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हमारी राज-सेवा—2003
km 10/03 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

अक्टूबर 13 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 22 (130)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ और हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। पेज 8 पर दिए सुझावों का इस्तेमाल करके, अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! (पत्रिकाओं की पेशकश के कॉलम में पहला सुझाव) और अक्टूबर 15 की प्रहरीदुर्ग पत्रिका पेश करने के ऐसे दो प्रदर्शन दिखाइए जो बनावटी न लगें। हर प्रदर्शन में दोनों पत्रिकाओं को एक-साथ पेश किया जाना चाहिए, फिर चाहे एक ही पत्रिका के बारे में बताया जाए। उनमें से एक प्रदर्शन में दिखाइए कि मैगज़ीन रूट में वापसी भेंट कैसे की जा सकती है। “हमारे अगले अंक में” बक्स पर ध्यान दिलाकर अगली मुलाकात के लिए बुनियाद डालें।—अक्टूबर 1998 की हमारी राज्य सेवकाई के पेज 8, पैरा. 7-8 देखिए।

20 मि: “आनन्द से यहोवा की आराधना करो!”a (इस चर्चा के लिए, सभी के पास जनवरी 2002 और सितंबर 2003 की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट होने चाहिए।) पैराग्राफ 4 की चर्चा के बाद, बताइए कि नवंबर में हम माँग ब्रोशर और ज्ञान किताब पेश करेंगे। हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट में दिए सुझावों में से एक सुझाव को चंद शब्दों में दोहराइए। (जनवरी 2002; सितंबर 2003) फिर एक प्रदर्शन दिखाइए जिसमें प्रचारक, रिहर्सल करते वक्‍त इस सुझाव का इस्तेमाल करते हैं। सभी को उकसाइए कि वे प्रचार के लिए अच्छी तैयारी करें।

15 मि: बाइबल अध्ययन कराने से आशीषें मिलती हैं। भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा। हमारे साहित्य में से कुछ ऐसे अनुभव बताइए जिनमें बाइबल अध्ययन करनेवालों ने अच्छी तरक्की की। (w00-HI 3/1 पेज 6; yb98 पेज 55-60) श्रोताओं को यह बताने के लिए कहिए कि इन अनुभवों से हम क्या सीखते हैं और बाइबल अध्ययन कराने से हमें किस तरह फायदा होता है।

गीत 4 (43) और प्रार्थना।

अक्टूबर 20 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 16 (143)

5 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

15 मि: “बहुत बोओ मगर समझदारी से।”b उन सुझावों पर खास ध्यान दें जो आपके प्रचार इलाके के लिए सही हों। इस शनिवार-रविवार को प्रचार के लिए होनेवाली सभाओं में इन सुझावों को एक बार फिर दोहराया जाना चाहिए।

25 मि: अपने हमउम्र साथियों के दबाव का डटकर सामना करना। एक प्राचीन या सहायक सेवक का इंटरव्यू लीजिए जिसकी परवरिश मसीही परिवार में हुई थी। फरवरी 15, 2003 की प्रहरीदुर्ग से चुनिंदा बातें बताइए। भाई ने स्कूल में किस तरह के दबाव का सामना किया? (पेज 24 पैरा. 3; पेज 25 पैरा. 4-5) क्या दूसरों ने उस पर ऐसा बुरा असर डाला, जिससे उसका नुकसान हो सकता था? (पेज 26 पैरा. 4-6) बरसों बाद, क्या अब भी उसे साथियों के दबाव का सामना करना पड़ता है? उनके रंग में न रंगने के लिए किस बात ने उसकी मदद की है? आखिर में, अगस्त 1, 1999 की प्रहरीदुर्ग के पेज 24-5 में दी गयी जानकारी पर एक छोटा भाषण दें और इस बात पर ज़ोर दें कि अच्छे दोस्तों के साथ मेल-जोल रखने के क्या फायदे होते हैं।

गीत 3 (32) और प्रार्थना।

अक्टूबर 27 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 7 (51)

12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्‌स रिपोर्ट। प्रचारकों को याद दिलाइए कि वे अक्टूबर महीने की प्रचार रिपोर्ट डाल दें। अगली सेवा सभा की तैयारी में सभी को बढ़ावा दीजिए कि वे पिछले सेवा-साल के खास सम्मेलन दिन कार्यक्रम के अपने नोट्‌स पढ़कर आएँ। पेज 8 पर दिए सुझावों का इस्तेमाल करके दो अलग-अलग प्रदर्शन दिखाइए कि अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! (पत्रिकाओं की पेशकश के कॉलम में तीसरा सुझाव) और नवंबर 1 की प्रहरीदुर्ग पत्रिका कैसे पेश करें। हर प्रदर्शन में दोनों पत्रिकाओं को एक-साथ पेश किया जाना चाहिए, फिर चाहे एक ही पत्रिका के बारे में बताया जाए। एक प्रदर्शन में दिखाइए कि जब कोई यह कहकर बातचीत रोकने की कोशिश करे कि “मुझे दिलचस्पी नहीं है,” तब क्या कहा जा सकता है।—किस तरह बाइबल चर्चाओं को आरंभ करें और जारी रखें बुकलेट के पेज 8-9 देखिए।

20 मि: आत्मा की तलवार इस्तेमाल करें। (इफि. 6:17) सेवा स्कूल किताब के पेज 143-4 में दी गयी जानकारी से श्रोताओं के साथ चर्चा। उनसे ये सवाल पूछिए: (1) सवालों के जवाब देते वक्‍त हम बाइबल का इस्तेमाल क्यों करते हैं? (2) यहोवा के साक्षी, इस नाम से हमारे बारे में क्या पता चलता है? (3) यीशु ने क्या मिसाल कायम की और हम उसके नक्शेकदम पर कैसे चल सकते हैं? (4) आपके इलाके में लोगों का ध्यान बाइबल की तरफ दिलाने के कुछ असरदार तरीके क्या हैं? (5) जब भी मुमकिन हो, तब सीधे बाइबल से पढ़कर सुनाना क्यों अच्छा होता है? (6) बाइबल का अच्छा इस्तेमाल करने में प्राचीन, दूसरों को कैसे उकसा सकते हैं? पेज 144 पर दिए अभ्यास पर अच्छी तरह तैयार किया एक प्रदर्शन दिखाइए जिसमें एक काबिल प्रचारक अपने जवाब में कम-से-कम बाइबल की एक आयत दिखाता है। सभी को यह लक्ष्य रखने का बढ़ावा दें कि वे हर बार गवाही देते वक्‍त बाइबल का इस्तेमाल करें।

13 मि: कलीसिया के अनुभव। श्रोताओं को स्कूल में, नौकरी की जगह पर या कहीं और गवाही देते वक्‍त या ज़िला अधिवेशन के दौरान हुए कुछ अच्छे अनुभव बताने के लिए कहिए।

गीत 6 (45) और प्रार्थना।

नवंबर 3 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 26 (212)

5 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

15 मि: कलीसिया की ज़रूरतें।

25 मि: भले कामों में धनी बनो। (1 तीमु. 6:18) यहाँ दिए गए सवालों की मदद से एक प्राचीन, पिछले सेवा-साल में हुए खास सम्मेलन दिन कार्यक्रम पर श्रोताओं के साथ चर्चा करेगा। भाई-बहनों से पूछिए कि वे सीखी हुई बातों पर कैसे अमल कर पाए हैं। (हरेक भाग की तैयारी करने के लिए पहले से ही किसी को कहा जा सकता है।) कार्यक्रम के इन भागों पर खास ज़ोर दीजिए: (1) “भले कामों से बड़ा फायदा होता है।” (सभो. 2:11) परमेश्‍वर के सेवक, इस संसार के व्यर्थ कामों में उलझने के बजाय परमेश्‍वर के वचन में बताए गए भले काम क्यों करते हैं? (2) “परमेश्‍वर की नज़र में धनी बनें।” (मत्ती 6:20) कुछ लोगों ने कैसे “स्वर्ग में धन इकट्ठा” किया है और इसका उन्हें क्या फायदा मिला है? (3) “एक बाइबल अध्ययन करने के ज़रिए अपनी सेवा को बेहतर बनाइए।” (om पेज 91) बाइबल अध्ययन शुरू करने और उसे जारी रखने में कौन-सी बातें हमारी मदद कर सकती हैं? (4) “कटनी के इस समय में भले काम।” (मत्ती 13:37-39) भले काम करने में पहली सदी के मसीहियों ने कैसी मिसाल रखी और आज, हमारे ज़माने में राज्य का काम कैसे आगे बढ़ा है? (5) “अपने भले कामों से यहोवा की महिमा कीजिए।” (मत्ती 5:14-16) कुछ लोगों ने कैसे ‘अपने उजियाले को चमकाया’ है? (6) “जवानों को शाबाशी देना जो यहोवा की स्तुति के लिए भले काम करते हैं।” (भज. 148:12, 13) हमारे सर्किट में मसीही जवान कैसे यहोवा की स्तुति कर रहे हैं? (7) “भले काम करते रहो, यहोवा की आशीष पाओ।” (नीति. 10:22) भले कामों में लगे रहने से हमें निजी तौर पर, परिवार, कलीसिया या दुनिया भर में एक संगठन के तौर पर क्या आशीषें मिल सकती हैं?

गीत 5 (46) और प्रार्थना।

[फुटनोट]

a एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

b एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।

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