परमेश्वर की सेवा स्कूल की चर्चा
दिसंबर 25,2006 से शुरू होनेवाले हफ्ते में, परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए सवालों पर चर्चा होगी। स्कूल अध्यक्ष, 30 मिनट के लिए नवंबर 6 से दिसंबर 25,2006 तक के हफ्तों में पेश किए भागों पर हाज़िर लोगों के साथ चर्चा करेगा। [ध्यान दीजिए: जिस सवाल के बाद कोई हवाला नहीं दिया गया है, उसके जवाब के लिए आपको खुद खोजबीन करनी है।—सेवा स्कूल किताब के पेज 36-7 देखिए।]
भाषण के गुण
1. एक आयत का परिचय देने के लिए क्या कहना सही होगा, यह तय करते वक्त हमें किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए? [be-HI पेज 148 पैरा. 4–पेज 149 पैरा. 1]
2. शब्दों और वाक्य के हिस्सों पर सही ज़ोर देकर पढ़ने के लिए, हम कौन-से तरीके अपना सकते हैं? [be-HI पेज 151 पैरा. 4–पेज 152 पैरा. 3]
3. दूसरों को परमेश्वर के वचन से सिखाना एक गंभीर बात है, इसलिए इसे ‘ठीक रीति से काम में लाने’ के लिए हमें क्या करने की ज़रूरत है? (2 तीमु. 2:15) [be-HI पेज 153 पैरा. 1-3, बक्स; पेज 154 पैरा. 1-2]
4. हम किन तरीकों से यह साफ-साफ समझा सकते हैं कि हम जो आयत पढ़ते हैं, वह कैसे लागू होती है? [be-HI पेज 154 पैरा. 4–पेज 155 पैरा. 3]
5. जानकारी पर अमल करने के फायदे साफ-साफ बताना क्यों ज़रूरी है, और ऐसा करने के कुछ तरीके क्या हैं? [be-HI पेज 157 पैरा. 1-4, बक्स; पेज 158 पैरा. 1]
भाग नं. 1
6. राजा सुलैमान किस मायने में एक सभाकार था? [bsi06-HI पेज 25 पैरा. 1-3]
7. सभोपदेशक किताब में लिखी बातें कैसे यीशु की शिक्षाओं से मेल खाती हैं? [bsi06-HI पेज 26 पैरा. 16]
8. श्रेष्ठगीत किताब बाइबल के संग्रह का एक हिस्सा है, इस बात का क्या सबूत है? [bsi06-HI पेज 28 पैरा. 3-4]
9. यशायाह का मृत सागर चर्मपत्र कैसे इस बात का ठोस सबूत देता है कि हमारी बाइबल, शुरू के ईश्वर-प्रेरणा से लिखे शास्त्र पर आधारित है? [bsi06-HI पेज 30 पैरा. 6]
10. भाषण देनेवाले भाई को क्या बात मदद दे सकती है जिससे उसे बड़े नोट्स् इस्तेमाल न करना पड़े? [be-HI पेज 42 पैरा. 3]
हफ्ते की बाइबल पढ़ाई
11. यह कैसे हो सकता है कि “यहोवा को ढूंढ़नेवाले सब कुछ समझते हैं”? (नीति. 28:5)
12. “मूर्ख को परिश्रम से थकावट” कैसे होती है? (सभो. 10:15)
13. शूलेम्मिन लड़की कैसे “किवाड़ लगाई हुई बारी” की तरह थी, और वह अविवाहित मसीही स्त्रियों के लिए कैसे एक बढ़िया मिसाल है? (श्रेष्ठ. 4:12)
14. जब यहोवा ने इस्राएलियों से कहा कि ‘आओ, हम आपस में मामलों को सुलझा लें,’ तो क्या इसका यह मतलब है कि वह अपने लोगों के साथ एक समझौते तक पहुँचने के लिए थोड़ा झुकने के लिए तैयार है? (यशा. 1:18क, NW)
15. प्राचीन समय में यशायाह 11:6-9 की भविष्यवाणी कैसे पूरी हुई थी, और यह भविष्यवाणी बड़े पैमाने पर कैसे पूरी हुई है?