सिखाने योग्य लोगों को ढूँढिए
“कोई मेरे पास नहीं आ सकता, जब तक पिता, जिस ने मुझे भेजा है, उसे खींच न ले।” (यूह. ६:४४) यहोवा जो हृदयों को जाँचता है, ऐसे लोगों को प्रतिफल देगा जो सिखाने योग्य हैं और जो सीखी हुई बातों पर कार्य करते हैं। (यिर्म. १७:१०; यूह. ६:४५) हमारे पास एक नए संसार के लिए तरसनेवाले नम्र लोगों को ढूँढने में यहोवा के सहकर्मी होने का विशेषाधिकार है।—भज. ३७:११; १ कुरि. ३:९.
२ यीशु ने अपने शिष्यों को ‘मनुष्यों के मछुओं’ के तौर पर वर्णित किया। (मत्ती ४:१९, NHT) जबकि उस तरह का काम कभी-कभी मुश्किल हो सकता है, लेकिन अच्छे परिणाम प्राप्त करने में काफ़ी संतुष्टि मिलती है। हमारे व्यक्तिगत लाभ के लिए काम करने के बजाय, हम दरअसल ‘मछलियों’ को निश्चित विनाश से बचा रहे हैं। एक सफल मछुए के लिए यह जानना ज़रूरी है कि मछलियों को आकर्षित करने के लिए क्या करना चाहिए। उसी तरह, हमें राज्य संदेश को एक आकर्षक तरीक़े से पेश करना चाहिए जो हमारे सुननेवालों की दिलचस्पी को जगाएगा। यह ख़ासकर तब सच है जब हम पुनःभेंट करते हैं। हम क्या कह सकते हैं?
३ अगर धर्म से संबंधित “प्रहरीदुर्ग” में दिलचस्पी दिखायी गयी थी, तो शायद आप कहें:
▪“पिछली बार हम ने बात की थी कि अनेक लोग धर्म के बारे में चर्चा क्यों नहीं करना चाहते। क्या आपको यह एक प्रकार से विचित्र नहीं लगता, क्योंकि हमारे ज़्यादातर पड़ोसी धार्मिक होने का दावा करते हैं? शायद आप विचार करते हैं कि धर्म एक ऐसा विभाजक और विवादास्पद विषय क्यों है।” प्रतिक्रिया के लिए रुकिए। रीज़निंग किताब का पृष्ठ ३२२ खोलिए, और शीर्षक “इतने सारे धर्म क्यों हैं?” के नीचे दिए गए कुछेक विचारों को बाँटिए।
४ धर्म के विषय पर चर्चा शुरू करने के लिए आप शायद ऐसा ही तरीक़ा इस्तेमाल करें:
▪“क्या ऐसा कोई तरीक़ा है जिससे हम निश्चित हो सकते हैं कि हमारे पास सच्चा धर्म है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] क्योंकि इतने सारे भिन्न धर्म हैं, अनेक लोग उलझन में हैं और अनिश्चित हैं।” रीज़निंग किताब का पृष्ठ ३२८-९ खोलिए, जहाँ सवाल “एक व्यक्ति कैसे जान सकता है कि कौन-सा धर्म सही है?” की चर्चा की गयी है। संक्षिप्त में सवाल नंबर ५ पर टिप्पणी कीजिए, “क्या उसके सदस्य सचमुच एक दूसरे से प्रेम करते हैं?” यह समझाइए कि एक व्यक्तिगत बाइबल अध्ययन से और अधिक कैसे सीखा जा सकता है।
५ अगर गृहस्वामी संसार की परिस्थितियों के बारे में चिन्तित प्रतीत हो रहा था, तो आप शायद यह इस्तेमाल करना चाहें:
▪“यह स्पष्ट है कि आप बुरी परिस्थितियों के बारे में चिन्तित महसूस करते हैं जिनका हमें ज़िन्दा रहते समय और अपने परिवार का पालन-पोषण करते समय सामना करना पड़ता है। बाइबल एक अद्भुत प्रतिज्ञा प्रकट करती है जो परमेश्वर नज़दीकी भविष्य में पूरी करेगा।” नीतिवचन २:२१, २२ पढ़िए, और समझाइए कि यहोवा ने कैसे एक स्थायी शान्ति के संसार की प्रतिज्ञा की है।
६ ख़ास राज्य समाचार अभियान शुरू होने के बाद पुनःभेंट करते समय, कृपया यह निश्चित कीजिए कि जिन गृहस्वामियों के पास राज्य समाचार नहीं है, उन्हें इसकी एक प्रति दें। राज्य समाचार वितरणों के बाद पुनःभेंट करते समय आप क्या कह सकते हैं, इसकी चर्चा हमारी राज्य सेवकाई के मई अंक में की जाएगी।
७ क्योंकि परमेश्वर का वचन “प्रबल” है, हमें अपनी प्रस्तुतियों में इसे इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए। (इब्रा. ४:१२) यह निश्चित कीजिए कि आप गृहस्वामी को ख़ुद बाइबल पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। (प्रेरितों १७:११ से तुलना कीजिए।) अगर हम मेहनत से अपना भाग अदा करते हैं, तो यहोवा हमारे प्रयासों पर आशिष देगा।