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  • जुलाई 10 से शुरू होनेवाला सप्ताह
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  • जुलाई 31 से शुरू होनेवाला सप्ताह
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हमारी राज-सेवा—2000
km 7/00 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

जुलाई 10 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 17 (187)

12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। कलीसिया की अप्रैल की फील्ड सर्विस रिपोर्ट के बारे में चंद बातें बताइए। “आखिरी पन्‍ना देखिए” बक्स की ओर ध्यान दिलाएँ और दिए गए किसी भी एक सुझाव को प्रदर्शित करवाइए जो कलीसिया के क्षेत्र सेवकाई इलाके के लिए कारगर हो सकता है।

15 मि: “ ‘हो नहीं सकता कि हम चुप रहें।’ ” एक मिनट से कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के द्वारा चर्चा कीजिए। इस बात पर ज़ोर दीजिए कि क्यों हमें प्रचार के काम में लगे रहने की ज़रूरत है। जनवरी 15, 1997 की प्रहरीदुर्ग के पेज 23-4 से कुछ ज़रूरी बातें बताइए।

18 मि: “सब कुछ आत्मिक उन्‍नति के लिये होना चाहिए।” दो प्राचीन, लेख की चर्चा करते हैं। इस लेख का हर अनुच्छेद और दी गईं आयतों को पढ़िए। इस बारे में कौन-कौन से खास सिद्धांत शामिल है उसके बारे में बताइए। वे बिज़नेस के मामलों में या उसमें पैसा लगाने के समय भाइयों को कलीसिया की आत्मिक उन्‍नति पर ज़्यादा ध्यान देने के बारे में ज़ोर देते हैं। मार्च 15, 1997 की प्रहरीदुर्ग के पेज 18-19, 22 में दी गई सलाहों पर चर्चा कीजिए।

गीत 2 (15) और प्रार्थना।

जुलाई 17 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 29 (222)

12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्‌स रिपोर्ट। थोड़े शब्दों में बताइए कि किस तरह हम अनन्त काल ब्रोशर की मदद से दिलचस्पी दिखानेवाले लोगों को बता सकते हैं कि परमेश्‍वर का नाम जानना और उसे इस्तेमाल करना क्यों बहुत ज़रूरी है।—रीज़निंग किताब के पेज 196-7 देखिए।

15 मि: “उदार और सहायता देने में तत्पर हों।” सवाल-जवाब। नवंबर 1, 1996 की प्रहरीदुर्ग के पेज 29-30 पर “हम क्यों देते हैं” में दी गई चार वज़हों के बारे में भी बताइए।

18 मि: आप किसे अपना आदर्श बनाएँगे? एक पिता अपने एक या दो किशोर बच्चों के साथ फैमली-स्टडी करता है। उसने देखा है कि हाल ही में उसके बच्चे अकसर खिलाड़ियों, फिल्मी सितारों, टीवी के कलाकारों और संगीतकारों के बारे में बहुत बातें करने लगे हैं। पिता अपनी चिंता ज़ाहिर करता है क्योंकि इस तरह की बातचीत से पता चलता है कि उसके बच्चों में धीरे-धीरे संसार की आत्मा पैदा होने लगी है। वे जून 8, 1998 की सजग होइए! के पेज 12-14 के लेख पर चर्चा करते हैं। बच्चों को एहसास होता है कि इन जानी-मानी हस्तियों को अपना आदर्श मान लेने से खतरा पैदा हो सकता है। और वे यह भी मानते हैं कि दुनिया की शान-शौकत खोखली है, और मसीहियों की आशा के सामने बिलकुल बेकार है। माँ-बाप, कलीसिया के प्राचीन और दूसरे अध्यात्मिक प्रौढ़ भाई-बहनों और खासकर यीशु मसीह को अपना आदर्श बनाने से कौन-से फायदें होते हैं, इस बात पर वे चर्चा करते हैं।

गीत 9 (37) और प्रार्थना।

जुलाई 24 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 6 (45)

5 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

15 मि: परमेश्‍वर के योग्य सेवकों की तरह अपने आपको प्रस्तुत करना। दो सहायक सेवक दिसंबर 15, 1998 की प्रहरीदुर्ग के पेज 19-20 में दी गई, बाइबल की सलाह पर चर्चा करते हैं। वे इस बात को मानते हैं कि कलीसिया में अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करना बेहद ज़रूरी है और इस बात पर चर्चा करते हैं कि इस ज़िम्मेदारी को अच्छी तरह निभाने के लिए उन्हें क्या करना होगा। प्रचार के काम में एक अच्छी मिसाल कायम करने की अहमियत को समझते हैं। वे चर्चा करते हैं कि दूसरे भाई-बहनों की मदद करने से वे प्राचीनों की मदद करते हैं। वे मानते हैं कि उन्हें पूरी कोशिश करनी चाहिए ताकि कलीसिया को आध्यात्मिक रूप से फलने-फूलने में और भाई-बहनों को यह समझने में मदद करें कि संसार का समय बहुत कम रह गया है।

10 मि: जिन लोगों तक हम नहीं पहुँच पाते हैं, उन्हें खत लिखना। भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा। आजकल घर पर लोगों से मिलना बहुत मुश्‍किल हो गया है। इसलिए कुछ प्रकाशकों ने खत लिखने का ज़रिया अपनाया है जिसमें वे काफी कामयाब हुए हैं। मगर खत लिखते वक्‍त इन बातों का ध्यान रखिए: खत में लिखी बातें संक्षेप में होनी चाहिए, बाइबल पर आधारित होनी चाहिए और आदर के साथ लिखी होनी चाहिए। बेनाम चिट्ठी मत लिखिए बल्कि अपना नाम और पता ज़रूर बताइए। लिखाई साफ-सुथरी होनी चाहिए जिसे पढ़ने में कोई परेशानी न हो। और अगर चाहे तो चिट्ठी टाइप भी कर सकते हैं। किंगडम हॉल का पता और सभा का समय लिखना मत भूलिए साथ में सभा में आने का आमंत्रण भी दीजिए। जवाबी चिट्ठी के लिए सोसाइटी का पता मत दीजिए। स्कूल गाइडबुक के पेज 87-8 पर और नवंबर 1996, हमारी राज्य सेवकाई के प्रश्‍न बक्स में दी गई सलाहों के बारे में बताइए।

15 मि: बातचीत शुरू करने के असरदार तरीके अपनाएँ। रीज़निंग किताब के पेज 9-15 पर दी गई प्रस्तावनाओं में से दो-तीन चुनिए और उन पर चर्चा कीजिए कि किस तरह ये कलीसिया के इलाके में असरदार हो सकती हैं। श्रोताओं से पूछिए, “जब आप रास्ते पर या कहीं और किसी व्यक्‍ति को सुसमाचार सुनाते हैं तो आप कौन-सी प्रस्तावना इस्तेमाल करते हैं?” समय के मुताबिक एक या दो प्रस्तावनाओं का प्रदर्शन करवाइए।

गीत 1 (13) और प्रार्थना।

जुलाई 31 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 23 (200)

15 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। सभी को याद दिलाइए कि जुलाई महीने की रिपोर्ट डाल दें। भाई-बहनों को उनके अच्छे अनुभवों के बारे में बताने के लिए कहिए जो उन्हें इस महीने में, लोगों को ब्रोशर देते वक्‍त हुए हैं।

12 मि: कलीसिया की ज़रूरतें।

18 मि: “क्या आप यहोवा के धैर्य की कदर करते हैं?” सवाल-जवाब। यहोवा के धीरज के बारे में कुछ खास बातें बताइए।—इंसाइट, खंड 2 के पेज 263-4 देखिए।

गीत 22 (130) और प्रार्थना।

अगस्त 7 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 26 (212)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

17 मि: “क्या आप शर्मीले हैं?” सवाल-जवाब। 1997 इयरबुक, पेज 43-4 से हौसला बढ़ानेवाले अनुभव बताइए।

18 मि: सोच-समझकर अपने भविष्य का फैसला कीजिए। प्राचीन द्वारा भाषण। नौजवान उन लोगों के संग ज़िंदगी गुज़ारने की तमन्‍ना रखते हैं जिनसे वे प्यार करते हैं। हालाँकि ऐसी इच्छा स्वाभाविक है मगर इसे पूरा करने के लिए परमेश्‍वर के वचन में दी गई सलाह पर अमल करना ज़रूरी है। (नीति. 19:20) जवानी में लड़के-लड़कियों के बीच ज़बरदस्त खिंचाव होता है। अगर ऐसे में एक नौजवान अपने ऊपर काबू नहीं रखेगा तो अंजाम खतरनाक हो सकता है। जब एक किशोर किसी को चाहने लगता है और उसके साथ डेटिंग करने लगता है तो सवाल पैदा होता है कि क्या वह समझदारी से काम ले रहा है या नहीं। युवाओं के प्रश्‍न किताब के पेज 231-5 पर दी गई सलाह के बारे में बताइए। नवंबर 15, 1999 की प्रहरीदुर्ग के पेज 18-23 से खास बातें बताइए जो दिखाती हैं कि एक जवान के लिए परमेश्‍वर के प्रति अपना संपूर्ण कर्त्तव्य निभाना कितना ज़रूरी है। जवानों को उकसाइए कि वे इस भाषण से मिली सलाह पर मनन करें और कोई भी सवाल होने पर अपने माँ-बाप से बात करें।

गीत 28 (224) और प्रार्थना।

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