10-16 मार्च
नीतिवचन 4
गीत 36 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
दुश्मनों को शहर के पास आता देख पहरेदार और दरबान तुरंत कदम उठा रहे हैं
1. “अपने दिल की हिफाज़त कर”
(10 मि.)
“दिल” का मतलब है हमारे अंदर का इंसान (भज 51:6; प्र19.01 पेज 15 पै 4)
इसकी हिफाज़त करना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है (नीत 4:23क; प्र19.01 पेज 17 पै 10-11; पेज 18 पै 14; तसवीर देखें)
हमारी ज़िंदगी इस पर निर्भर करती है कि हमारा दिल कैसा है (नीत 4:23ख; प्र12 5/1 पेज 32 पै 2, अँग्रेज़ी)
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
नीत 4:18—इस आयत से कैसे पता चलता है कि एक मसीही किस तरह यहोवा के और करीब आता है? (प्र21.08 पेज 9 पै 4)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय है, उसमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) नीत 4:1-18 (जी-जान गुण 12)
4. बातचीत शुरू करना
(3 मि.) घर-घर का प्रचार। आप सामनेवाले को स्मारक का निमंत्रण-पत्र देते हैं और वह उस बारे में और जानना चाहता है। (प्यार पाठ 1 मुद्दा 5)
5. बातचीत शुरू करना
(4 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। अपने किसी जान-पहचानवाले को स्मारक के लिए बुलाइए। (प्यार पाठ 2 मुद्दा 3)
6. समझाना कि आप क्या मानते हैं
(5 मि.) प्रदर्शन। अकसर पूछे जानेवाले सवाल 19—विषय: क्यों यहोवा के साक्षी ईस्टर नहीं मनाते? (प्यार पाठ 3 मुद्दा 4)
गीत 16
7. संगठन को मिली कामयाबी
(10 मि.) मार्च का वीडियो दिखाइए।
8. शनिवार, 15 मार्च से स्मारक अभियान शुरू होगा
(5 मि.) सेवा निगरान का भाषण। बताइए कि इस अभियान के लिए और खास भाषण और स्मारक के लिए क्या इंतज़ाम किए गए हैं। सभी को बढ़ावा दीजिए कि वे मार्च-अप्रैल के दौरान प्रचार में और ज़्यादा हिस्सा लें।
9. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 23 पै 16-19, पेज 188 पर बक्स