्त करता है।
गीत १३९ (७४) और समाप्ति प्रार्थना।
मई १६ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १७३ (४५)
१० मि:स्थानीय घोषणाएँ। लेखा रिपोर्ट और अंशदान स्वीकृत्तियाँ पढ़िए। प्रस्तुत की जा रही सामयिक पत्रिकाओं में बातचीत के लिए मुद्दों का उल्लेख कीजिए।
१७ मि:“जहाँ आपने दिलचस्पी पायी वहाँ लौटिए।” सवाल और जवाब। सुझायी गयी एक या दो प्रस्तुतियों को प्रदर्शित करवाइए।
१८ मि:“ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल से पूरी तरह लाभ प्राप्त करना।” स्कूल ओवरसियर द्वारा भाषण और श्रोतागण के साथ चर्चा। सभी को नियुक्तियों को स्वीकार करने और पूरा करने का प्रोत्साहन दीजिए। साप्ताहिक बाइबल पठन को नियमित रूप से करने के महत्त्व पर ज़ोर दीजिए। समझाइए कि कैसे विद्यार्थियों को दी गयी सलाह से समस्त कलीसिया को लाभ पहुँच सकता है।
गीत ५३ (२७) और समाप्ति प्रार्थना।
मई २३ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १९२ (१०३)
१० मि:स्थानीय घोषणाएँ। सामयिक पत्रिकाओं में प्रमुख लेखों के बारे में बताइए, और एक या दो संक्षिप्त प्रस्तुतियों का प्रबंध कीजिए। सप्ताहांत के लिए क्षेत्र सेवा प्रबंधों की रूप-रेखा दीजिए।
२० मि:“क्या आप सलाह देते वक्त दूसरों का सम्मान करते हैं?” फरवरी १, १९९४ की वॉचटावर (अर्ध-मासिक संस्करण) पृष्ठ २५-९ पर आधारित एक प्राचीन द्वारा भाषण।
१५ मि:किताब १९९४ यरबुक से लाभ प्राप्त कीजिए। एक प्राचीन और सहायक सेवक १९९४ यरबुक, पृष्ठ १०-१८ से जानकारी लेते हुए, प्रोत्साहन के मुद्दों की चर्चा करते हैं जिनका प्रयोग ईश्वरशासित संगठन के लिए क़दर बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
गीत १९ (१११) और समाप्ति प्रार्थना।
मई ३० से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २०४ (१०९)
१० मि:स्थानीय घोषणाएँ। ईश्वरशासित समाचार।
१५ मि:जून के लिए साहित्य भेंट को दोहराइए: वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा या जीवन—यह यहाँ कैसे आया? क्रमविकास से या सृष्ट से? (अंग्रेज़ी) दोनों किताबों में आकर्षक चित्रों की ओर ध्यान दिलाइए, जैसे कि सृष्ट किताब के पृष्ठ ६, २३६, २४३, और २४५ पर दिए गए चित्र। एक योग्य प्रकाशक द्वारा किसी एक चित्र पर आधारित, प्रकाशितवाक्य २१:४ का प्रयोग करते हुए एक संक्षिप्त प्रस्तुति का प्रदर्शन करवाइए। आनेवाले सप्ताह के लिए क्षेत्र सेवा प्रबंधों की रूप-रेखा दीजिए।
२० मि:स्थानीय ज़रूरतें या “क्या यह सचमुच चोरी है?,” अप्रैल १५ के वॉचटावर (अर्ध-मासिक संस्करण) पृष्ठ १९ के लेख पर आधारित एक योग्य प्राचीन द्वारा भाषण। यही लेख मासिक संस्करणों में अप्रैल १ के अंक में पृष्ठ ३१ पर दिया गया है।
गीत १२ (५२) और समाप्ति प्रार्थना।