महीने का विषय: ‘वचन का प्रचार करने में जी-जान से लगे रहो।’—2 तीमु. 4:2.
राज की खुशखबरी सुनाने के मौकों का पूरा फायदा उठाइए!
1. हम दाविद की मिसाल से क्या सीख सकते हैं?
1 राजा दाविद ने हालात के आगे कभी घुटने नहीं टेके। उसका लक्ष्य था कि वह यहोवा के लिए भवन बनवाए। लेकिन जब उसे ऐसा करने का मौका नहीं मिला, तो वह निराश नहीं हुआ। उसने अपने लक्ष्यों में फेरबदल किया और वह मंदिर बनवाने के लिए सामान जुटाने में सुलैमान की मदद करने लगा। (1 राजा 8:17-19; 1 इति. 29:3-9) दाविद जो नहीं कर सकता था उस पर सोचते रहने के बजाय, उसने अपना ध्यान उन बातों पर लगाया जो वह कर सकता था। आज हम यहोवा के राज की खुशखबरी सुनाने के मौकों की तलाश में रहते हैं, तो दाविद की मिसाल कैसे हमारी मदद कर सकती है?
2. हमें खुद के बारे में क्या जाँच करनी चाहिए?
2 आप जो कर सकते हैं वह कीजिए: बहुत-से भाई-बहन अपने जीवन में सादगी लाए हैं, ताकि वे सहयोगी पायनियर या पायनियर सेवा कर सकें। (मत्ती 6:22) क्या आप भी उनकी तरह कदम उठा सकते हैं? प्रार्थना करके अपने हालात की जाँच कीजिए। आप पाएँगे कि आपके लिए “मौके का एक बड़ा दरवाज़ा खोला गया है, ताकि [आप] और भी सरगर्मी के साथ सेवा कर” सकें। अगर आपके पास मौका है तो उसका पूरा फायदा उठाइए।—1 कुरिं. 16:8, 9.
3. अगर हमारे हालात पायनियर सेवा करने की इजाज़त नहीं देते, फिर भी हम किन मौकों का फायदा उठाकर गवाही दे सकते हैं?
3 लेकिन अगर आपके हालात पायनियर सेवा करने की इजाज़त नहीं देते, तब आप क्या कर सकते हैं? आपके सामने जो दूसरे मौके हैं उन्हें नज़रअंदाज़ मत कीजिए। जैसे, अगर आपको नौकरी की वजह से ऐसे लोगों से ताल्लुक रखना पड़ता है जो साक्षी नहीं हैं, तो क्यों न मौके का फायदा उठाकर उन्हें गवाही दें? या अगर आपकी सेहत खराब है तो क्या आप मौके का फायदा उठाकर अपने डॉक्टर या देखभाल करनेवालों को गवाही दे सकते हैं? ध्यान रखिए जिनको कोई गंभीर बीमारी है या जिनकी उम्र काफी ढल चुकी है, जिस वजह से वे चलने-फिरने या कोई काम करने के काबिल नहीं हैं, उनके लिए 15 मिनट की प्रचार रिपोर्ट डालने का इंतज़ाम है। जब आप रिपोर्ट भरते हैं तो ध्यान रखिए कि उसमें मौके ढूँढ़कर गवाही देने का समय और वे साहित्य भी लिखें जो आपने पेश किए हैं। अगर आपने ट्रैक्ट, स्मारक और अधिवेशन के न्यौते दिए हैं तो उन्हें भी रिपोर्ट में शामिल कीजिए। इस तरह आप शायद यह देखकर हैरान रह जाएँ कि इन छोटे-छोटे मौकों पर गवाही देने और उनकी रिपोर्ट भरने से कैसे प्रचार में बिताया आपका समय तेज़ी से बढ़ता जा रहा है!
4. आपने क्या करने की ठान ली है?
4 हमारे हालात चाहे जैसे भी हों, आइए हम खुशखबरी सुनाने के हर मौके का पूरा फायदा उठाएँ। ऐसा करके हमें इस बात की खुशी होगी कि राज की खातिर हमसे जितना हो सकता है, हम वह सब कर रहे हैं।—मर. 14:8; लूका 21:2-4.