भोले लोगों को समझ प्राप्त करने में मदद करना
चेला बनाने के कार्य के ज़रिए, हम दूसरों को सिखाते हैं कि परमेश्वर उनसे क्या माँग करता है। (मत्ती २८:१९, २०) ऐसा करने के लिए संसार-भर में ५० लाख से भी ज़्यादा साक्षियों द्वारा एक ज़बरदस्त प्रयास किया जा रहा है। सफलता इस बात से नहीं मापी जाती कि कितने घंटे बिताए गए, कितना साहित्य बाँटा गया, या कितने बाइबल अध्ययन शुरू किए गए। हमारा उद्देश्य तब सफल होता है जब लोग जो सीखते हैं, उसे समझते और उस पर कार्य करते हैं।
२ दूसरों को आध्यात्मिक रूप से मदद करने में ‘भोले [“अनुभवहीन,” NW] लोगों को समझ’ देना शामिल है। (भज. ११९:१३०) दिल तभी छुए जा सकते हैं, और लोगों को तभी प्रेरित किया जा सकता है, जब वे ‘समझ’ प्राप्त करते हैं। (मत्ती १५:१०) जैसे-जैसे हमारा कार्य फैलता है और तेज़ी पकड़ता है, वैसे-वैसे हम सरलता से बोलने और सिखाने की ज़रूरत की और ज़्यादा अहमियत समझते हैं। इसीलिए संस्था ने ब्रोशर परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? प्रकाशित किया है। इसमें एक सर्व-समावेशी अध्ययन कोर्स है जो बाइबल की मूल शिक्षाओं का विवरण देता है। पाठ छोटे हैं, भाषा सरल है, और इसमें मिलनेवाला निर्देश समझने में आसान है, जिसके कारण यह ब्रोशर बहुत आकर्षक है।
३ अप्रैल और मई महीनों के दौरान अभिदानों के साथ-साथ इस ब्रोशर को भी पेश किया जा सकता है। इस ब्रोशर को उन लोगों के पास ले जाइए, जिन्होंने पहले ख़ुशी से साहित्य स्वीकार किया था। याद रखिए कि यह ख़ासकर ऐसे लोगों को सिखाने में मददग़ार हो सकता है जैसे कि बच्चे, या वे लोग जिनकी भाषा आप अच्छी तरह बोल नहीं सकते, और जिनकी पढ़ने की क्षमता सीमित है।
४ एक सीधी-सादी प्रस्तुति का इस्तेमाल कीजिए: माँग ब्रोशर पेश करते समय, पृष्ठ २ का हवाला दीजिए, जहाँ वह बताता है कि “इस ब्रोशर को एक बाइबल अध्ययन पाठ्यक्रम के रूप में बनाया गया है।” यह दिखाने के लिए कि उस व्यक्ति को बाइबल का अध्ययन करने की ज़रूरत क्यों है, पृष्ठ ३ पर अनुच्छेद ३ की ओर इशारा कीजिए। कुछ ऐसे पाठ-शीर्षकों का इस्तेमाल करते हुए उसकी रुचि जगाइए, जो बाइबल की सीधी-सादी सच्चाइयाँ उजागर करते हैं। यह प्रदर्शित कीजिए कि किस प्रकार इस ब्रोशर से सीखना मज़ेदार है, और व्यक्तिगत मदद देने का प्रस्ताव रखिए।
५ एक प्रगतिशील अध्ययन संचालित कीजिए: हमारा उद्देश्य मात्र अध्ययन संचालित करना नहीं है—बल्कि हम ऐसे चेले बनाना चाहते हैं जो सच्ची उपासना के दृढ़ समर्थक बनें। इस ब्रोशर को कुछ ही हफ़्तों में पूरा किया जा सकता है और इसे ज्ञान पुस्तक से एक अध्ययन की ओर बढ़ जाना चाहिए। (पृष्ठ ३१ पर फुटनोट देखिए।) शुरू से ही, विद्यार्थी को यहोवा के संगठन की पहचान करने में मदद कीजिए। (रीज़निंग किताब, पृष्ठ २८३-४ देखिए।) कलीसिया सभाओं के महत्त्व पर ज़ोर दीजिए, और समझाइए कि इनमें उपस्थित होने से इस बात की विस्तृत समझ मिलती है कि सच्ची उपासना कैसे की जाए।—इब्रा. १०:२४, २५.
६ अप्रैल और मई के दौरान इस ख़ास काम में पूरा-पूरा हिस्सा लेने से हमें निश्चित ही ऐसी ख़ुशी मिलेगी, जो सत्हृदयी लोगों को वह ‘समझ प्राप्त’ करने में मदद करने से मिलती है, जो जीवन की ओर ले जाती है।—नीति. ४:५.