प्रकाशितवाक्य पराकाष्ठा पुस्तक का फिर से अध्ययन करना
प्रकाशितवाक्य पराकाष्ठा पुस्तक का शीर्षक पृष्ठ प्रकाशितवाक्य १:३ को उद्धृत करता है: “धन्य [ख़ुश, NW] है वह जो इस भविष्यद्वाणी के वचन को पढ़ता है, और वे जो सुनते हैं।” बाइबल की प्रकाशितवाक्य पुस्तक में दी गयी भविष्यवाणियों की आधुनिक-दिन की पूर्तियों द्वारा आज यहोवा के लोगों की ख़ुशी निश्चय ही बहुत ज़्यादा बढ़ गयी है। इस समय, अर्थात् “प्रभु के दिन” की घटनाओं की हमारी वर्तमान-दिन की समझ प्रकाशितवाक्य—इसकी महान् पराकाष्ठा निकट! में वर्णित की गयी है। (प्रका. १:१०) इसके अध्ययन के द्वारा, हमने संसार की महत्त्वपूर्ण घटनाओं के बारे में अंतर्दृष्टि प्राप्त की है, ख़ासकर ऐसी घटनाएँ जो झूठे धर्म के विश्व साम्राज्य और राष्ट्रों का अरमगिदोन की ओर बढ़ना, साथ ही अपने लोगों के साथ यहोवा के व्यवहार से सम्बन्धित हैं।
२ हम में से अनेक लोगों के लिए, इस प्रकाशन का अध्ययन न सिर्फ़ पहले अध्ययन किए गए मुद्दों को हमारे मन में ताज़ा करेगा बल्कि यहोवा के सब शत्रुओं पर उसकी जीत के दिन की ओर ले जानेवाले वर्तमान विकासों की हमारी आध्यात्मिक दृष्टि को तेज़ करेगा। वे हज़ारों लोग जो पिछले दो से तीन सालों के दौरान विश्वभर में हमारे समूह में शामिल हुए हैं निश्चय ही कलीसिया पुस्तक अध्ययन में प्रकाशितवाक्य पराकाष्ठा पुस्तक के इस तीसरे अध्ययन से लाभ उठाएँगे। इस बार भारत में प्रकाशितवाक्य पराकाष्ठा पुस्तक का अध्ययन करते वक़्त, हम संसार के अधिकांश भागों में अपने भाइयों के जैसे एक ही विषय का, एक ही समय पर अध्ययन कर रहे हैं।
३ हर सप्ताह तैयारी करने, उपस्थित होने, और अर्थपूर्ण रूप से भाग लेने का निश्चय कीजिए। जैसे-जैसे आप प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में अभिलिखित भविष्यवाणी की रोशनी में संसार की घटनाओं में हो रहे विकास के अर्थ को ज़्यादा स्पष्ट रूप से समझेंगे, आप प्रचुर मात्रा में प्रतिफल और आशिष पाएँगें। निश्चय ही, हमें ऐसे विषय को गम्भीरता से अध्ययन करने की ज़रूरत है क्योंकि यह पहले से कहीं ज़्यादा अभी समयोचित है। ऐसा हो कि हमारे समयों के बारे में इस रोमांचक भविष्यवाणी को जैसे-जैसे हम पढ़ते, सुनते और उसपर मनन करते हैं, हम उसकी प्रतिज्ञात ख़ुशी का आनन्द उठाएँ!