परमेश्वर की सेवा स्कूल में सीखी बातों पर चर्चा
28 अप्रैल, 2014 से शुरू होनेवाले हफ्ते में, परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए सवालों पर चर्चा होगी।
1. यूसुफ ने पोतीपर की पत्नी के साथ लैंगिक अनैतिक काम करने से साफ इनकार क्यों किया? (उत्प. 39:7-12) [3 मार्च, प्रहरीदुर्ग 13 2/15 पेज 4 पैरा. 6; प्रहरीदुर्ग 07 11/1 पेज 10 पैरा. 16]
2. नाइंसाफी और दुख सहनेवालों के लिए यूसुफ कैसे एक अच्छी मिसाल है? (उत्प. 41:14, 39, 40) [10 मार्च, प्रहरीदुर्ग 04 1/15 पेज 29 पैरा. 6; प्रहरीदुर्ग 04 6/1 पेज 20 पैरा. 4]
3. यूसुफ ने कैसे साबित किया कि वह अपने भाइयों के साथ शांति बनाए रखना चाहता था? [17 मार्च, प्रहरीदुर्ग 11 8/15 पेज 26 पैरा. 16, 17]
4. उत्पत्ति 49:19 में दर्ज़ शब्द आज हम पर कैसे लागू होते हैं? [24 मार्च, प्रहरीदुर्ग 04 6/1 पेज 15-16 पैरा. 5-8]
5. निर्गमन 3:7-10 हमें यहोवा के बारे में क्या सिखाता है? [31 मार्च, प्रहरीदुर्ग 09 7/1 पेज 32 पैरा. 3-5]
6. मूसा के दिनों में यहोवा अपने नाम के कौन-से एक पहलू पर खरा उतरा? (निर्ग. 3:14, 15) [31 मार्च, प्रहरीदुर्ग 13 3/15 पेज 25-26 पैरा. 5-6]
7. निर्गमन 7:1 के मुताबिक मूसा कैसे “फिरौन के लिए परमेश्वर” ठहराया गया? [7 अप्रै., प्रहरीदुर्ग 04 3/15 पेज 25 पैरा. 7]
8. यहोवा ने जिस हैरतअंगेज़ तरीके से इसराएलियों को मिस्र से आज़ाद कराया, यह देखकर भी इसराएलियों ने कैसा रवैया दिखाया और इससे हम क्या सीखते हैं? (निर्ग. 14:30, 31) [14 अप्रै., प्रहरीदुर्ग 12 3/15 पेज 26-27 पैरा. 8-10]
9. लाल सागर के पानी के “जम” जाने का क्या यह मतलब है कि वह पानी बर्फ बन गया था? (निर्ग. 15:8) [21 अप्रै., प्रहरीदुर्ग 04 3/15 पेज 26 पैरा. 2]
10. किन मायने में हम कह सकते हैं कि यहोवा “पितरों का दण्ड” बाद की पीढ़ियों को देता है? (निर्ग. 20:5) [28 अप्रै., प्रहरीदुर्ग 04 3/15 पेज 27 पैरा. 1]