हर रोज़ यहोवा के बारे में बात कीजिए
लोग ऐसी किसी भी चीज़ के बारे में बात करना पसंद करते हैं जो उनकी मनपसंद होती है, क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुँह पर आता है। (लूका ६:४५ख) हमारी मनपसंद बात कौन-सी है? भजनहार ने लिखा: “मेरे मुंह से तेरे धर्म की चर्चा होगी, और दिन भर तेरी स्तुति निकलेगी।” (भज. ३५:२८) वह यहोवा की बहुत ही क़दर करता था और उसने हर मौक़े पर परमेश्वर के बारे में बात करना और उसकी स्तुति करना एक बहुमूल्य विशेषाधिकार समझा। क्योंकि भजनहार यहोवा को बहुत ही क़रीब से जानता था, उसके पास हर्षित होने के लिए कई अच्छे कारण थे। (भज. ३५:९) हम उसके अच्छे उदाहरण का अनुकरण कैसे कर सकते हैं?
२ अपने घर में यहोवा के बारे में बात कीजिए: पारिवारिक दायरे में यहोवा के बारे में बातें हमारी बातचीत का एक रोज़ाना का विषय होनी चाहिए। ऐसे माता-पिता जो यहोवा से बहुत ही प्रेम करते हैं, लाज़िमी है कि अपने सभी कार्यों में उसके बारे में बात करेंगे। (व्यव. ६:५-७) जब वे ऐसा करते हैं, बच्चे देखेंगे कि उनके माता-पिता अपने विश्वास के अनुरूप जीते हैं और परमेश्वर के नियम को अनमोल समझते हैं। तब बच्चे पारिवारिक बाइबल अध्ययन को अपने माता-पिता की ईश्वरीय भक्ति की एक असली अभिव्यक्ति समझेंगे।—२ पत. ३:११.
३ अपने भाइयों के साथ यहोवा के बारे में बात कीजिए: हमारे हफ़्ते भर के ईश्वरशासनिक कार्यों में, हमारे पास अपने दिल-ओ-दिमाग़ को आध्यात्मिक बातों से भरने के कई मौक़े होते हैं। हमारे पास बात करने के लिए अच्छी बातों की कभी कोई कमी नहीं होती। (लूका ६:४५क) क्या अपने व्यक्तिगत अध्ययन या साप्ताहिक बाइबल पढ़ाई से आपको कोई मुद्दा पता चला जो आपको ख़ासकर पसंद आया हो? इसे अपने भाइयों को बताइए और इस तरह यहोवा के लिए प्यार बढ़ाने में उनकी मदद कीजिए।—भज. ३५:१८; इब्रा. १०:२४.
४ दूसरों के साथ यहोवा के बारे में बात कीजिए: लोगों के साथ हमारे हर रोज़ के व्यवहार से—काम पर, स्कूल में, और परिवार के अविश्वासी सदस्यों के साथ—यह बिलकुल ही स्पष्ट होना चाहिए कि ज़िंदगी में हमारा मक़सद है यहोवा की गवाही देना। दुनिया की घटिया और असभ्य बातों से दूषित होने के बजाय, हमारी बातचीत से परमेश्वर की महिमा होनी चाहिए। हर रोज़, हर मौक़े पर दूसरों के साथ उस सुसमाचार के बारे में बात कीजिए जिसका प्रचार करने की उसने हमें आज्ञा दी है।—प्रेरि. ५:४२; कुलु. ४:६.
५ यहोवा के सच्चे उपासकों के नाते, आइए हम अपने बेमिसाल परमेश्वर, यहोवा के बारे में बात करने के मौक़ों का हर रोज़ फ़ायदा उठाएँ।—भज. १०६:४७.