क्या आप अपनी सेवकाई अच्छी तरह पूरी कर रहे हैं?
प्रेरितों की किताब में बताया गया है कि यीशु के चेलों ने लोगों को “अच्छी तरह गवाही देकर” अपनी सेवकाई पूरी की थी। (प्रेरि. 2:40, NW; 8:25; 28:23) बेशक, प्रेरित पौलुस का भी खास मकसद यही था। (प्रेरि. 20:24) और क्या सुसमाचार प्रचार करने में आपका भी यही मकसद नहीं है? आप इसे कैसे पूरा कर सकते हैं?
2 गवाही देने की तैयारी कीजिए: सेवकाई में आप अच्छी गवाही तभी दे सकेंगे जब आप इसकी तैयारी करेंगे। और खासकर पत्रिकाएँ देने के लिए अच्छी तैयारी करना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि पत्रिकाओं के विषय हर बार बदलते रहते हैं। हमें यह काम और बेहतर ढंग से करने में मदद देने के लिए इस महीने की हमारी राज्य सेवकाई के अंक से एक नया लेख शुरू किया जा रहा है। अब से इसके पहले पन्ने की बाईं तरफ नयी प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाओं को पेश करने के कुछ कारगर तरीके बताए जाएँगे। इन पत्रिकाओं के हर अंक से कोई ऐसा विषय बताया जाएगा जिसमें बहुत-से लोगों को दिलचस्पी होती है। चंद शब्दों में दिए गए इन सुझावों में और भी कुछ बातें जोड़कर आप कैसे अच्छी गवाही दे सकते हैं?
3 सबसे पहले आप दिए गए सुझावों में से कोई ऐसा सुझाव चुनिए जो आपके इलाके में असरदार साबित हो सकता है। जिस लेख पर बात की गयी है, उसे ध्यान से पढ़िए और देखिए कि उसमें दिलचस्पी पैदा करनेवाले कौन-से खास मुद्दे दिए गए हैं। पत्रिका से ऐसी आयत चुनिए जो आपकी चर्चा से ताल्लुक रखती हो और जिसे आप गवाही देते समय पढ़कर सुना सकें। और यह भी सोचकर रखिए कि अगर ज़रूरत पड़े तो बातचीत के आखिर में आप किस तरह चंद शब्दों में लोगों को पत्रिका पढ़ने का बढ़ावा देंगे और बताएँगे कि वे चाहें तो संसार-भर में चलनेवाले यहोवा के साक्षियों के काम के लिए चंदा दे सकते हैं। ऐसी तैयारी करने के बाद अब आप अच्छी रिहर्सल कीजिए।
4 बाइबल का इस्तेमाल करने की तैयारी कीजिए: पहले से अच्छी तरह सोचकर रखने से बातचीत के दौरान एक आयत का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए सबसे पहले यह ध्यान में रखना चाहिए कि हम अपने साथ उन भाषाओं की पूरी बाइबलें ज़रूर ले जाएँ जो हमारे इलाके में बोली जाती हैं। अगर उस इलाके के लोगों में बाइबल को लेकर कोई गलत धारणा नहीं है तो हम अपनी बातचीत सीधे बाइबल से ही शुरू कर सकते हैं। दोस्ताना अंदाज़ में नमस्ते कहने के बाद हम इस तरह बात शुरू कर सकते हैं:
◼ “हम लोगों से पूछ रहे हैं कि क्या वे इस बात पर विश्वास करते हैं . . .” उत्पत्ति 1:1 पढ़िए और फिर पूछिए: “क्या आप इस बात से सहमत हैं?” अगर व्यक्ति हाँ कहता है तो आप कहिए: “मैं भी सहमत हूँ। लेकिन, आपको क्या लगता है अगर परमेश्वर ने ही सब कुछ बनाया है तो क्या दुनिया में हो रही बुराई के लिए भी वही ज़िम्मेदार है?” जवाब मिलने के बाद सभोपदेशक 7:29 पढ़िए। फिर ज्ञान किताब के पेज 71 का पैराग्राफ 2 पढ़िए। और उसे बताइए कि वह यह किताब ज़रूर पढ़े। अगर वह उत्पत्ति 1:1 में लिखी बात से सहमत नहीं होता तो आप उसे सृष्टि (अँग्रेज़ी) किताब में दी गयी जानकारी पर ध्यान देने का बढ़ावा दे सकते हैं।
5 दिलचस्पी दिखानेवाले सभी लोगों के पास दोबारा जाइए: अगर आप दिलचस्पी दिखानेवाले सभी लोगों के पास नहीं जाएँगे तो आपकी सेवकाई अधूरी होगी। इसलिए जब किसी के साथ आपकी अच्छी बातचीत होती है, तो उसका नाम और पता ज़रूर नोट कीजिए, फिर चाहे उसने कोई पत्रिका या साहित्य लिया हो या नहीं। जल्द-से-जल्द उससे दोबारा मिलकर उसकी दिलचस्पी बढ़ाने की पूरी-पूरी कोशिश कीजिए और बाइबल अध्ययन पेश करना मत भूलिए।
6 पहली सदी के चेलों को मालूम था कि यीशु ने उन्हें लोगों को “अच्छी तरह गवाही” देने की आज्ञा दी थी। (प्रेरि. 10:42, NW) यह आज्ञा आज हम पर भी लागू होती है क्योंकि इस आज्ञा को मानने से ही हम चेले बना सकेंगे। (मत्ती 28:19, 20) तो आइए हम अपनी सेवकाई अच्छी तरह पूरी करने के लिए जी-जान से कोशिश करें।—2 तीमु. 4:5.