अध्ययन शुरू करने में क्या आप माँग ब्रोशर का इस्तेमाल कर रहे हैं?
क्या आप जानते हैं कि जब आप अध्ययन के किसी प्रकाशन से नियमित तौर पर और सिलसिलेवार ढंग से किसी के साथ बाइबल पर छोटी चर्चा करते हैं, तो आप असल में एक बाइबल अध्ययन चला रहे हैं? जी हाँ, इसे बाइबल अध्ययन कहा जाएगा, फिर चाहे वह अध्ययन दरवाज़े पर खड़े होकर या टेलिफोन पर किया जाए। क्यों न मई और जून के महीने में माँग ब्रोशर से अध्ययन शुरू करने की खास कोशिश करें?
2 सफलता पाने के लिए तैयारी कीजिए: माँग ब्रोशर पेश करने से पहले अच्छी तरह तय कर लीजिए कि आप किस विषय पर चर्चा करना चाहते हैं। अगर आप पुनःभेंट करने जा रहे हैं तो याद कीजिए कि पिछली दफा आपने उस व्यक्ति से किस विषय पर बात की थी। अपने आप से पूछिए: ‘उस बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए और बाइबल अध्ययन शुरू करने के लिए मैं ब्रोशर के किन पैराग्राफ पर उसका खास ध्यान दिला सकता हूँ?’ घर-घर प्रचार जाने की तैयारी करते वक्त ध्यान रखिए कि किशोर, बुज़ुर्ग, आदमी या औरत से किन विषयों पर बात करने से उनमें दिलचस्पी पैदा होगी। उसके बाद ब्रोशर में दिए गए मुख्य विषयों पर दोबारा विचार करके ऐसा विषय चुनिए जिसमें उन्हें दिलचस्पी होगी। जब आप तय कर लेते हैं कि आप किस तरह व्यक्ति से बात करेंगे तो उसका कई बार अभ्यास कीजिए। सफलता पाने का यह एक तरीका है।
3 जनवरी 2002 की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट “माँग ब्रोशर पेश करने के सुझाव” में आठ सुझाव दिए गए हैं। बक्स “सीधी पेशकश” बताता है कि ब्रोशर से अध्ययन कैसे शुरू करना है। आप उसमें दिए गए पहले सुझाव को इस तरह इस्तेमाल कर सकते हैं:
◼ “क्या आपको पता है कि कुछ ही मिनटों में आप बाइबल के एक महत्त्वपूर्ण सवाल का जवाब पा सकते हैं? उदाहरण के लिए, आज मसीही होने का दावा करनेवाले इतने सारे धर्म क्यों हैं? क्या आपने इसके बारे में कभी सोचा है?” जवाब मिलने के बाद पाठ 13 के पहले दो पैराग्राफ पर चर्चा कीजिए। अगर वक्त हो तो एक-दो आयतों को पढ़कर चर्चा कीजिए। उसके बाद ऊपर दिए गए सवालों में से आखिरी सवाल पढ़िए और कहिए: “बाकी के पाठ में सच्चे धर्म को पहचानने के पाँच चिन्ह बताए गए हैं। मुझे दोबारा आपके पास आकर उन पर चर्चा करने में बहुत खुशी होगी।”
4 लगे रहिए: माँग ब्रोशर से अध्ययन शुरू करने के लिए हर मौके का फायदा उठाइए। इस काम पर परमेश्वर की आशीष के लिए प्रार्थना कीजिए। (मत्ती 21:22) अगर आप अपनी कोशिशों में लगे रहेंगे तो शायद कोई सुसमाचार को स्वीकार कर ले और उसको मदद करने में आपको बड़ी खुशी मिलेगी!