प्रश्न बक्स
▪ अब जबकि हमारे पास ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है पुस्तक है, तो गृह बाइबल अध्ययन कितने समय तक संचालित किया जाना चाहिए?
अतीत में, ऐसी सलाह दी गयी थी कि नए-नए दिलचस्पी रखनेवाले जनों के साथ गृह बाइबल अध्ययन को तब तक जारी रखा जाना चाहिए जब तक कि दो पुस्तकों का अध्ययन नहीं किया जाता है। अब जबकि हमारे पास ज्ञान पुस्तक है, तो इस तरीक़े में समंजन करना उचित लगता है, जैसा कि जनवरी १५, १९९६ के प्रहरीदुर्ग अंक के पृष्ठ १३ और १४ में दिया गया है।
ज्ञान पुस्तक “अनन्त जीवन के लिए उचित मनोभाव” वालों को यह सीखने में मदद करने के लिए लिखी गयी है कि यहोवा के प्रति समर्पण करने और बपतिस्मा प्राप्त करने में उन्हें क्या-क्या जानने की ज़रूरत है। (प्रेरि. १३:४८, NW) इसीलिए, इस नए प्रकाशन को पूरा करने के बाद, उसी विद्यार्थी के साथ दूसरी पुस्तक से अध्ययन करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। जैसे-जैसे आपके बाइबल विद्यार्थी सच्चाई को ग्रहण करना शुरू करते हैं, आप उन्हें यहोवा के साक्षियों की सभाओं में उपस्थित होने, साथ ही साथ बाइबल और विभिन्न मसीही प्रकाशनों को पढ़ने के द्वारा अपना ज्ञान पूरा करने के लिए प्रगतिशील रूप से प्रोत्साहित कर सकते हैं।
यदि आप अपनी सेवकाई को पूरा करने के लिए संगठित (अंग्रेज़ी) पुस्तक के पृष्ठ १७५ से २१८ के सवालों से पूरी तरह वाकिफ़ हैं, तो यह सहायक हो सकता है। हालाँकि आपको इन सवालों का ज़िक्र नहीं करना है या बाइबल विद्यार्थी के साथ इनका पुनर्विचार नहीं करना है, ज्ञान पुस्तक में ऐसे मुद्दों पर ज़ोर देना शायद अच्छा हो जो विद्यार्थी को मूल बाइबल सच्चाइयों की उचित समझ को व्यक्त करने में समर्थ करेगा जब प्राचीन बपतिस्मे के उम्मीदवारों के साथ सवालों पर पुनर्विचार करते हैं।
बाइबल शिक्षाओं का समर्थन करने या झूठे सिद्धान्तों की निन्दा करने के लिए बाहरी विषय या अतिरिक्त तर्कों को लाकर, ज्ञान पुस्तक की जानकारी को परिशिष्ट करने की कोई ज़रूरत नहीं है। यह अध्ययन को केवल ज़्यादा लम्बे समय तक के लिए बढ़ाने का कार्य करेगा। इसके बजाय, ऐसी आशा की जाती है कि इस पुस्तक को अपेक्षाकृत शीघ्रता से पूरा किया जा सकता है, शायद लगभग छः महीनों में। यह हमारे लिए पहले से विषय का पूरी तरह से अध्ययन करने की ज़रूरत पर ज़ोर देता है ताकि हम इसे स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से प्रस्तुत कर सकें। उसी तरह, विद्यार्थी से पहले ही इसका अध्ययन करने, उद्धृत शास्त्रवचनों को देखने, और हर अध्याय में पुस्तक जो सिखाती है उसे स्पष्ट रूप से समझने का प्रयास करने के लिए आग्रह किया जा सकता है।
प्रहरीदुर्ग ने यहोवा के साक्षियों के लिए कम समय में ज़्यादा संख्या में प्रभावकारी बाइबल अध्ययनों को संचालित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है। (यशायाह ६०:२२ देखिए।) ज्ञान पुस्तक का प्रभावकारी इस्तेमाल नए जनों को उस ज्ञान को प्राप्त करने में जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है, और उसके सामंजस्य में कार्य करने में मदद दे सकता है।—यूह. १७:३.