वे क्योंकर सुनें जब तक कि हम न लौटें?
“प्रचारक बिना क्योंकर सुनें?” (रोमि. १०:१५) सचमुच, वे सच्चाई के अर्थ को कैसे समझ सकेंगे जब तक कि हम प्रभावकारी पुनःभेंट न करें? जिस किसी घर में हम गृहस्वामी के साथ राज्य संदेश के बारे में वार्तालाप करने में समर्थ हुए थे वह पुनःभेंट के योग्य है। जो भी पुस्तिका हमने दी थी उस में से अतिरिक्त शास्त्रीय विचारों के साथ हम अपने प्रारम्भिक वार्तालाप को बढ़ाने के लिए इस महीने शायद पुनःभेंट करने में समर्थ हों, और वह शायद सफलतापूर्वक एक बाइबल अध्ययन की ओर ले जाए।
२ यदि आपने “एक सुरक्षित भविष्य—इसे आप कैसे पा सकते हैं” पुस्तिका दी है, तो आप शायद इस तरीक़े से एक वार्तालाप प्रारंभ करने में समर्थ हों जो एक बाइबल अध्ययन की ओर ले जाएगा। मुख आवरण की ओर संकेत करते हुए, आप पूछ सकते हैं:
▪“क्या आप एक ऐसे संसार में जीना पसन्द करेंगे जहाँ आपके और आपके परिवार के लिए एक सुरक्षित भविष्य की गारंटी है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर अनुच्छेद २ की ओर जाइए।] हम सभी यही अभिलाषा रखते हैं, हालाँकि अनेक लोगों को संदेह है कि यह कभी संभव होगा। परमेश्वर के लिए यह असंभव नहीं है, जिसने इसे वास्तविकता बनाने की प्रतिज्ञा की है।” अनुच्छेद २ में उद्धृत या अपनी बाइबल से यशायाह ३२:१७, १८ पढ़िए। उसके बाद समझाइए कि संसार में चारों तरफ ऐसे लोग हैं जो भविष्य की एक निश्चित आशा होने के कारण प्राप्त हर्ष और मन की शान्ति को पहले ही अनुभव कर रहे हैं। अनुच्छेद ३ के शास्त्रीय विचारों पर चर्चा कीजिए, और तब समझाइए कि कैसे उस पुस्तिका का अध्ययन गृहस्वामी को अधिक सीखने में सहायता करेगा। यदि वह व्यक्ति दिलचस्पी रखता है, तो चर्चा को जारी रखने के लिए शीघ्र पुनःभेंट करने का प्रबंध कीजिए।
३ जब आप “क्या एक परमेश्वर है जो चिन्ता करता है?” पुस्तिका देने के बाद लौटते हैं, तो शायद ऐसा कुछ कहना प्रभावकारी होगा:
▪“मेरी पिछली भेंट में, हमने इस सवाल पर चर्चा की थी कि क्या एक परमेश्वर है जो चिन्ता करता है?। क्या आपको लगता है कि परमेश्वर हमारी इतनी चिन्ता करता है कि वह दुःख और हिंसा का अन्त करेगा? [व्यक्ति के जवाब देने के बाद, अनुच्छेद ३२ की ओर जाइए और चर्चा जारी रखिए।] परमेश्वर ने इस दुष्ट संसार के बदले में एक ऐसे नए संसार को स्थापित करने की प्रतिज्ञा की है जिसमें अच्छे लोग बसेंगे और वे शान्ति में जी सकेंगे। [भजन ३७:११ पढ़िए।] आप और मैं भी उस नए संसार में जीवन का आनन्द उठा सकते हैं यदि हम बाइबल में विश्वास करें और उसकी सलाह को लागू करें।” लोगों को बाइबल का अध्ययन करने में सहायता करने के हमारे कार्यक्रम के बारे में समझाइए।
४ “देख! मैं सब कुछ नया कर देता हूँ” ब्रोशर देने के बाद जब आप पुनःभेंट करते हैं, तब आप आवरण का चित्र दिखाते हुए शुरू कर सकते हैं, और फिर यह सवाल पूछ सकते हैं:
▪“आपके विचार से एक परिपूर्ण संसार में जीना कैसा लगेगा? [गृहस्वामी की टिप्पणी लीजिए।] जो आप इस चित्र में देख रहे हैं वह पूरी तरह काल्पनिक नहीं है; वह बाइबल में वर्णित निश्चित प्रतिज्ञाओं पर आधारित है। [प्रकाशितवाक्य २१:४ और भजन ३७:११, २९ पढ़िए।] मैं समझाना चाहूंगा कि कैसे आप और आपका परिवार इस आशिष का आनन्द उठा सकते हैं।” यदि गृहस्वामी दिलचस्पी व्यक्त करता है, तो चर्चा जारी रखिए, और एक बाइबल अध्ययन का प्रस्ताव रखिए।
५ जब हम सच्चाई को ढूंढनेवाले निष्कपट लोगों को पाते हैं, तो जो उन्होंने सुना है उसके मुताबिक कार्य करने में उनकी सहायता करने के लिए हम उनके पास लौटने के द्वारा अपने सच्चे प्रेम को प्रदर्शित करते हैं। हमें सौंपी गई पवित्र सच्चाइयों को हम अपनी और जो सुनते हैं उनकी अनन्त आशिष के लिए इस्तेमाल करते हैं।—१ तीमु. ४:१६.