क्या आप कहीं और जाकर बसनेवाले हैं?
अगर इस सवाल का जवाब हाँ है, तो आपको और दूसरों को भी बहुत कुछ करने की ज़रूरत है। नीचे बताई गई कुछ ज़रूरी बातों पर अमल करने से नई कलीसिया में बस जाने में आपको ज़्यादा देरी नहीं लगेगी।
(१) जब आपको पता चलता है कि आप किस जगह जानेवाले हैं तो आपकी कलीसिया का सेक्रेट्री आपकी नई कलीसिया के किंगडम हॉल का पता आपको देगा। नई जगह जाने के बाद, तुरंत जाकर देखिए कि किंगडम हॉल कहाँ है और मीटिंग कब-कब होती हैं। अगर उस किंगडम हॉल में एक से ज़्यादा कलीसियाओं की मीटिंग होती है तो प्राचीनों से पता कीजिए कि आप जिस इलाके में रहते हैं वह किस कलीसिया की टेरिट्री है। मीटिंग में हाज़िर होने और नई कलीसिया के प्राचीनों से वाकिफ होने में देरी मत कीजिए।
(२) आपकी पुरानी कलीसिया का सेक्रेट्री आपके और आपके परिवार के काँग्रिगेशन पब्लिशर रिकॉर्ड कार्ड, नई कलीसिया के सेक्रेट्री को भेज देगा। आपका परिचय देने के लिए नई कलीसिया के प्राचीनों को एक चिट्ठी भी लिखी जाएगी। (मार्च १९९१ की हमारी राज्य सेवकाई की प्रश्न पेटी देखिए।) आपकी नई कलीसिया के सर्विस कमीटी को चाहिए कि वे आपके आने की खबर बुक स्टडी कंडक्टर को दें ताकि वह बता सके कि बुक स्टडी कहाँ होती है।—रोमि. १५:७.
(३) आपकी नई कलीसिया के सभी भाई-बहनों को आपसे मिलकर खुशी होगी और वे दिल खोलकर आपका स्वागत करेंगे। (३ यूहन्ना ८ से तुलना कीजिए।) मगर, इसके लिए ज़रूरी है कि आप मीटिंग में हाज़िर हों ताकि आप एक-दूसरे से बात कर सकें और एक-दूसरे का हौसला बढ़ा सकें।
(४) नई कलीसिया में आने के बाद जल्द से जल्द प्रचार में निकल जाइए और यह मत सोचिए कि नए घर का सारा काम-काज निपटाने के बाद ही प्रचार में जाएँगे। जब आप परमेश्वर की सेवा को अहमियत देंगे तो बाकी सभी चीज़ों का इंतज़ाम हो जाएगा और आप नई जगह में अपनापन महसूस करेंगे। (मत्ती ६:३३) जब आप नए घर में बस जाएँगे तो आप कुछ भाई-बहनों को अपने घर बुला सकते हैं ताकि उनसे अच्छी तरह वाकिफ हो सकें।—रोमि. १२:१३ख.
घर बदलना एक बहुत भारी काम है। लेकिन इसमें जब हर कोई अपना फर्ज़ पूरा करता है तो आध्यात्मिक बातों का कुछ नुकसान नहीं होता। भाईचारे का यह प्यार हर किसी के दिल पर एक गहरी छाप छोड़ेगा।