प्रचार सेवा में सब्र दिखाना ज़रूरी
1. यहोवा ने मानवजाति के साथ कैसे सब्र से काम लिया है?
मानवजाति के साथ सब्र से काम लेना परमेश्वर की खासियत रही है। (निर्ग. 34:6; भज. 106:41-45; 2 पत. 3:9) इसकी बेहतरीन मिसाल हम दुनिया-भर में हो रहे राज प्रचार के काम में देख सकते हैं। यहोवा करीब 2,000 साल से धीरज दिखाते हुए नेक-दिल लोगों को अपने संगठन में ला रहा है। (यूह. 6:44) हम अपनी प्रचार सेवा में यहोवा का यह गुण कैसे दिखा सकते हैं?
2. अपनी प्रचार सेवा में हम सब्र कैसे दिखा सकते हैं?
2 घर-घर की प्रचार सेवा: हालाँकि कुछ इलाकों में लोग हमारे संदेश में दिलचस्पी नहीं दिखाते फिर भी यहोवा की तरह सब्र दिखाते हुए हम वहाँ भी प्रचार करना “कभी नहीं” छोड़ते। (प्रेषि. 5:42; ईज़ी-टू-रीड वर्शन) हमारी प्रचार सेवा का चाहे लोग विरोध करें या मज़ाक उड़ाएँ फिर भी हम धीरज से पेश आते हैं। (मर. 13:12, 13) कई बार लोग हमारे संदेश में दिलचस्पी तो दिखाते हैं मगर उनसे दोबारा मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में भी हम धीरज से पेश आते हैं और उनके दिलों में बोए सच्चाई के बीजों को सींचने में मेहनत करते रहते हैं।
3. वापसी भेंट और बाइबल अध्ययन चलाते वक्त हमें सब्र दिखाने की ज़रूरत क्यों है?
3 बाइबल अध्ययन: पौधे को बढ़ने में वक्त लगता है जिसके लिए सब्र की ज़रूरत होती है। हम सिर्फ उसे खाद-पानी दे सकते हैं, ज़बरदस्ती उसे बढ़ा नहीं सकते। (याकू. 5:7) उसी तरह, आध्यात्मिक बढ़ोतरी भी धीरे-धीरे होती है। (मर. 4:28) शायद हमारे बाइबल विद्यार्थियों को झूठे धार्मिक विश्वास या रीति-रिवाज़ छोड़ना मुश्किल लगे। लेकिन बदलाव करने के लिए हमें उनसे ज़बरदस्ती नहीं करनी चाहिए। अपने समय पर पवित्र शक्ति उनके दिलों पर काम करेगी जिसके लिए हमें धीरज दिखाना होगा।—1 कुरिं. 3:6, 7.
4. सब्र दिखाने से हम कैसे असरदार तरीके से अपने अविश्वासी रिश्तेदारों को गवाही दे सकेंगे?
4 अविश्वासी रिश्तेदार: हमारी दिली तमन्ना है कि हमारे रिश्तेदार सच्चाई सीखें। लेकिन उन्हें अपने विश्वास के बारे में बताने के लिए हम सही मौके का इंतज़ार करते हैं और ध्यान रखते हैं कि हम उन्हें हद-से-ज़्यादा जानकारी ना दें। (सभो. 3:1, 7) इस दरमियान हम अपने चालचलन से उन्हें अच्छी गवाही देते हैं और जब मौका मिलता है तो कोमल स्वभाव और गहरे आदर के साथ अपना विश्वास ज़ाहिर करने के लिए तैयार रहते हैं। (1 पत. 3:1, 15) वाकई, असरदार तरीके से प्रचार करने, साथ ही स्वर्ग में रहनेवाले अपने पिता को खुश करने के लिए सब्र दिखाना कितना ज़रूरी है!