पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग जुला.-सितं.
“आज के ज़माने में जिस तरह से कुदरती आफतों का कहर टूट रहा है, उससे कुछ लोगों को लगता है कि इसके पीछे ज़रूर परमेश्वर का हाथ है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? [जवाब के लिए रुकिए। अगर आपको लगता है कि घर-मालिक को दिलचस्पी है, तो चर्चा आगे बढ़ाइए।] क्या मैं आपको बरसों पहले लिखी एक आयत पढ़कर सुना सकता हूँ, जो इंसान के सृष्टिकर्ता के बारे में बताती है? [अगर घर-मालिक ‘हाँ’ कहे, तो आप 1 यूहन्ना 4:8 पढ़ सकते हैं।] पेज 31 पर दिया गया लेख दिखाइए और कहिए कि यह लेख बताता है कि कुदरती आफतों के लिए क्यों परमेश्वर ज़िम्मेदार नहीं है।”
सजग होइए! जुला.-सितं.
“आज ज़िंदगी बहुत व्यस्त हो गयी है, जिसकी वजह से कई लोगों को परमेश्वर की उपासना के लिए समय निकालना बड़ा मुश्किल लगता है। क्या आप भी ऐसा ही महसूस करते हैं? [जवाब के लिए रुकिए। अगर आपको लगे कि घर-मालिक आगे चर्चा करना चाहता है तो आप इफिसियों 5:15-17 पढ़ सकते हैं।] क्या आप जानना चाहेंगे कि परमेश्वर हमसे अपनी उपासना के लिए कितने समय और ताकत की उम्मीद करता है?” अगर घर-मालिक जानना चाहता है तो पेज 14 पर दिया गया लेख दिखाइए।