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हमारी राज-सेवा—2009
km 5/09 पेज 1

सरलता से सिखाइए

1. असरदार तरीके से सिखाने के लिए कौन-सी एक बात ज़रूरी है?

असरदार तरीके से सिखाने के लिए ज़रूरी है, सरलता से सिखाना। महान शिक्षक यीशु ने जिस तरीके से लोगों को सिखाया, उस पर गौर करने से हम अपनी “सिखाने की कला” निखार सकते हैं।—2 तीमु. 4:2; यूह. 13:13.

2. सरलता से सिखाने में क्या शामिल है और इसका क्या असर होता है?

2 सरलता से सिखाइए: यीशु ने अपने पहाड़ी उपदेश में कुछ ज़बरदस्त सच्चाइयाँ लोगों को बड़ी सरलता से सिखा दीं। (मत्ती अध्या. 5-7) जो भीड़ यीशु की बातें सुन रही थी, वह उसके “सिखाने का तरीका देखकर दंग रह गयी।” जिन पहरेदारों को उसे गिरफ्तार करने भेजा गया था, वे भी कहने लगे: “आज तक किसी भी इंसान ने इस तरह बात नहीं की।” (मत्ती 7:28, 29; यूह. 7:46) जी हाँ, दूसरों को सच्चाई का पक्का भरोसा दिलाने के लिए बड़े-बड़े शब्द, मुश्‍किल वाक्य और लंबे-चौड़े दृष्टांत इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं है। बोल-चाल की भाषा में भी सच्चाई बहुत साफ तरीके से सिखायी जा सकती है।

3. कुछ लोग क्यों एक-साथ ढेर सारी जानकारी देने लगते हैं? इससे कैसे बचा जा सकता है?

3 जानकारी सोच-समझकर दीजिए: यीशु ने अपने सुननेवालों को ध्यान में रखते हुए यह तय किया कि वह एक समय पर उन्हें कितनी जानकारी देगा। (यूह. 16:12) उसी तरह हमें भी खासकर रिश्‍तेदारों, दिलचस्पी दिखानेवाले नए लोगों या बच्चों को गवाही देते वक्‍त यह ध्यान रखना चाहिए कि हम उन्हें कितनी जानकारी देंगे। जब हमें लगे कि कोई ध्यान से हमारी बात सुन रहा है, तब भी यह ज़रूरी नहीं कि हम उसे एक-साथ ढेर सारी जानकारी दे दें। नेकदिल लोग सच्चे परमेश्‍वर यहोवा के बारे में ज्ञान लेते रहेंगे।—यूह. 17:3; 1 कुरिं. 3:6.

4. सिर्फ खास मुद्दों पर ध्यान देने का क्या फायदा होता है?

4 खास मुद्दों पर ध्यान दीजिए: किसी विषय के बारे में सिखाते वक्‍त यीशु ने ढेर सारी जानकारी देकर खास मुद्दों को दबा नहीं दिया। जब उसने कहा, “जो स्मारक कब्रों में हैं . . . बाहर निकल आएँगे,” तो उसने उन बारीकियों पर चर्चा नहीं की कि पुनरुत्थान किन दो जगहों पर होगा। (यूह. 5:28, 29) जब हम बाइबल अध्ययन कराते हैं, तो हमें खास मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए और बेवजह इधर-उधर की जानकारी देने से खुद को रोकना चाहिए।

5. सरलता से सिखाने पर क्या आशीष मिलती है?

5 हम यहोवा के कितने शुक्रगुज़ार हैं कि उसने हमें हर ज़रूरी जानकारी बड़ी सरलता से दी है! (मत्ती 11:25) आइए हम भी सरलता से सिखाएँ और प्रचार में अच्छे नतीजे मिलने की खुशी पाएँ।

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