प्रश्न बक्स
◼ माता-पिता को कौन-सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए जब उनके छोटे बच्चे प्रचार काम में हिस्सा लेते हैं?
मसीही माता-पिता अच्छा करते हैं जब वे अपने बच्चों को प्रचार काम में साथ ले जाते हैं और उन्हें दूसरों को राज्य का सुसमाचार बताने की ट्रेनिंग देते हैं। लेकिन ऐसा करते समय उन्हें अपने बच्चों पर नज़र रखनी चाहिए क्योंकि “सुरक्षित” कहलाए जानेवाले इलाकों में भी खतरा रहता है। आज के “कठिन समय” में लोगों में लालच और बदचलनी बढ़ती जा रही है इसलिए ज़्यादा-से-ज़्यादा बच्चे हिंसा और बदसलूकी के शिकार हो रहे हैं। (२ तीमु. ३:१-५) अपने नन्हे-मुन्नों को ऐसे शिकारियों से बचाने के लिए माता-पिता को मुनासिब सावधानियाँ बरतने की ज़रूरत है। इसके लिए वे क्या कर सकते हैं?
बाइबल की बुद्धिमानी भरी सलाह यह है कि हम होशियार रहें और खतरे को पहले से ही पहचान लें। (नीति. २२:३; मत्ती १०:१६) हम इस बारे में कोई नियम तो नहीं बनाना चाहते, मगर यह अकलमंदी की बात होगी कि प्रचार करते वक्त बच्चे के साथ माता या पिता या कोई बड़ा व्यक्ति हो। अगर दो ज़िम्मेदार बच्चे साथ-साथ प्रचार कर रहे हैं तो माता-पिता या कोई और बड़ा व्यक्ति इन बच्चों को कभी नज़रों से ओझल न होने दे। बेशक, जब बच्चा बड़ा हो जाता है और अपनी ज़िम्मेदारी समझने लगता है तब माता-पिता यह फैसला कर सकते हैं कि बच्चों को अब भी उनकी निगरानी की उतनी ही ज़रूरत है या नहीं।—साथ ही नवंबर १९९२ की हमारी राज्य सेवकाई की ‘प्रश्न पेटी’ देखिए।
गाड़ी से सफर करते वक्त या पैदल चलते वक्त भी हमेशा सुरक्षा का ध्यान रखना अकलमंदी होगी। मुनासिब सावधानियाँ बरतने से अकसर दुर्घटनाओं से, बुरी तरह घायल होने से, दवा-दारू के खर्च से और मुकद्दमेबाज़ी की परेशानियों से बचा जा सकता है। खासकर आज की दुनिया में जहाँ बात-बात पर मुकदमे दायर कर दिए जाते हैं।
यह बड़ी अच्छी बात है कि छोटे बच्चे “यहोवा के नाम की स्तुति” करें। (भज. १४८:१२, १३) प्रचार काम में उनकी प्यारी बातों और बढ़िया चालचलन का दूसरों पर बहुत अच्छा असर पड़ता है और इससे यहोवा की महिमा होती है। माता-पिताओ, अपने बच्चों को नियमित रूप से सुसमाचार प्रचार करने में मदद देने की पूरी-पूरी कोशिश कीजिए, साथ ही उन्हें खतरों से बचाने के लिए हमेशा होशियार रहिए!