स्मारक के लिए अच्छी तैयारी कीजिए
हम यीशु मसीह की मौत की याद में समारोह मनानेवाले हैं। (लूका 22:19) और उसके चेले होने के नाते इस समारोह की अच्छी तैयारी करना हमारे लिए क्या ही आशीष और खुशी की बात है! तो हमें इसकी तैयारी में कौन-से कारगर कदम उठाने चाहिए?
▪ समय और जगह: सभी को यह मालूम होना चाहिए कि स्मारक ठीक कितने बजे और कहाँ मनाया जाएगा। अगर एक से ज़्यादा कलीसियाएँ एक ही राज-घर में स्मारक मनाती हैं, तो उन्हें सही समय पर समारोह शुरू करना चाहिए और उसके खत्म होते ही जगह खाली कर देनी चाहिए, ताकि दूसरी कलीसिया समय पर अपना कार्यक्रम शुरू कर सके। कोशिश कीजिए कि राज-घर के सामने, लॉबी में, फुटपाथ पर या गाड़ियाँ खड़ी करने की जगह पर खाहमखाह भीड़ जमा न हो।
▪ निमंत्रण परचे: क्या सभी प्रचारकों को निमंत्रण परचे का अपना-अपना कोटा मिल गया है? क्या वे उसमें दी जानकारी से वाकिफ हैं? क्या आपने इसका अभ्यास किया है कि आप न्यौता कैसे देंगे? आप ये परचे किन लोगों को देंगे? खास कोशिश कीजिए ताकि सारे निमंत्रण परचे बाँट दिए जाएँ।
▪ लाने-ले-जाने का इंतज़ाम: शायद दिलचस्पी रखनेवाले कुछ लोगों, साथ ही कुछ भाई-बहनों को समारोह में लाने-ले-जाने या दूसरी तरह की मदद की ज़रूरत पड़े। तो इसके लिए क्या इंतज़ाम किए गए हैं?
▪ प्रतीक: ध्यान रखिए कि स्मारक के प्रतीक सूरज ढलने के बाद ही दिए जाएँ। जो अभिषिक्त मसीही ढलती उम्र या बीमारी की वजह से स्मारक में हाज़िर नहीं हो सकता, उसके लिए प्रतीकों का इंतज़ाम किया जाना चाहिए। सही किस्म की रोटी और दाखमधु का इंतज़ाम करके इन्हें पहले से तैयार रखना चाहिए।—15 फरवरी, 2003 की प्रहरीदुर्ग पेज 14-15 पैरा. 14, 17 देखिए।
▪ राज-घर: राज-घर की पहले से अच्छी साफ-सफाई की जानी चाहिए। प्लेट, गिलास, एक अच्छी मेज़ और मेज़पोश हॉल में लाकर सही जगह पर रख देना चाहिए। अगर स्मारक मनाने के लिए किसी और जगह का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह खयाल रखिए कि वहाँ साउंड सिस्टम की अच्छी व्यवस्था हो, ताकि हाज़िर सभी लोगों को वक्ता की आवाज़ साफ सुनायी दे। अटेंडंट और प्रतीक देनेवाले भाइयों को पहले से चुना जाना चाहिए। उन्हें उनका काम और उसे करने का सही तरीका बताया जाना चाहिए और यह भी कि उनका पहनावा शालीन हो।
यीशु मसीह की मौत के इस खास दिन के लिए न सिर्फ पूरी कलीसिया, बल्कि हममें से हरेक अच्छी तरह तैयारी करना चाहेगा। यहोवा ने अपने अज़ीज़ बेटे यीशु मसीह का बलिदान देकर सभी इंसानों के लिए जो इंतज़ाम किए हैं, उनके लिए जो भी दिल से कदर दिखाता है, यहोवा उसे ज़रूर बेशुमार आशीषें देगा।