जनवरी के लिए सेवा सभाएँ
जनवरी ६ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत ६ (४)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनी हुई घोषणाएँ। देश-भर की और स्थानीय कलीसिया की सितम्बर सेवा रिपोर्ट पर टिप्पणी कीजिए।
२० मि: अग्रिम चिकित्सा निदेश-पत्र/निर्मुक्ति कार्ड के नवीनीकरण का समय। योग्य प्राचीन कार्ड को पूरी तरह से भरने और हर समय उसे साथ रखने के महत्त्व पर चर्चा करता है। यदि संकट के समय आप अपने लिए बोलने में असमर्थ हैं, तो यह दस्तावेज़ आपके लिए बोलता है। (नीतिवचन २२:३ से तुलना कीजिए।) लहू से इनकार पर एक सामयिक प्रकथन देने के लिए हर साल एक नया कार्ड भरे जाने की आवश्यकता है, क्योंकि कुछ डॉक्टरों और दूसरों ने दावा किया है कि एक साल से पुराने दस्तावेज़ शायद एक व्यक्ति के वर्तमान विश्वास को प्रदर्शित न करते हों। सभा के बाद, सभी बपतिस्मा-प्राप्त प्रकाशकों को साहित्य काउंटर से अग्रिम चिकित्सा निदेश-पत्र/निर्मुक्ति कार्ड प्राप्त करना चाहिए, और जिनके बपतिस्मा-रहित अवयस्क बच्चे हैं, उन्हें प्रत्येक बच्चे के लिए एक पहचान-पत्र प्राप्त करना चाहिए। समझाइए कि ये कार्ड आज रात को नहीं भरे जाने हैं। उन्हें ध्यानपूर्वक घर पर भरना चाहिए परन्तु उन पर हस्ताक्षर नहीं करें। सभी कार्डों पर हस्ताक्षर करना, गवाही, और तारीख़ डालना अगले कलीसिया पुस्तक अध्ययन के बाद पुस्तक अध्ययन संचालक की निगरानी में किया जाएगा। वह यह देखने के लिए जाँच करेगा कि उसके समूह में सभी सदस्यों को एक कार्ड और आवश्यक सहायता प्राप्त है। जो गवाहों के तौर पर हस्ताक्षर करेंगे उन्हें असल में कार्ड-धारक को दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करते हुए देखना चाहिए। उस समय अनुपस्थित किसी भी व्यक्ति को संचालक/प्राचीनों द्वारा अगली सेवा सभा पर सहायता दी जाएगी जब तक कि सभी बपतिस्मा-प्राप्त प्रकाशकों के पास अपने कार्ड उचित रूप से भरे और हस्ताक्षरित होंगे। (अक्तूबर १५, १९९१ के पत्र पर पुनःविचार कीजिए।) इस कार्ड की भाषा को अपनी परिस्थितियों और विश्वासों के अनुकूल बनाकर, बपतिस्मा-रहित प्रकाशक अपने और अपने बच्चों के उपयोग के लिए स्वयं अपना निदेश-पत्र लिख सकते हैं। इन ज़रूरी बारीकियों का ध्यान रखने में अंतर्दृष्टि रखने पर उनका यहोवा की ओर से भला होगा।—नीति. १६:२०.
१५ मि: “दूसरों को सिखाने के लिए योग्य और सज्जित।” (अनुच्छेद १-६) अनुच्छेद १-२ पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ कीजिए और हमारे इस बात पर आश्वस्त होने की आवश्यकता पर ज़ोर दीजिए, कि यहोवा की सहायता से हम दूसरों को प्रभावकारी रीति से सिखा सकते हैं। दो प्रकाशक-गृहस्वामी की जोड़ियों से अनुच्छेद ३-६ की प्रस्तुतियाँ प्रदर्शित करवाइए, जिसमें प्रत्येक जोड़ी यह दिखाती है कि किस प्रकार एक प्रारंभिक भेंट और एक पुनःभेंट की जाए।
गीत १४ (६) और समाप्ति प्रार्थना।
जनवरी १३ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १६ (१०१)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। लेखा रिपोर्ट। सामयिक पत्रिकाओं से कुछ बातचीत के मुद्दों को विशिष्ट कीजिए। इस बारे में सुझाव प्रस्तुत कीजिए कि अनौपचारिक रूप से साक्षी देने के लिए लोगों से मिलते समय अपना परिचय किस प्रकार दें। श्रोतागण को यह बताने के लिए आमंत्रित कीजिए कि दुकानों में, सड़क पर, पार्क में, सार्वजनिक परिवहन इत्यादि में दूसरों से बात करते समय उन्होंने क्या आरम्भिक शब्द प्रयोग किए हैं।
१० मि: “दूसरों को सिखाने के लिए योग्य और सज्जित।” (अनुच्छेद ७-९) जो भी रुचि दिखानेवाला मिले उससे पुनः मिलने के महत्त्व पर ज़ोर देते हुए, १९९५ वार्षिकी, पृष्ठ ४५ पर पुनःभेंट करने के बारे में पाए जानेवाले अनुभव बताइए। अनुभवी प्रकाशक द्वारा अनुच्छेद ७-८ की प्रस्तुतियाँ प्रदर्शित करवाइए। हालाँकि आरम्भ में अन्य प्रकाशन प्रस्तुत किए जाते हैं, हमें अंततः ज्ञान पुस्तक से अध्ययन संचालित करने पर अपने प्रयास केन्द्रित करने चाहिए। सभी को आनेवाले सप्ताह में पुनःभेंट करने के लिए कुछ समय निकालने के लिए प्रोत्साहित कीजिए।
२५ मि: “हम अपने परमेश्वर के भवन को न छोड़ेंगे।” अन्तःपत्र की सवाल-जवाब द्वारा चर्चा। स्थानीय रूप से लागू कीजिए। अपनी कलीसिया को स्वयं का भवन प्राप्त करने के लिए और, यदि पहले से है, तो उसे बढ़िया स्थिति में रखने के लिए जोश दिलाइए। यदि एक निर्माण-परियोजना चल रही है या हाल ही में आपकी कलीसिया द्वारा पूरी की गयी है, तो भाइयों के भौतिक सहयोग और अन्य सहायता के लिए उनकी सराहना कीजिए। आपके सभा स्थान में ‘निर्माण निधि’ लिखे हुए डिब्बे की ओर ध्यान आकर्षित करवाइए, और यह बताइए कि इस डिब्बे से प्राप्त होनेवाला धन देशभर की कलीसियाओं को स्वयं के राज्यगृह बनाने में सहायता करने के लिए हर महीने संस्था के राष्ट्रीय राज्यगृह निधि को भेज दिया जाता है। (संस्था का अगस्त २१, १९९५ का पत्र देखिए।) अनुच्छेद १७ पढ़िए।
गीत १५ (११९) और समाप्ति प्रार्थना।
जनवरी २० से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २१ (१)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ।
“सब प्रकार के मनुष्यों का उद्धार होगा।” सवाल और जवाब। यह दिखाते हुए कि श्रोतागण को किस प्रकार जीवन के विभिन्न वर्ग के लोगों की ओर से अनुकूल प्रतिक्रिया मिली, संक्षेप में कुछ अनुभव बताने के लिए उन्हें आमंत्रित कीजिए।
१७ मि: स्थानीय ज़रूरतें। या “हमेशा अपना बोझ यहोवा पर डालिए।” अप्रैल १, १९९६ प्रहरीदुर्ग के पृष्ठ २७-९ पर आधारित एक प्रोत्साहक भाषण।
गीत २३ (९३) और समाप्ति प्रार्थना।
जनवरी २७ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २० (५५)
५ मि: स्थानीय घोषणाएँ।
१० मि: सचिव द्वारा प्रश्न बक्स पर पुनर्विचार।
१५ मि: “हम ‘वचन को प्रचार करते’ हैं।” सवाल और जवाब। यह दिखाते हुए कुछ टिप्पणियाँ शामिल कीजिए कि क्यों हम परमेश्वर के वचन के महत्त्व का गहरा मूल्यांकन करते हैं और हमारी सेवकाई में हर अवसर पर इसका प्रयोग करते हैं।—मार्च २२, १९८४, सजग होइए!, (अंग्रेज़ी) पृष्ठ ९-११ देखिए।
१५ मि: फरवरी के लिए साहित्य भेंट पर पुनर्विचार कीजिए। इस पुस्तक की रोचक विशेषताएँ बताइए, जैसे: (१) अध्याय के प्रभावशाली शीर्षक, (२) रंग-बिरंगे चित्र, (३) शिक्षण बक्स और चार्ट, और (४) उत्तेजित करनेवाले मुद्रित सवाल। सभा के पहले भाग के सामंजस्य में, प्रस्तुति में एक अच्छी तरह चुने गए शास्त्रवचन के प्रयोग को प्रोत्साहित कीजिए। एक या दो संक्षिप्त प्रस्तुतियों का प्रदर्शन करवाइए। इस सप्ताह सभी को इस्तेमाल के लिए पुस्तकें लेने की याद दिलाइए।
गीत २६ (९) और समाप्ति प्रार्थना।