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  • हमारी राज-सेवा—2003
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  • जनवरी 13 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • जनवरी 20 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • जनवरी 27 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • फरवरी 3 से शुरू होनेवाला सप्ताह
हमारी राज-सेवा—2003
km 1/03 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

जनवरी 13 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 9 (37)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। पेज 4 पर दिए सुझावों का इस्तेमाल करके दो अलग-अलग प्रदर्शन दिखाइए कि जनवरी-मार्च की सजग होइए! (पत्रिकाएँ पेश करने के कॉलम का पहला सुझाव) और जनवरी 15 की प्रहरीदुर्ग कैसे पेश की जा सकती है। दोनों प्रदर्शनों में दोनों पत्रिकाओं को एक-साथ पेश किया जाना चाहिए, फिर चाहे एक ही पत्रिका के बारे में बताया जाए।

15 मि: वचन बिना ही खिंच जाएँ। भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा। मसीहियों के अच्छे चालचलन से लोगों को बहुत बढ़िया गवाही मिलती है। इस वजह से, कुछ साक्षियों के अविश्‍वासी साथी यहोवा के उपासक बन गए हैं। (1 पत 3:1, 2) प्रहरीदुर्ग के इन अंकों से अनुभव बताइए: जनवरी 1, 1999 का पेज 4, अक्टूबर 1, 1995 के पेज 10-11 और जुलाई 1, 1995 का पेज 30. दो या तीन प्रचारकों को पहले से बताने को कहिए कि इस मामले में बाइबल की सलाह पर चलने से उन्हें कैसे अच्छे नतीजे मिले हैं।

20 मि: “अपने समर्पण के वादे को निभाना।”a तीसरे पैराग्राफ पर चर्चा करने के बाद, बपतिस्मा पाए किसी बालिग या किशोर का चंद शब्दों में इंटरव्यू लीजिए। पूछिए कि बपतिस्मा लेने के बाद उसे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? किस बात ने उन चुनौतियों को पार करने में उसकी मदद की? यहोवा को अपनी ज़िंदगी समर्पित करने से उसे क्या फायदा हुआ?

गीत 16 (143) और प्रार्थना।

जनवरी 20 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 6 (45)

8 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकांउट्‌स रिपोर्ट।

15 मि: क्या आप रोज़ाना बाइबल वचनों पर ध्यान देते हैं? भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा। सभी को रोज़ाना बाइबल वचनों पर ध्यान दीजिए—2003 का अच्छा इस्तेमाल करने का बढ़ावा दीजिए। पेज 3-4 में दी गयी प्रस्तावना पर चर्चा कीजिए। सुझाव दीजिए कि कैसे परिवार साथ मिलकर इस पर चर्चा कर सकते हैं। यह समझाने के लिए कि रोज़ाना बाइबल वचनों पर ध्यान देने से फायदा होता है, अगले महीने की दो या तीन बाइबल आयतों और साथ दी गयी टिप्पणी पर चर्चा कीजिए। एक छोटा-सा प्रदर्शन दिखाइए जिसमें एक पति और पत्नी आज की आयत और उसकी टिप्पणी पर विचार करते हैं।

22 मि: “दूसरों को शुद्ध भाषा सिखाइए।”b पैराग्राफ 6 पर बात करने के बाद एक योग्य प्रचारक से प्रदर्शन कराइए। दिखाइए कि कैसे वह एक वापसी भेंट में जनवरी 2002 की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट के पेज 4 पर दिया एक सुझाव इस्तेमाल करके, दरवाज़े पर खड़े-खड़े ही बाइबल अध्ययन शुरू करता है। उसे माँग ब्रोशर के एक पैराग्राफ पर चर्चा करनी चाहिए। अध्ययन के आखिर में प्रचारक को अगले पैराग्राफ से ताल्लुक रखनेवाला एक सवाल पूछना चाहिए और अगली मुलाकात में उसका जवाब देने का इंतज़ाम करना चाहिए। सभी को इस बारे में विचार करने के लिए कहिए कि क्या वे अपनी किसी वापसी भेंट में यही तरीका अपनाकर बाइबल अध्ययन शुरू कर सकते हैं।

गीत 23 (200) और प्रार्थना।

जनवरी 27 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 18 (162)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। प्रचारकों को याद दिलाइए कि वे जनवरी में किए प्रचार की रिपोर्ट डाल दें। पेज 4 पर दिए सुझावों का इस्तेमाल करके जनवरी-मार्च की सजग होइए! (पत्रिकाएँ पेश करने के कॉलम का तीसरा सुझाव) और फरवरी 1 की प्रहरीदुर्ग पेश करने के दो अलग-अलग प्रदर्शन दिखाइए। एक प्रदर्शन में घर-मालिक पत्रिका लेता है मगर दूसरे में पत्रिका लेने से इनकार कर देता है। इन दोनों प्रदर्शनों के आखिर में प्रचारकों को क्या आप बाइबल के बारे में और ज़्यादा जानना चाहते हैं? ट्रैक्ट पेश करने के लिए कहिए। चंद शब्दों में समझाइए कि हम जिन लोगों को पत्रिकाओं के साथ-साथ यह ट्रैक्ट देते हैं, उनसे दोबारा मिलने पर कैसे चर्चा को आगे बढ़ा सकते हैं।—नवंबर 2001 की हमारी राज्य सेवकाई, का पेज 4, पैरा. 10 देखिए।

35 मि: “‘राज्य के जोशीले प्रचारक’ ज़िला अधिवेशन से पूरा-पूरा फायदा पाना।” प्रहरीदुर्ग अध्ययन चलानेवाला भाई इस भाग को पेश करेगा। एक मिनट का परिचय देने के बाद लेख में दिए सवालों का इस्तेमाल करके ज़िला अधिवेशन के कार्यक्रम पर श्रोताओं के साथ चर्चा कीजिए। अच्छी तरह तय कर लीजिए कि आप हर पैराग्राफ के लिए कितना समय लेंगे। हाज़िर लोगों की याद ताज़ा करने के लिए संक्षिप्त में कार्यक्रम के मुख्य मुद्दे बताइए। जहाँ मुनासिब लगे, श्रोताओं से पूछिए कि वे सीखी हुई बातों को कैसे लागू कर रहे हैं और इससे उन्हें क्या फायदा हो रहा है।

गीत 20 (93) और प्रार्थना।

फरवरी 3 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 22 (130)

5 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

10 मि: कलीसिया की ज़रूरतें।

12 मि: उनके विश्‍वास का अनुकरण करो। एक प्राचीन का इंटरव्यू लीजिए जिसने सालों से यहोवा की सेवा नम्रता और वफादारी से की है। (इब्रा. 13:7) उसने सच्चाई कैसे सीखी? सच्चाई को अपनाने के लिए उसे किन-किन बाधाओं को पार करना पड़ा? उसे तरक्की करने के लिए किस आध्यात्मिक इंतज़ाम से मदद मिली या किस बात ने उसका उत्साह बढ़ाया? उसने प्राचीन की ज़िम्मेदारी के काबिल बनने के लिए कैसी मेहनत की? (1 तीमु. 3:1) कलीसिया की ज़िम्मेदारियों के साथ परिवार और नौकरी से जुड़ी ज़िम्मेदारियों में तालमेल बिठाने के लिए उसे किस बात ने मदद दी? (1 तीमु. 5:8) कलीसिया में अपने भाई-बहनों की मदद करने का उसे जो सुअवसर मिला है, उसके बारे में वह कैसा महसूस करता है?

18 मि: “वह काम जिसमें नम्रता की ज़रूरत है।”c पैराग्राफ 3 पर चर्चा करते वक्‍त श्रोताओं को सुझाव देने के लिए कहिए कि जब प्रचार में कोई हमारी खिल्ली उड़ाता है या रूखाई से पेश आता है, झगड़े पर उतारू हो जाता है या भड़क उठता है तो हमें कैसा व्यवहार करना चाहिए। पैराग्राफ 4 पर चर्चा करते वक्‍त इंसाइट किताब के भाग 1, पेज 1160 के पैराग्राफ 3 से कुछ मुद्दे बताइए।

गीत 3 (32) और प्रार्थना।

[फुटनोट]

a एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

b एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

c एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

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