“मुझे इन बातों में कोई दिलचस्पी नहीं”
आजकल प्रचार के कुछ इलाकों में, हमें लोगों के मुँह से यही बात सुनने को मिलती है। इस तरह की बेरुखी से हम निराश हो सकते हैं। ऐसे में क्या बात हमारी मदद करेगी जिससे कि हम हिम्मत न हार बैठें? खुशखबरी में लोगों की दिलचस्पी जगाने के लिए, हम क्या कर सकते हैं?
2 अपनी खुशी बरकरार रखिए: अगर हम याद रखें कि बहुत-से लोग क्यों बेरुखी से पेश आते हैं, तो हमें अपनी खुशी को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। हो सकता है कि कइयों को बचपन से ही विकासवाद का सिद्धांत सिखाया गया हो, या फिर उनकी परवरिश एक ऐसे समाज में हुई हो जहाँ सभी नास्तिक हैं। इसलिए उन्होंने शायद बाइबल की अहमियत पर कभी गौर न किया हो। कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने शायद धर्म में होनेवाले कपट को देखा हो और इस वजह से धर्म पर से उनका विश्वास ही उठ गया है। और दूसरे हमारी बात सुनने से इसलिए इनकार कर देते हैं, क्योंकि वे ज़िंदगी से परेशान हैं और उनमें जीने की कोई आस नहीं। (इफि. 2:12) इसके अलावा, कई लोग हमारे संदेश पर इस वजह से ‘ध्यान नहीं देते’ (NW), क्योंकि वे जीवन की चिंताओं के बोझ तले दबे हुए हैं।—मत्ती 24:37-39.
3 भले ही कुछ लोग हमारी बात सुनने से इनकार कर दें, फिर भी हम अपने प्रचार काम से खुशी पा सकते हैं। क्यों? क्योंकि हम जानते हैं कि प्रचार में हमारी मेहनत से यहोवा की महिमा होती है। (1 पत. 4:11) और-तो-और, दूसरों को सच्चाई के बारे में बताकर खुद हमारा विश्वास मज़बूत होता है, फिर चाहे वे फिलहाल इसकी कदर ना भी करें। आइए हम अपने प्रचार के इलाके में लोगों को उसी नज़र से देखें, जिस नज़र से यहोवा उन्हें देखता है। मिसाल के लिए, यहोवा को नीनवे के लोगों पर तरस आया था क्योंकि वे “अपने दहिने बाएं हाथों का भेद नहीं पहिचानते” थे। (योना 4:11) जी हाँ, हमारे इलाके के लोगों को खुशखबरी की सख्त ज़रूरत है! इसलिए हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, बल्कि अलग-अलग तरीकों से बाइबल के संदेश में उनकी दिलचस्पी पैदा करने की कोशिश करनी चाहिए।
4 इलाके की समस्याओं पर चर्चा कीजिए: आप अपनी बातचीत की शुरूआत में इलाके की किसी समस्या का ज़िक्र कर सकते हैं और फिर घर-मालिक से उसकी राय पूछ सकते हैं। जब वह जवाब में अपनी चिंता ज़ाहिर करता है, तो ध्यान से सुनिए। इसके बाद, बाइबल से आयतें दिखाकर उसे दिलासा दीजिए। एक इलाके में हुए हादसे के बाद, जब एक साक्षी घर-घर प्रचार कर रहा था, तो उसने हर दरवाज़े पर अपना गहरा अफसोस ज़ाहिर किया। वह कहता है: “अचानक, लोग मुझसे बात करने लगे। नतीजा, उस दिन कई लोगों के साथ मेरी बढ़िया चर्चा हुई। और वह सिर्फ इसलिए कि मैंने उनमें निजी दिलचस्पी दिखायी।”
5 आज इंसान जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, परमेश्वर का राज्य बहुत जल्द उन सारी समस्याओं का हल करेगा। इसलिए उस समस्या को जानने की कोशिश कीजिए जिसे लेकर घर-मालिक बहुत ही परेशान है। ऐसे में, वह शायद आपको बाइबल की आशा के बारे में समझाने का मौका दे। लेकिन अगर वह मौका ना भी दे, तो निराश मत होइए। क्या पता वह शायद आपकी बात ‘फिर कभी सुने।’—प्रेरि. 17:32.