ट्रैक्ट की नयी बनावट—कैसे करें इसका अच्छा इस्तेमाल!
1. प्रचार में इस्तेमाल होनेवाले किस साहित्य को नए और दिलचस्प तरीके से तैयार किया गया है?
1 ‘परमेश्वर का वचन सच्चा है!’ 2013 के ज़िला अधिवेशन में पाँच नए ट्रैक्ट रिलीज़ हुए थे। साथ ही, राज-समाचार नं. 38 “क्या मरे हुओं को दोबारा जीवन मिलेगा?” यह भी ट्रैक्ट की इसी श्रृंखला में जोड़ा गया है। इन 6 ट्रैक्टों को नए और दिलचस्प तरीके से तैयार किया गया है। अब सवाल उठता है कि क्यों इन्हें इस तरह बनाया गया है? घर-घर के प्रचार में पेश करते वक्त हम इनकी खूबियों का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?
2. ट्रैक्ट की नयी बनावट का मकसद क्या है?
2 यह नयी बनावट क्यों?: अकसर घर-घर के प्रचार में पेशकश को असरदार बनाने में ये चार कदम शामिल होते हैं: (1) बातचीत शुरू करने के लिए घर-मालिक से ऐसा सवाल पूछना, जिससे वह अपनी राय बता सके। (2) बाइबल से कोई विचार पेश करना। (3) पढ़ने के लिए घर-मालिक को कुछ साहित्य देना। (4) अगली मुलाकात के लिए एक सवाल छोड़ना और दोबारा मिलने का इंतज़ाम करना। ट्रैक्ट की यह नयी बनावट आसानी से इन चार कदमों को उठाने में हमारी मदद करती है।
3. प्रचार में हम इन नए ट्रैक्टों को कैसे पेश कर सकते हैं?
3 इस्तेमाल कैसे करें: (1) दुआ-सलाम करने के बाद, घर-मालिक को ट्रैक्ट के पहले पेज पर दिया दिलचस्प सवाल दिखाकर उसकी राय पूछिए। (2) ट्रैक्ट खोलिए और “बाइबल क्या कहती है?” भाग पर चर्चा कीजिए। अगर हालात इजाज़त देते हैं तो आयत सीधे बाइबल से पढ़िए। अगर घर-मालिक के पास समय है, तो “इस बारे में जानने से आपको क्या फायदा होगा?” वाले भाग पर चर्चा कीजिए। (3) घर-मालिक को ट्रैक्ट पेश कीजिए और फुरसत में बाकी जानकारी पढ़ने का बढ़ावा दीजिए। (4) जाने से पहले आखिरी पेज पर दिया भाग “ज़रा इस बारे में सोचिए” दिखाकर, उसके नीचे दिया सवाल पूछिए और अगली मुलाकात में बाइबल से इस सवाल का जवाब देने और उस पर चर्चा करने का इंतज़ाम कीजिए।
4. वापसी भेंट पर हम नए ट्रैक्टों का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?
4 हमारे लिए वापसी भेंट करना भी आसान है। ट्रैक्ट के पीछे दी आयतों का इस्तेमाल करके, पिछली मुलाकात में छोड़े गए सवाल का जवाब दीजिए। जाने से पहले, ट्रैक्ट में खुशखबरी ब्रोशर की तसवीर पर घर-मालिक का ध्यान खींचिए और उसे वह अध्याय दिखाइए जिसमें उस विषय से जुड़ी और भी जानकारी दी गयी है, फिर वह ब्रोशर पेश कीजिए। अगर वह ब्रोशर कबूल करता है, तो अगली मुलाकात में उस ब्रोशर से चर्चा करने का इंतज़ाम कीजिए। देखते-ही-देखते आपने एक बाइबल अध्ययन शुरू कर दिया! आप चाहें तो ब्रोशर देने के बजाय दूसरा ट्रैक्ट पेश कर सकते हैं और घर-मालिक से दोबारा मिलकर उस पर चर्चा करने का इंतज़ाम कर सकते हैं।
5. हमारी प्रचार सेवा में ट्रैक्ट की क्या अहमियत है?
5 ट्रैक्ट 130 से भी ज़्यादा सालों से हमारी प्रचार सेवा का हिस्सा रहे हैं। इस दरमियान ट्रैक्ट की बनावट में बदलाव आए हैं और ये गवाही देने का ज़बरदस्त औज़ार रहे हैं। इसलिए आइए, हम ट्रैक्ट की इस नयी बनावट का अच्छा इस्तेमाल करके पूरी दुनिया में लोगों को बाइबल का ज्ञान देते रहें।—नीति. 15:7क.