१९९८ के लिए वैकल्पिक ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल तालिका
निर्देश
वर्ष १९९८ के दौरान ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल संचालित करने के लिए निम्नलिखित प्रबन्ध होंगे।
पाठ्य पुस्तकें: नियुक्तियाँ द होली बाइबल हिन्दी ओल्ड वर्शन [ohv], प्रहरीदुर्ग [w], “समस्त शास्त्र परमेश्वर से उत्प्रेरित और लाभदायक है” (१९९० संस्करण) [si, अंग्रेज़ी], “चर्चा के लिए बाइबल विषय” [td-Hi], ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है [kl], और पारिवारिक सुख का रहस्य [fy] पर आधारित होंगी।
यह स्कूल ठीक समय पर गीत, प्रार्थना और स्वागत के शब्दों के साथ शुरू होना चाहिए और फिर निम्नलिखित तरीक़े से आगे बढ़ना चाहिए:
नियुक्ति क्र. १: १५ मिनट। यह एक प्राचीन या सहायक सेवक द्वारा दी जानी चाहिए, और यह प्रहरीदुर्ग या “समस्त शास्त्र परमेश्वर से उत्प्रेरित और लाभदायक है” पर आधारित होगी। जब यह प्रहरीदुर्ग पर आधारित होगी, तब इस नियुक्ति को १५ मिनट के उपदेश भाषण के रूप में दिया जाना चाहिए तथा मौखिक पुनर्विचार नहीं होगा; जब यह “समस्त शास्त्र” पुस्तक पर आधारित होगी, तब इस नियुक्ति को १० से १२ मिनट के उपदेश भाषण के रूप में दिया जाना चाहिए और इसके बाद ३ से ५ मिनट तक प्रकाशन में छपे हुए प्रश्नों का प्रयोग करते हुए मौखिक पुनर्विचार होना चाहिए। इसका उद्देश्य विषय को केवल पूरा करना ही नहीं बल्कि कलीसिया के लिए सबसे ज़्यादा सहायक बातों को विशिष्ट करते हुए, जिस विषय पर चर्चा की जा रही है, उसके व्यावहारिक मूल्य पर ध्यान केंद्रित करना है। दिए गए मूल-विषय का प्रयोग किया जाना चाहिए।
जिन भाइयों को यह भाषण नियुक्त किया जाता है उन्हें सावधान रहना चाहिए कि इसे समय के अन्दर पूरा करें। यदि आवश्यक हो या यदि वक्ता निवेदन करे तो निजी सलाह दी जा सकती है।
बाइबल पठन से विशेषताएँ: ६ मिनट। इसे एक प्राचीन या सहायक सेवक द्वारा दिया जाना चाहिए जो विषय को प्रभावकारी रूप से स्थानीय ज़रूरतों पर लागू करेगा। इसे नियत पठन का सिर्फ़ एक सारांश ही नहीं होना चाहिए। नियत अध्यायों का ३० से ६० सैकन्ड का समावेशक पुनर्विचार शामिल किया जा सकता है। लेकिन, इसका मुख्य उद्देश्य है श्रोतागण को इस बात का मूल्यांकन करने में सहायता देना कि यह जानकारी हमारे लिए क्यों और कैसे मूल्यवान है। इसके बाद स्कूल ओवरसियर विद्यार्थियों को उनकी विभिन्न कक्षाओं में भेज देगा।
नियुक्ति क्र. २: ५ मिनट। यह एक भाई द्वारा दिया जानेवाला नियत भाग का बाइबल पठन है। यह मुख्य स्कूल और साथ ही अतिरिक्त समूहों में भी लागू होगा। प्रायः ये पठन नियुक्तियाँ काफ़ी छोटी होती हैं जिससे कि विद्यार्थी शुरूआत और अन्त की टिप्पणियों में संक्षिप्त व्याख्यात्मक जानकारी दे सके। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, भविष्यसूचक या धर्म-सैद्धान्तिक महत्त्व, और सिद्धान्तों का प्रयोग सम्मिलित किया जा सकता है। नियत की गई सभी आयतों को बीच में बिना रुके पढ़ा जाना चाहिए। बेशक, जहाँ पढ़ी जानेवाली आयतें क्रमागत नहीं हैं, वहाँ विद्यार्थी बता सकता है कि पठन किस आयत से फिर से शुरू होता है।
नियुक्ति क्र. ३: ५ मिनट। यह एक बहन को नियुक्त की जाएगी। इस प्रस्तुति के लिए विषय “चर्चा के लिए बाइबल विषय,” ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है, पारिवारिक सुख का रहस्य पर आधारित होगा। जिस विद्यार्थिनी को यह भाग नियुक्त किया जाता है, उसे पढ़ना आना चाहिए तथा उसे मूल-विषय व नियुक्त भाग को एक व्यावहारिक सेटिंग के अनुकूल करने की कोशिश करनी चाहिए, और बेहतर होगा कि सेटिंग क्षेत्र सेवा या अनौपचारिक गवाही-कार्य से सम्बन्धित हो। यह जानकारी पेश करते समय विद्यार्थिनी बैठी या खड़ी रह सकती है। स्कूल ओवरसियर द्वारा एक सहायिका निर्धारित की जाएगी, परन्तु एक अतिरिक्त सहायिका का भी प्रयोग किया जा सकता है। स्कूल ओवरसियर ख़ासकर इस बात पर ध्यान देगा कि विद्यार्थिनी किस तरीक़े से गृहस्वामी को तर्क-वितर्क करने व विषय को समझने में मदद करती है तथा शास्त्रवचन किस प्रकार लागू किए गए। विद्यार्थिनी तय कर सकती है कि ज्ञान या पारिवारिक सुख पुस्तकों पर विचार करते वक़्त गृहस्वामी से अमुक अनुच्छेद पढ़वाना है या नहीं। सेटिंग पर नहीं, बल्कि विषय के प्रभावकारी प्रयोग पर मुख्य ध्यान दिया जाना चाहिए।
नियुक्ति क्र. ४: ५ मिनट। इसे एक भाई या बहन को नियुक्त किया जाएगा। यह “चर्चा के लिए बाइबल विषय” या पारिवारिक सुख पुस्तक पर आधारित होगी। हर नियुक्ति के लिए तालिका में एक मूल-विषय दिया गया है। जब इसे एक भाई को नियुक्त किया जाता है, तब इसे सारे श्रोतागण के लिए भाषण होना चाहिए। सामान्यतः भाई के लिए राज्यगृह श्रोतागण को मन में रखते हुए अपना भाषण तैयार करना सर्वोत्तम होगा, ताकि जो इसे वास्तव में सुनते हैं, उनके लिए यह सचमुच ज्ञानप्रद और लाभदायक होगा। जब यह भाग एक बहन को दिया जाता है, तो इसको नियुक्ति क्र. ३ की रूप-रेखा के अनुसार पेश किया जाना चाहिए।
*अतिरिक्त बाइबल-पठन तालिका: यह हरेक सप्ताह के गीत क्रमांक के बाद कोष्ठकों में दी गयी है। इस तालिका का पालन करने से, सप्ताह में क़रीब-क़रीब दस पन्ने पढ़ने के द्वारा, पूरी बाइबल तीन सालों में पढ़ी जा सकती है। स्कूल कार्यक्रम या लिखित पुनर्विचार के कोई भी भाग अतिरिक्त पठन तालिका पर आधारित नहीं हैं।
नोट: सलाह, समय, लिखित पुनर्विचार, तथा नियुक्तियों की तैयारी करने के बारे में अतिरिक्त जानकारी व निर्देश के लिए, कृपया अक्तूबर १९९६ की हमारी राज्य सेवकाई का पृष्ठ ३ देखिए।
तालिका
जन. ५ बाइबल पठन: प्रेरितों ७–८
गीत क्र. १६२ [*उत्पत्ति १–९]
क्र. १: ‘सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाना’ (w९६ १/१ पृ. २९-३१)
क्र. २: प्रेरितों ७:४४-६०
क्र. ३: हरदम सर्वोच्च अधिकार की आज्ञा पालन कीजिए (kl पृ. १३०-१ अनु. १-६)
क्र. ४: td-HI ३१घ हमें यीशु मसीह में क्यों विश्वास करना चाहिए
जन. १२ बाइबल पठन: प्रेरितों ९–१०
गीत क्र. १४ [*उत्पत्ति १०–१८]
क्र. १: परमेश्वर के वचन के साहसी उद्घोषक बनिए (w९६ १/१५ पृ. २४-५)
क्र. २: प्रेरितों ९:१-१६
क्र. ३: प्रधान अधिकारियों के अधीन रहिए (kl पृ. १३१-३ अनु. ७-१०)
क्र. ४: td-HI ३३ख परमेश्वर का राज्य मानवजाति के लिए क्या करेगा
जन. १९ बाइबल पठन: प्रेरितों ११–१३
गीत क्र. १८७ [*उत्पत्ति १९–२४]
क्र. १: जो आप देखते हैं उन बातों के आगे देखिए! (w९६ २/१५ पृ. २७-९)
क्र. २: प्रेरितों १३:१-१२
क्र. ३: परिवार में अधिकार के संबंध में परमेश्वर के प्रबंध की क़दर कीजिए (kl पृ. १३४-६ अनु. ११-१८)
क्र. ४: td-HI ३३ङ परमेश्वर का राज्य मनुष्य के प्रयत्नों से नहीं आता
जन. २६ बाइबल पठन: प्रेरितों १४–१६
गीत क्र. १६३ [*उत्पत्ति २५–३०]
क्र. १: अपनी विवाह शपथ के अनुसार जीना (w९६ ३/१ पृ. १९-२२)
क्र. २: प्रेरितों १६:१-१५
क्र. ३: कलीसिया में अधिकार—यहोवा की ओर से एक प्रेममय प्रबंध (kl पृ. १३७-९ अनु. १९-२५)
क्र. ४: td-HI ३४ख अन्तिम दिनों के सबूत के प्रति सतर्क रहिए
फर. २ बाइबल पठन: प्रेरितों १७–१९
गीत क्र. ९७ [*उत्पत्ति ३१–३६]
क्र. १: यहोवा—धार्मिकता और न्याय से प्रीति रखनेवाला (w९६ ३/१५ पृ. २१-३)
क्र. २: प्रेरितों १८:१-११
क्र. ३: सुखी विवाह में निष्ठा कैसे योगदान देती है (kl पृ. १४०-१ अनु. १-६)
क्र. ४: td-HI ३६घ सभी लोग स्वर्ग नहीं जाएँगे
फर. ९ बाइबल पठन: प्रेरितों २०–२१
गीत क्र. १०३ [*उत्पत्ति ३७–४२]
क्र. १: हमेशा अपना बोझ यहोवा पर डालिए (w९६ ४/१ पृ. २७-३०)
क्र. २: प्रेरितों २१:१-१४
क्र. ३: विवाह में संचार की अत्यावश्यक भूमिका (kl पृ. १४२-३ अनु. ७-९)
क्र. ४: td-HI ३८ख विवाह संयुक्तता को आदरणीय रखना ज़रूरी है
फर. १६ बाइबल पठन: प्रेरितों २२–२४
गीत क्र. १०७ [*उत्पत्ति ४३–४९]
क्र. १: “चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है” (w९६ ५/१५ पृ. २१-३)
क्र. २: प्रेरितों २२:१-१६
क्र. ३: अपने विवाह-साथी का सम्मान और आदर कीजिए (kl पृ. १४३-४ अनु. १०-१४)
क्र. ४: td-HI ३८घ बच्चों के प्रति मसीही माता-पिता की ज़िम्मेदारी
फर. २३ बाइबल पठन: प्रेरितों २५–२६
गीत क्र. ८९ [*उत्पत्ति ५०–निर्गमन ७]
क्र. १: परमेश्वर से प्रेम करने का क्या अर्थ है? (w९६ ६/१५ पृ. ४-७)
क्र. २: प्रेरितों २५:१-१२
क्र. ३: अच्छा आदर्श रखिए तथा अपने बच्चों से प्रेम कीजिए (kl पृ. १४५-६ अनु. १५-१८)
क्र. ४: td-HI ३८च सच्चे मसीही बहुविवाही नहीं होते
मार्च २ बाइबल पठन: प्रेरितों २७–२८
गीत क्र. १९३ [*निर्गमन ८–१३]
क्र. १: प्रेरितों—क्यों लाभदायक (si पृ. २०४-५ अनु. ३२-४०)
क्र. २: प्रेरितों २७:३३-४४
क्र. ३: प्रेममय अनुशासन व बुद्धि का उपदेश क्या कर सकता है (kl पृ. १४८-९ अनु. १९-२३)
क्र. ४: td-HI ३९ग बाइबल दिखाती है कि मरियम “हमेशा कुंवारी” नहीं थी
मार्च ९ बाइबल पठन: रोमियों १–३
गीत क्र. ९२ [*निर्गमन १४–२०]
क्र. १: रोमियों की प्रस्तावना (si पृ. २०५-६ अनु. १-७)
क्र. २: रोमियों १:१८-३२
क्र. ३: हम परमेश्वर के निकट क्यों आना चाहते हैं (kl पृ. १५०-१ अनु. १-५)
क्र. ४: td-HI ४०ख ख्रीस्तयाग मनाना अशास्त्रीय है
मार्च १६ बाइबल पठन: रोमियों ४–६
गीत क्र. ३६ [*निर्गमन २१–२७]
क्र. १: “ऐसे मनुष्यों का आदर करो” (w९६ ६/१५ पृ. २८-३०)
क्र. २: रोमियों ४:१-१५
क्र. ३: परमेश्वर के निकट आने की माँगें (kl पृ. १५२-३ अनु. ६-९)
क्र. ४: td-HI ४२क मसीहियों के प्रति विरोध का कारण
मार्च २३ बाइबल पठन: रोमियों ७–९
गीत क्र. ८४ [*निर्गमन २८–३३]
क्र. १: “सहज वृत्ति से बुद्धिमान” जीव हमें क्या सिखा सकते हैं (w९६ ७/१५ पृ. २१-३)
क्र. २: रोमियों ९:१-१८
क्र. ३: परमेश्वर से बात कीजिए और आपकी सुनी जाएगी (kl पृ. १५३-५ अनु. १०-१४)
क्र. ४: td-HI ४२ग पत्नी को यह अनुमति नहीं देनी चाहिए कि उसका पति उसे परमेश्वर से अलग कर दे
मार्च ३० बाइबल पठन: रोमियों १०–१२
गीत क्र. १६५ [*निर्गमन ३४–३९]
क्र. १: प्रतिज्ञात देश से व्यावहारिक सबक़ (w९६ ८/१५ पृ. ४-८)
क्र. २: रोमियों १०:१-१५
क्र. ३: प्रार्थना में लगे रहिए व सुनिए (kl पृ. १५६-९ अनु. १५-२०)
क्र. ४: td-HI ४३क प्रार्थनाएँ जिन्हें परमेश्वर सुनता है
अप्रैल ६ बाइबल पठन: रोमियों १३–१६
गीत क्र. १७५ [*निर्गमन ४०–लैव्यव्यवस्था ७]
क्र. १: रोमियों—क्यों लाभदायक (si पृ. २०८-९ अनु. २०-५)
क्र. २: रोमियों १३:१-१०
क्र. ३: परमेश्वर के लोगों के बीच सच्ची सुरक्षा पाइए (kl पृ. १६०-१ अनु. १-४)
क्र. ४: td-HI ४४क मनुष्य का भविष्य पूर्वनियत नहीं है
अप्रैल १३ बाइबल पठन: १ कुरिन्थियों १–३
गीत क्र. ८६ [*लैव्यव्यवस्था ८–१३]
क्र. १: १ कुरिन्थियों की प्रस्तावना (si पृ. २१०-११ अनु. १-७)
क्र. २: १ कुरिन्थियों १:१०-२५
क्र. ३: यहोवा आध्यात्मिक भोजन कैसे प्रदान करता है (kl पृ. १६१-३ अनु. ५-८)
क्र. ४: td-HI ४६ख क्यों यीशु छुड़ौती दे सका
अप्रैल २० बाइबल पठन: १ कुरिन्थियों ४–६
गीत क्र. १७० [*लैव्यव्यवस्था १४–१९]
क्र. १: क्या बाइबल भाग्य में विश्वास सिखाती है? (w९६ ९/१ पृ. ४-७)
क्र. २: १ कुरिन्थियों ४:१-१३
क्र. ३: प्रेम को धारण करने का अर्थ क्या होता है (kl पृ. १६३-६ अनु. ९-१४)
क्र. ४: td-HI ४७ग क्या झूठे सिद्धान्तों की निन्दा करना ग़लत है?
अप्रैल २७ लिखित पुनर्विचार। संपूर्ण प्रेरितों ७–१ कुरिन्थियों ६
गीत क्र. २६ [*लैव्यव्यवस्था २०–२५]
मई ४ बाइबल पठन: १ कुरिन्थियों ७–९
गीत क्र. १५२ [*लैव्यव्यवस्था २६–गिनती ३]
क्र. १: क्या आपको सचमुच क्षमा माँगने की ज़रूरत है? (w९६ ९/१५ पृ. २२-४)
क्र. २: १ कुरिन्थियों ७:१०-२४
क्र. ३: कलीसिया—सुरक्षा एक स्थान (kl पृ. १६७-९ अनु. १५-२०)
क्र. ४: td-HI ४७छ क्या परमेश्वर सभी धर्मों में अच्छाई देखता है?
मई ११ बाइबल पठन: १ कुरिन्थियों १०–१२
गीत क्र. १८५ [*गिनती ४–९]
क्र. १: मिट्टी में वापस—कैसे? (w९६ ९/१५ पृ. २९-३१)
क्र. २: १ कुरिन्थियों ११:१-१६
क्र. ३: यीशु का अनुकरण कीजिए—सर्वदा परमेश्वर की सेवा कीजिए (kl पृ. १७०-१ अनु. १-६)
क्र. ४: td-HI ४८ख मृतजनों का पुनरुत्थान कहाँ के लिए होगा?
मई १८ बाइबल पठन: १ कुरिन्थियों १३–१४
गीत क्र. ५५ [*गिनती १०–१५]
क्र. १: अपने परिवार की देखभाल करने की चुनौती (w९६ १०/१ पृ. २९-३१)
क्र. २: १ कुरिन्थियों १४:१-१२
क्र. ३: अत्यावश्यक क़दम जो जीवन की ओर ले जाते हैं (kl पृ. १७३-५ अनु. ७-९)
क्र. ४: td-HI ४९ख मसीह की वापसी भौतिक तथ्यों द्वारा पहचानी जाती है
मई २५ बाइबल पठन: १ कुरिन्थियों १५–१६
गीत क्र. १५८ [*गिनती १६–२२]
क्र. १: १ कुरिन्थियों—क्यों लाभदायक (si पृ. २१३-१४ अनु. २३-६)
क्र. २: १ कुरिन्थियों १६:१-१३
क्र. ३: बपतिस्मा क्यों आवश्यक है (kl पृ. १७५-६ अनु. १०-१२)
क्र. ४: td-HI ५०ख सब्त का नियम मसीहियों को नहीं दिया गया था
जून १ बाइबल पठन: २ कुरिन्थियों १–४
गीत क्र. ६३ [*गिनती २३–२९]
क्र. १: २ कुरिन्थियों की प्रस्तावना (si पृ. २१४ अनु. १-४)
क्र. २: २ कुरिन्थियों ४:१-१२
क्र. ३: बपतिस्मा—आपके जीवन में सबसे महत्त्वपूर्ण मीलपत्थर (kl पृ. १७६-७ अनु. १३-१६)
क्र. ४: td-HI ५१ख परमेश्वर केवल मसीह के द्वारा उद्धार देता है
जून ८ बाइबल पठन: २ कुरिन्थियों ५–८
गीत क्र. १०२ [*गिनती ३०–३५]
क्र. १: मृत्यु के बाद जीवन—कैसे, कहाँ, कब? (w९६ १०/१५ पृ. ४-७)
क्र. २: २ कुरिन्थियों ७:१-१३
क्र. ३: अपने समर्पण और बपतिस्मे के अनुरूप जीने का क्या अर्थ है (kl पृ. १७८-८० अनु. १७-२२)
क्र. ४: td-HI ५१ङ “विश्वव्यापी उद्धार” शास्त्रीय नहीं है
जून १५ बाइबल पठन: २ कुरिन्थियों ९–१३
गीत क्र. १२९ [*गिनती ३६–व्यवस्थाविवरण ४]
क्र. १: २ कुरिन्थियों—क्यों लाभदायक (si पृ. २१६-१७ अनु. १८-२०)
क्र. २: २ कुरिन्थियों १०:१-१२
क्र. ३: “सत्य जीवन” के लिए अभी तैयारी करना (kl पृ. १८१-२ अनु. १-५)
क्र. ४: td-HI ५३ख आदम के पाप से सभी मनुष्यों को क्यों दुःख उठाना पड़ता है
जून २२ बाइबल पठन: गलतियों १–३
गीत क्र. १२७ [*व्यवस्थाविवरण ५–११]
क्र. १: गलतियों की प्रस्तावना (si पृ. २१७-१८ अनु. १-६)
क्र. २: गलतियों १:१-१२
क्र. ३: अरमगिदोन के बाद—परादीस पृथ्वी (kl पृ. १८२-४ अनु. ६-११)
क्र. ४: td-HI ५३च पवित्र आत्मा के विरुद्ध पाप क्या है?
जून २९ बाइबल पठन: गलतियों ४–६
गीत क्र. ९८ [*व्यवस्थाविवरण १२–१९]
क्र. १: गलतियों—क्यों लाभदायक (si पृ. २१९-२० अनु. १४-१८)
क्र. २: गलतियों ६:१-१८
क्र. ३: चारों तरफ़ शांति तथा मृतकों का पुनरुत्थान (kl पृ. १८४-७ अनु. १२-१८)
क्र. ४: td-HI ५४ख सोल (प्राण) और आत्मा कैसे भिन्न हैं?
जुलाई ६ बाइबल पठन: इफिसियों १–३
गीत क्र. १०६ [*व्यवस्थाविवरण २०–२७]
क्र. १: इफिसियों की प्रस्तावना (si पृ. २२०-१ अनु. १-८)
क्र. २: इफिसियों १:१-१४
क्र. ३: परिपूर्णता का अर्थ क्या होगा और हम इसका आनंद कैसे उठा सकते हैं (kl पृ. १८७-९१ अनु. १९-२५)
क्र. ४: td-HI ५५ख मनुष्यों व पशुओं की जीवन शक्ति आत्मा कहलाती है
जुलाई १३ बाइबल पठन: इफिसियों ४–६
गीत क्र. १३८ [*व्यवस्थाविवरण २८–३२]
क्र. १: इफिसियों—क्यों लाभदायक (si पृ. २२२-३ अनु. १६-१९)
क्र. २: इफिसियों ६:१-१३
क्र. ३: td-HI ५५ग सच्चे मसीही क्यों प्रेतात्मवाद के सभी रूपों से दूर रहते हैं
क्र. ४: परिवार संकट में है (fy पृ. १-९ अनु. १-१४)
जुलाई २० बाइबल पठन: फिलिप्पियों १–४
गीत क्र. १२३ [*व्यवस्थाविवरण ३३–यहोशू ६]
क्र. १: फिलिप्पियों की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २२३-४ अनु. १-७; पृ. २२५ अनु. १२-१४)
क्र. २: फिलिप्पियों १:१-१४
क्र. ३: पारिवारिक सुख का रहस्य (fy पृ. ९-१२ अनु. १५-२३)
क्र. ४: td-HI ५८घ परमेश्वर व मसीह कैसे एक हैं
जुलाई २७ बाइबल पठन: कुलुस्सियों १–४
गीत क्र. ६४ [*यहोशू ७–१२]
क्र. १: कुलुस्सियों की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २२६ अनु. १-५; पृ. २२८ अनु. १२-१४)
क्र. २: कुलुस्सियों ४:१-१३
क्र. ३: td-HI ५८ङ पवित्र आत्मा परमेश्वर की सक्रिय शक्ति है
क्र. ४: क्या आप विवाह के लिए तैयार हैं? (fy पृ. १३-१५ अनु. १-६)
अग. ३ बाइबल पठन: १ थिस्सलुनीकियों १–५
गीत क्र. ३५ [*यहोशू १३–१९]
क्र. १: १ थिस्सलुनीकियों की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २२९ अनु. १-५; पृ. २३१ अनु. १३-१५)
क्र. २: १ थिस्सलुनीकियों २:१-१२
क्र. ३: क्यों आपको अपने आपको जानना चाहिए और यथार्थवादी होना चाहिए (fy पृ. १६-१८ अनु. ७-१०)
क्र. ४: td-HI ५९ङ परमेश्वर की दया से लाभ उठाइए
अग. १० बाइबल पठन: २ थिस्सलुनीकियों १–३
गीत क्र. १३२ [*यहोशू २०–न्यायियों १]
क्र. १: २ थिस्सलुनीकियों की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २३२ अनु. १-४; पृ. २३३ अनु. १०-११)
क्र. २: २ थिस्सलुनीकियों १:१-१२
क्र. ३: td-HI ५९च परमेश्वर का राज्य मनुष्यों की एकमात्र आशा है
क्र. ४: एक साथी में क्या देखें (fy पृ. १८-२२ अनु. ११-१५)
अग. १७ बाइबल पठन: १ तीमुथियुस १–३
गीत क्र. ३८ [*न्यायियों २–७]
क्र. १: १ तीमुथियुस की प्रस्तावना (si पृ. २३४ अनु. १-६)
क्र. २: १ तीमुथियुस १:३-१६
क्र. ३: पक्का वचन देने से पहले बातें जिन पर विचार किया जाना चाहिए (fy पृ. २२-४ अनु. १६-१९)
क्र. ४: td-HI ६०छ सब मनुष्यों के लहू से शुद्ध रहिए
अग. २४ बाइबल पठन: १ तीमुथियुस ४–६
गीत क्र. ३९ [*न्यायियों ८–१३]
क्र. १: १ तीमुथियुस—क्यों लाभदायक (si पृ. २३६-७ अनु. १५-१९)
क्र. २: १ तीमुथियुस ४:१-१६
क्र. ३: td-HI १क परमेश्वर पूर्वजों की पूजा को क्यों अस्वीकार करता है
क्र. ४: अपने प्रणय-याचन को आदरणीय रखिए तथा विवाह-दिन से आगे देखिए (fy पृ. २४-६ अनु. २०-३)
अग. ३१ लिखित पुनर्विचार। संपूर्ण १ कुरिन्थियों ७–१ तीमुथियुस ६
गीत क्र. ५९ [*न्यायियों १४–१९]
सित. ७ बाइबल पठन: २ तीमुथियुस १–४
गीत क्र. ४६ [*न्यायियों २०–रूत ४]
क्र. १: २ तीमुथियुस की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २३७-८ अनु. १-४; पृ. २३८-९ अनु. १०-१२)
क्र. २: २ तीमुथियुस ३:१-१३
क्र. ३: बाइबल सिद्धान्त जो एक सफल विवाह की तैयारी करने में आपकी मदद कर सकते हैं (fy पृ. २६ पुनर्विचार बक्स)
क्र. ४: td-HI २ग अरमगिदोन परमेश्वर के प्रेम का उल्लंघन नहीं होगा
सित. १४ बाइबल पठन: तीतुस १–फिलेमोन
गीत क्र. २०० [*१ शमूएल १–८]
क्र. १: तीतुस व फिलेमोन की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २३९-४१ अनु. १-४, ८-१०; पृ. २४१-३ अनु. १-४, ७-१०)
क्र. २: तीतुस ३:१-१४
क्र. ३: td-HI ३क बपतिस्मा एक मसीही आवश्यकता है
क्र. ४: स्थायी विवाह की पहली कुंजी (fy पृ. २७-९ अनु. १-६)
सित. २१ बाइबल पठन: इब्रानियों १–३
गीत क्र. १४९ [*१ शमूएल ९–१४]
क्र. १: इब्रानियों की प्रस्तावना (si पृ. २४३-४ अनु. १-९)
क्र. २: इब्रानियों ३:१-१५
क्र. ३: स्थायी विवाह की दूसरी कुंजी (fy पृ. ३०-१ अनु. ७-१०)
क्र. ४: td-HI ४ग बाइबल हमारे दिन के लिए व्यावहारिक है
सित. २८ बाइबल पठन: इब्रानियों ४–७
गीत क्र. ५१ [*१ शमूएल १५–१९]
क्र. १: यहोवा को क्यों दें? (w९६ ११/१ पृ. २८-३०)
क्र. २: इब्रानियों ६:१-१२
क्र. ३: td-HI ४च बाइबल पुस्तक समस्त मानवजाति के लिए है
क्र. ४: पुरुष का मुखियापन मसीह-तुल्य होना चाहिए (fy पृ. ३१-३ अनु. ११-१५)
अक्तू. ५ बाइबल पठन: इब्रानियों ८–१०
गीत क्र. १४३ [*१ शमूएल २०–२५]
क्र. १: यहोवा की निष्पक्षता का अनुसरण कीजिए (w९६ ११/१५ पृ. २५-७)
क्र. २: इब्रानियों ८:१-१२
क्र. ३: पत्नी को अपने पति का संपूरक कैसे होना है (fy पृ. ३४-५ अनु. १६-१९)
क्र. ४: td-HI ६क अन्यजातियों का समय १९१४ में समाप्त हुआ
अक्तू. १२ बाइबल पठन: इब्रानियों ११–१३
गीत क्र. २०५ [*१ शमूएल २६–२ शमूएल २]
क्र. १: इब्रानियों—क्यों लाभदायक (si पृ. २४७ अनु. २३-७)
क्र. २: इब्रानियों ११:१-१०
क्र. ३: td-HI ७क मसीह का सच्चा चर्च
क्र. ४: अच्छे संचार का वास्तव में क्या अर्थ है (fy पृ. ३५-८ अनु. २०-६)
अक्तू. १९ बाइबल पठन: याकूब १–५
गीत क्र. १४४ [*२ शमूएल ३–१०]
क्र. १: याकूब की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २४८-९ अनु. १-७; पृ. २५० अनु. १५-१७)
क्र. २: याकूब ५:१-१२
क्र. ३: बाइबल सिद्धान्त जो एक स्थायी, सुखी विवाह का आनन्द लेने में आपकी मदद कर सकते हैं (fy पृ. ३८ पुनर्विचार बक्स)
क्र. ४: td-HI ९ख क्या रचनात्मक दिन २४ घण्टोंवाले दिन थे?
अक्तू. २६ बाइबल पठन: १ पतरस १–५
गीत क्र. १४५ [*२ शमूएल ११–१५]
क्र. १: १ पतरस की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २५१-२ अनु. १-५; पृ. २५३ अनु. ११-१३)
क्र. २: १ पतरस ४:१-११
क्र. ३: td-HI १०क क्या यीशु क्रूस पर मरा?
क्र. ४: चादर देखकर पाँव फैलाइए (fy पृ. ३९-४१ अनु. १-६)
नव. २ बाइबल पठन: २ पतरस १–३
गीत क्र. २७ [*२ शमूएल १६–२०]
क्र. १: २ पतरस की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २५४ अनु. १-३; पृ. २५५ अनु. ८-१०)
क्र. २: २ पतरस ३:१-१३
क्र. ३: गृहस्थी को संभालना एक पारिवारिक कार्य है (fy पृ. ४२-४ अनु. ७-११)
क्र. ४: td-HI ११ख मृत लोगों की दशा क्या है?
नव. ९ बाइबल पठन: १ यूहन्ना १–५
गीत क्र. ११४ [*२ शमूएल २१–१ राजा १]
क्र. १: १ यूहन्ना की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २५६-७ अनु. १-५; पृ. २५८ अनु. ११-१३)
क्र. २: १ यूहन्ना ५:१-१२
क्र. ३: td-HI ११ग मृत लोगों के साथ बात करना असम्भव क्यों है
क्र. ४: यहोवा क्यों माँग करता है कि हम शुद्ध रहें (fy पृ. ४५-९ अनु. १२-२०)
नव. १६ बाइबल पठन: २ यूहन्ना–यहूदा
गीत क्र. ५० [*१ राजा २–६]
क्र. १: २ यूहन्ना, ३ यूहन्ना तथा यहूदा की प्रस्तावना और क्यों लाभदायक (si पृ. २५९ अनु. १-३, ५; पृ. २६०-१ अनु. १-३, ५; पृ. २६१-३ अनु. १-४, ८-१०)
क्र. २: २ यूहन्ना १:१-१३
क्र. ३: सच्ची सराहना व आभार परिवार के लिए क्या कर सकता है (fy पृ. ४९-५० अनु. २१-२)
क्र. ४: td-HI १४घ पिशाच कौन हैं?
नव. २३ बाइबल पठन: प्रकाशितवाक्य १–३
गीत क्र. १९५ [*१ राजा ७–१०]
क्र. १: प्रकाशितवाक्य की प्रस्तावना (si पृ. २६३-४ अनु. १-६)
क्र. २: प्रकाशितवाक्य ३:१-११
क्र. ३: td-HI १७क पृथ्वी के लिए परमेश्वर का उद्देश्य क्या है?
क्र. ४: बच्चों व पारिवारिक ज़िम्मेदारी के बारे में बाइबल का दृष्टिकोण (fy पृ. ५१-२ अनु. १-५)
नव. ३० बाइबल पठन: प्रकाशितवाक्य ४–६
गीत क्र. १६८ [*१ राजा ११–१५]
क्र. १: क्या आपने मसीहा को स्वीकार किया होता? (w९६ ११/१५ पृ. २८-३१)
क्र. २: प्रकाशितवाक्य ५:१-१२
क्र. ३: अपने बच्चे की ज़रूरतों को पूरा करने का क्या अर्थ है (fy पृ. ५३-५ अनु. ६-९)
क्र. ४: td-HI २२क क्यों आध्यात्मिक चंगाई इतनी अहम है
दिस. ७ बाइबल पठन: प्रकाशितवाक्य ७–९
गीत क्र. ५३ [*१ राजा १६–२०]
क्र. १: क्यों ‘उन पहिले दिनों को स्मरण करें’? (w९६ १२/१ पृ. २९-३१)
क्र. २: प्रकाशितवाक्य ८:१-१३
क्र. ३: td-HI २२ख परमेश्वर का राज्य स्थायी शारीरिक चंगाई लाएगा
क्र. ४: अपने बच्चे को यत्नपूर्वक सत्य सिखाइए (fy पृ. ५५-७ अनु. १०-१५)
दिस. १४ बाइबल पठन: प्रकाशितवाक्य १०–१२
गीत क्र. ३४ [*१ राजा २१–२ राजा ३]
क्र. १: मद्य पेय के बारे में ईश्वरीय दृष्टिकोण (w९६ १२/१५ पृ. २५-९)
क्र. २: प्रकाशितवाक्य १०:१-११
क्र. ३: अपने बच्चे को यहोवा के मार्ग सिखाइए (fy पृ. ५८-९ अनु. १६-१९)
क्र. ४: td-HI २३ख केवल १,४४,००० स्वर्ग जाते हैं
दिस. २१ बाइबल पठन: प्रकाशितवाक्य १३–१५
गीत क्र. २१ [*२ राजा ४–९]
क्र. १: प्राण के लिए एक बेहतर आशा (w९६ ८/१ पृ. ४-८)
क्र. २: प्रकाशितवाक्य १३:१-१५
क्र. ३: td-HI २४ख नरक अग्निमय यातना का स्थान नहीं है
क्र. ४: अनेक रूपों में अनुशासन की अत्यावश्यकता (fy पृ. ५९-६१ अनु. २०-३)
दिस. २८ लिखित पुनर्विचार। संपूर्ण २ तीमुथियुस १–प्रकाशितवाक्य १५
गीत क्र. २१२ [*२ राजा १०–१५]