प्रश्न बक्स
◼ अपनी सभाओं को और भी प्रभावकारी बनाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
कुछ लोग शायद ऐसा सोचें कि कलीसिया की सभाओं को सफल बनाने के लिए प्राचीन तथा सहायक सेवक ही ज़िम्मेदार हैं चूँकि ये ही इन्हें संचालित करते हैं और अधिकांश भागों को सँभालते हैं। हकीकत में तो सभाओं को दिलचस्प और लाभदायक बनाने के लिए हम सभी व्यक्तिगत रूप से योगदान दे सकते हैं। हम नीचे दिए दस तरीकों से सभाओं को और भी प्रभावकारी बनाने में सहयोग दे सकते हैं:
पहले से तैयारी कीजिए। जब हम अच्छी तैयारी करते हैं तो सभाओं में हमारा ध्यान लगा रहता है। जब हम सभी ऐसा करते हैं तो सभाओं में जान आ जाती है और बहुत प्रोत्साहक बन जाती हैं। नियमित रूप से उपस्थित होइए। अधिक संख्या में हुई उपस्थिति मौजूद सभी जनों के लिए बहुत प्रोत्साहक होती है और उपस्थित होने के महत्त्व के बारे में कदरदानी को बढ़ाती है। समय पर पहुँचिए। कार्यक्रम शुरू होने से पहले अगर हम अपनी-अपनी जगह पर बैठे होते हैं तो हम शुरूआती गीत और प्रार्थना में सहभागी हो सकते हैं और यूँ सभाओं से पूरा-पूरा लाभ उठा सकते हैं। ज़रूरी साहित्य साथ ले आइए। अपनी बाइबल और सभाओं के दौरान इस्तेमाल किए जानेवाले प्रकाशन(नों) को साथ लाने से हम भी वक्ता के साथ इन्हें खोलकर देख सकते हैं और चर्चा किए जा रहे विषय को बेहतर रीति से समझ सकते हैं। विकर्षणों से बचिए। जब हम आगे बैठते हैं तो हम ज़्यादा अच्छी तरह सुन सकते हैं। खुसुर-फुसुर करना और बार-बार टॉयलॆट जाना न केवल हमारा वरन् दूसरों का भी ध्यान भंग कर सकता है। भाग लेनेवाले बनिए। जब ज़्यादा लोग हाथ उठाते और टिप्पणी देते हैं तब विश्वास की उन अभिव्यक्तियों से उतने ही ज़्यादा लोग प्रोत्साहित और दृढ़ होते हैं। संक्षिप्त में टिप्पणी कीजिए। ये भाग लेने के लिए अधिक से अधिक मौका देती है। हमें अपनी टिप्पणियों को अध्ययन किए जा रहे विषय तक ही सीमित रखना चाहिए। कार्य-नियुक्तियाँ पूरी कीजिए। जब आप ईश्वरशासनिक सेवकाई स्कूल में विद्यार्थी होते हैं या जब सेवा सभा में आपका भाग होता है तब अच्छी तैयारी करके आइए, पूर्वाभ्यास कीजिए और जहाँ तक हो सके अपना भाग ज़रूर अदा कीजिए। भाग लेनेवालों की सराहना कीजिए। दूसरों से कहिए कि उनकी कोशिशों की वाकई बहुत कदर की जाती है। यह उन्हें भविष्य में और भी अच्छा करने के लिए दृढ़ और प्रेरित करता है। एक दूसरे को प्रोत्साहित कीजिए। सभाओं के पहले और सभाओं के बाद स्नेही अभिवादन और प्रोत्साहित करनेवाली बातें, उस आनंद और उन लाभों को और बढ़ा देती हैं जो हम सभाओं में उपस्थित होने से पाते हैं।