हर महीने के लिए ‘पत्रिकाएँ पेश करने के सुझाव’
सेवा सभा में हर महीने पत्रिकाएँ पेश करने का एक भाग ज़रूर होता है। इस भाग का मकसद यह बताना नहीं है कि पत्रिकाओं में कौन-कौन-से लेख दिए हैं। इसके बजाय, इसका मकसद है पत्रिकाएँ पेश करने के सुझावों पर चर्चा करना। इसलिए हिदायतों के मुताबिक, जो भाई यह भाग पेश करेगा उसे बहुत कम शब्दों में इसका परिचय देना चाहिए जिससे सबका जोश बढ़े। फिर यह भाई एक-एक करके किसी एक लेख (या उसकी श्रृंखलाओं) पर प्रचारकों के सुझाव पूछेगा। इससे सब अपनी-अपनी पत्रिका में देख सकेंगे और उन सुझावों को लिख सकेंगे जिन्हें वे प्रचार में इस्तेमाल करना चाहते हैं। हाज़िर लोगों को पूरी पेशकश बताने के बजाय सिर्फ इतना बताने के लिए कहिए कि वे घर-मालिक की दिलचस्पी जगाने के लिए कौन-से सवाल पूछेंगे और कौन-सी आयत पढ़ेंगे। इस भाग के आखिर में हर पत्रिका का एक प्रदर्शन दिखाया जाना चाहिए। हमें बढ़ावा दिया जाता है कि हम पत्रिकाएँ पहले से पढ़कर आएँ और अपने सुझाव देने के लिए तैयार रहें। अगर सभी अच्छी तैयारी के साथ आएँगे तो हम प्रचार में और भी अच्छी तरह बात करने में एक-दूसरे की मदद कर पाएँगे।—नीति. 27:17.