तजुरबेकार प्रचारकों से सीखना
हम मंडली में तजुरबेकार प्रचारकों की वाकई कदर करते हैं। कई भाई-बहन सालों से यहोवा की वफादारी से सेवा कर रहे हैं। तो कुछ ऐसे हैं, जिन्होंने हाल ही में अच्छी तरह प्रचार करने में हुनर हासिल किए हैं। इन प्रचारकों ने देखा है कि किस तरह यीशु मसीह ने प्रचार और चेला बनाने के काम को आगे बढ़ाकर इन आखिरी दिनों में मसीही मंडली का निर्देशन किया है। (मत्ती 28:19, 20) प्रचार में हिस्सा लेने से उन्हें अपनी ज़िंदगी में मुश्किलों और परीक्षाओं का सामना करते वक्त “वह ताकत” मिली है, “जो आम इंसानों की ताकत से कहीं बढ़कर है।” (2 कुरिं. 4:7) हम इन तजुरबेकार प्रचारकों से बहुत कुछ सीख सकते हैं। जब उन्हें मौका मिलता है, तो उन्हें दूसरों को वे बातें सिखाने में बहुत खुशी मिलती है, जो उन्होंने सीखी हैं। (भज. 71:18) इसलिए हमें उनसे सीखने के लिए मौकों की तलाश करते रहना चाहिए। हम यह कैसे कर सकते हैं?
प्रचार करते वक्त: प्रचार में असरदार होने के लिए ज़रूरी है कि नए या कम तजुरबेकार प्रचारक, अनुभवी प्रचारकों से सीखें। वे यह कैसे कर सकते हैं? अगर वे इस बात पर ध्यान देंगे कि अनुभवी प्रचारक कैसे प्रचार करते हैं, तो नए प्रचारक काफी कुछ सीख सकते हैं। (15 फरवरी, 2015 की प्रहरीदुर्ग में दिए लेख “प्रचार के लिए अपना जोश बरकरार रखिए” के उपशीर्षक “नए प्रचारकों की मदद कीजिए” के नीचे दिया तीसरा पैराग्राफ देखिए।) क्या आपने ऐसे प्रचारकों के साथ प्रचार करके फायदा पाया है?
क्या आप किसी तजुरबेकार प्रचारक को अपने साथ प्रचार में ले जाने का इंतज़ाम कर सकते हैं? अगर उनकी सेहत खराब रहती है, तो क्यों न आप समय-समय पर अपना एक बाइबल अध्ययन उनके घर पर करने का इंतज़ाम करें। बाइबल अध्ययन खत्म होने के बाद, उनसे पूछिए कि आप और कैसे असरदार तरीके से सिखा सकते हैं।
उनके साथ वक्त बिताइए: अनुभवी प्रचारकों के साथ वक्त बिताकर उन्हें अच्छी तरह जानिए। किसी अनुभवी भाई या बहन को अपने घर पारिवारिक उपासना के लिए बुलाइए और उनका इंटरव्यू लीजिए। अगर उनकी सेहत खराब है, तो क्या आप उनके घर पर पारिवारिक उपासना करने का इंतज़ाम कर सकते हैं? उनसे पूछिए कि वे सच्चाई में कैसे आए? उन्हें क्या-क्या आशीषें मिलीं? उन्होंने अपने इलाके में किस तरह बढ़ोतरी होते देखी है? यहोवा की सेवा करने से उन्हें क्या-क्या खुशियाँ मिली हैं?
ध्यान में रखिए कि तजुरबेकार प्रचारक एक हद तक ही आपकी मदद कर सकते हैं। ठीक जैसे हम सब प्रचार के कुछ पहलुओं में हुनरमंद होते हैं, तो कुछ में नहीं, उसी तरह लंबे अरसे से सेवा कर रहे इन प्रचारकों में भी अलग-अलग काबिलीयतें होती हैं। (रोमि. 12:6-8) कुछ प्रचारक ढलती उम्र की वजह से हमारे साथ ज़्यादा समय नहीं बिता सकते। फिर भी, वफादारी से परमेश्वर की सेवा करने में उनका जो अनुभव रहा है, उससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं।