10-16 दिसंबर
प्रेषितों 12-14
गीत 10 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“बरनबास और पौलुस ने दूर-दूर के इलाकों में चेले बनाए”: (10 मि.)
प्रेष 13:2, 3—यहोवा ने बरनबास और शाऊल को एक खास काम के लिए चुना (गवाही दो पेज 86 पै 4)
प्रेष 13:12, 48; 14:1—उनकी मेहनत के बहुत अच्छे नतीजे निकले (गवाही दो पेज 95 पै 5)
प्रेष 14:21, 22—बरनबास और पौलुस ने नए चेलों की हिम्मत बँधायी (प्र14 9/15 पेज 13 पै 4-5)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
प्रेष 12:21-23—हेरोदेस का जो हाल हुआ, उससे हमें क्या सबक मिलता है? (प्र08 5/15 पेज 32 पै 7)
प्रेष 13:9—शाऊल को “पौलुस” भी क्यों कहा जाता था? (“शाऊल ने, जिसका नाम पौलुस भी है” और “पौलुस” अ.बाइ. प्रेष 13:9 अध्ययन नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) प्रेष 12:1-17
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए।
दूसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।
भाषण: (6 मि. या उससे कम) गवाही दो पेज 78-79 पै 8-9—विषय: अपने मसीही भाई-बहनों के लिए प्रार्थना कीजिए।
जीएँ मसीहियों की तरह
“प्रचार में अपना हुनर बढ़ाइए—चेले बनने में ‘अच्छा मन’ रखनेवालों की मदद कीजिए”: (15 मि.) चर्चा। यहोवा परमेश्वर आपकी मदद करेगा नाम का वीडियो दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 22 पै 14-24 और “मनन के लिए सवाल”
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 18 और प्रार्थना