ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार
ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल की कार्य-नियुक्तियों में जनवरी २ से अप्रैल १७, १९९५ के सप्ताहों में चर्चा किए गए विषय का बंद-पुस्तक पुनर्विचार। नियत समय में जितने सवालों के जवाब आप दे सकते हैं, उनको लिखने के लिए एक अलग काग़ज का प्रयोग कीजिए।
[सूचना: लिखित पुनर्विचार के दौरान, किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए, सिर्फ़ बाइबल इस्तेमाल की जा सकती है। सवालों के बाद दिए गए हवाले आपकी व्यक्तिगत खोज के लिए हैं। द वॉचटावर और प्रहरीदुर्ग के हवालों में शायद हर जगह पृष्ठ और अनुच्छेद क्रमांक नहीं दिए गए हों।]
प्रत्येक निम्नलिखित कथन को सही या ग़लत चिन्हित कीजिए:
१. जब परमेश्वर ने बतशेबा के साथ पाप करने के लिए दाऊद के पश्चाताप को स्वीकार किया, तब दाऊद और उसका घराना उसके ग़लत आचरण के दुष्परिणामों से मुक्त हो गया। [uw पृ. १२७ अनु. ५]
२. नीतिवचन ११:१ का मूलभूत सिद्धान्त यह है कि यदि हम यहोवा का अनुग्रह चाहते हैं तो हमें अपने सभी व्यावसायिक मामलों में नीतिपरक और ईमानदार होना है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w८६ ११/१५ पृ. १९ देखिए।]
३. सलाह स्वीकार करना कमज़ोरी का चिन्ह है। [uw पृ. १२७ अनु. ४]
४. नीतिवचन १४:१७ पहले भावनाओं की ओर ध्यान देता है क्योंकि वे सामान्यतः कार्यों से पहले आती हैं। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९३ ८/१ पृ. २८-२९ देखिए।]
५. वे सभी जो यीशु को प्रभु कहकर बुलाते हैं बचाए जाएँगे। [uw पृ. १०५ अनु. ५]
६. सामान्य युग ३३ में, जब यीशु पुनरुत्थित किया गया और उसने परमेश्वर के दाहिने हाथ पर अपना स्थान ले लिया, तब उसने उसी समय अपने अभिषिक्त शिष्यों पर शासन करना शुरू कर दिया। (कुलु. १:१३) [gt अध्य. १३२]
७. वैज्ञानिकों द्वारा आनुवंशिक कोड की खोज करने से लगभग ३,००० साल पहले, भजन १३९:१३-१६ ने इसकी जानकारी व्यक्त की। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w९२ ५/१५ पृ. ४ देखिए।]
८. नीतिवचन ८:२२-३१ केवल बुद्धि का वर्णन है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI८७ १०/१ पृ. २७ देखिए।]
९. सच्चे मसीही को किसी भी चीज़ से घृणा नहीं करनी चाहिए। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९२ ४/१ पृ. १९ देखिए।]
१०. नीतिवचन ११:२५ इब्रानी काव्यात्मक शैली में समान्तर विचारों या धारणाओं का एक उदाहरण है, और नीतिवचन १०:७ विपरीत समान्तरता का एक उदाहरण है। [si पृ. १०७ अनु. ७]
निम्नलिखित सवालों के जवाब दीजिए:
११. भजन संहिता महान साहित्य से कहीं बढ़कर क्यों है? [si पृ. १०४ अनु. २३]
१२. भजन संहिता की जानकारी से यीशु को क्या लाभ हुआ? [si पृ. १०५ अनु. ३०]
१३. सुलैमान को बुद्धि किसने दी, और नीतिवचन पढ़ते वक़्त उससे हमें किस बात का मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित होना चाहिए? [si पृ. १०६ अनु. १]
१४. मरियम मगदलीनी ने पुनरुत्थित यीशु को क्या समझा जब उसने बग़ीचे में उससे बात की, और किस बात ने उसे यीशु को सही-सही पहचानने में सहायता की? [gt अध्य. १२८]
१५. महासभा के कौन-से दो सदस्यों ने, जो यीशु के साथ पहचाने जाने से डरे थे, दफ़न के लिए उसके शरीर को तैयार करने में सहायता की? [gt अध्य. १२७]
१६. हम प्रतिदिन की गतिविधियों में कैसे दिखा सकते हैं कि हमें अपने भाइयों के लिए आत्म-बलिदानी प्रेम है? [uw पृ. १३२-३ अनु. ३, ४]
१७. भजन १३६:१०-१५ कौन-सी ऐतिहासिक घटना का वर्णन करता है, और फ़िरौन को क्या हुआ? [साप्ताहिक बाइबल पठन; w९३ ६/१५ पृ. ५ देखिए।]
१८. मसीह का बहाया हुआ लहू कौन-सा दोहरा उद्देश्य पूरा करता है? [uw पृ. ११५, अनु. १३]
१९. विश्वासी प्रेरित, यीशु का सौतेला भाई याकूब, और ५०० से अधिक शिष्य क्यों विश्वस्त थे कि यीशु पुनरुत्थित किया गया था? [gt अध्य. १३१]
२०. कौन-सी बात ने यीशु मसीह को वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य बनाया जो कभी जीवित रहा? [gt परिचायक टिप्पणियाँ]
प्रत्येक निम्नलिखित कथन को पूरा करने के लिए आवश्यक शब्द या वाक्यांश दीजिए:
२१. पिन्तेकुस्त सा.यु. ३३ के दिन अपने प्रसिद्ध भाषण में, पतरस ने बारम्बार _________________________ की पुस्तक से उद्धरण दिए; उस अवसर पर लगभग _________________________ लोगों ने बपतिस्मा लिया और कलीसिया में आ गए। [si पृ. १०५ अनु. २५, २६]
२२. भजन संहिता में पूर्वबताया गया था कि यीशु को पीने के लिए _________________________ दिया जाएगा, उसके बाहरी _________________________ के लिए चिट्ठियाँ डाली जाएँगी, और वह ऐसा प्रतीत होगा मानो __________________________ द्वारा त्यागा गया हो। [si पृ. १०५ अनु. ३०]
२३. यहोवा का संगठन ईश्वरशासित है, जिसका अर्थ है कि वह _________________________ है; यहोवा अपने वचन, _________________________ के ज़रिए, कलीसिया के सिर, _________________________ के द्वरा निर्देशन प्रदान करता है; और यीशु ने _________________________ को विशेष ज़िम्मेदारी सौंपी है। (मत्ती २४:४५) [uw पृ. ११८-१९, अनु. ४-६]
२४. स्वर्ग में ले जाए जानेवाले १,४४,००० की विषमता में एक _________________________ जिसे कोई गिन नहीं सकता था, ठीक इसी _________________________ पर _________________________ से बच निकलेगी। (प्रका. ७:९, १४) [uw पृ. १०४ अनु. ३, ४]
२५. परमेश्वर-स्वीकृत निर्णय तक पहुँचने के लिए, पहली शताब्दी के शासी निकाय ने विचाराधीन विषय पर उत्प्रेरित _________________________ क्या कहता है साथ ही साथ _________________________ की क्रियाशीलता के प्रमाण पर ध्यानपूर्वक विचार किया। (प्रेरि. १५:६-२९) [uw पृ. १२० अनु. ८]
निम्नलिखित प्रत्येक कथन में सही जवाब चुनिए:
२६. अपने सूलारोपण पर, यीशु को गंधरस मिलाया हुआ दाखरस दिया गया, लेकिन उसने उसे पीने से इनकार किया क्योंकि (यह व्यवस्था द्वारा वर्जित था; वह नाज़ीर था; वह अपनी मानसिक शक्तियों पर पूरा नियंत्रण रखना चाहता था)। [gt अध्य. १२५]
२७. अपने वस्त्रों को धोकर मेम्ने के लोहू में श्वेत करने का अर्थ है कि हम (पाप करना बन्द कर देते हैं; पापों के प्रायश्चित के लिए यीशु के बलिदान की अपनी ज़रूरत को पहचानते हैं; परमेश्वर को अपना जीवन समर्पित करते हैं और बपतिस्मा लेते हैं)। [uw पृ. १०६ अनु. ७]
२८. यीशु (हेरोदेस; पीलातुस; फेलिक्स) द्वारा कम-से-कम पाँच बार निर्दोष घोषित किया गया था, जो बाद में यहूदियों की कठोर माँगों के सामने झुक गया और यीशु को प्राणदण्ड दिए जाने के लिए सौंप दिया। [gt अध्य. १२४]
२९. परमेश्वर के सभी विश्वासी सेवक जो पिन्तेकुस्त सा.यु. (३६; ३५; ३३) से पहले मर चुके थे और मृत रहे, स्वर्गीय जीवन के लिए पवित्र आत्मा से अभिषिक्त नहीं किए गए थे। [uw पृ. १११ अनु. ५]
३०. शैतान तर्क करता है कि सभी मनुष्य (प्रेम; घृणा; निजी लाभ की अभिलाषा) द्वारा प्रेरित होते हैं और उनकी मुख्य चिन्ता (परमेश्वर के नाम; दूसरों; ख़ुद) के लिए है। [uw पृ. १२४ अनु. १४]
निम्नलिखित शास्त्रवचनों का नीचे सूचीबद्ध कथनों के साथ सुमेल कीजिए: नीति. ३:२७, २८; यूह. १९:४-६; १९:२५-२७; रोमि. १५:२, ३; प्रका. ७:१६, १७
३१. मसीहियों पर अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी है। [gt अध्य. १२६]
३२. हमारा दिखाव-बनाव दूसरों पर क्या प्रभाव डाल सकता है इसके बारे में हम सचमुच चिन्तित हैं, इसलिए हम ख़ुद को प्रसन्न करने की इच्छा को स्वेच्छा से त्याग देते हैं। [uw पृ. १३० अनु. १०, ११]
३३. जब भी हमें दूसरों का भला करने का अवसर मिलता है, चाहे आध्यात्मिक या भौतिक रीति से, हमें अवसर का लाभ उठाना चाहिए और अपने साथी मनुष्य, ख़ासकर अपने आध्यात्मिक भाइयों की सहायता करनी चाहिए। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९३ १२/१ पृ. २६ देखिए।]
३४. विपत्ति का सामना करते वक़्त शान्त गरिमा और प्रशान्ति रखना यहोवा को सम्मान ला सकता है और मनुष्यों का आदर जीत सकता है। [gt अध्य. १२३]
३५. हम अभी से प्रतिज्ञात परिस्थितियों का आनन्द उठाने लगे हैं जिन्हें उपयुक्त रीति से “एक आध्यात्मिक परादीस” कहा गया है। [uw पृ. १०७-९ अनु. ९-११]