हमारा भविष्य असल में किस बात पर निर्भर करता है?
कई लोग मानते हैं कि उनका जीवन कुछ अलौकिक या अदृश्य शक्तियों के काबू में है। इसलिए वे कुछ रीति-रिवाज़ मानते हैं ताकि उनका बुरा न हो।
ज़्यादातर लोगों की धारणाएँ
ज्योतिष-विद्या: कुछ लोगों का मानना है कि उनके जन्म के वक्त तारों की जो स्थिति थी, उससे तय होता है कि उनका भविष्य कैसा होगा। इसलिए वे अपना भविष्य जानने के लिए ज्योतिषियों के पास जाते हैं या अखबार वगैरह में अपना राशिफल देखते हैं। फिर उस हिसाब से वे कदम उठाते हैं ताकि उन्हें सफलता मिले या उनके साथ कुछ बुरा न हो।
वास्तु शास्त्र: कई लोगों का मानना है कि अगर वे वास्तु के नियमों के हिसाब से घर बनाएँगे, तो घर में सुख-शांति होगी और वे तरक्की करेंगे।a
पूर्वजों की पूजा: ऐसे भी कुछ लोग हैं जो अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं ताकि वे उनकी हिफाज़त करें और उन्हें आशीर्वाद दें। वियतनाम की रहनेवाली जीयाb कहती हैं, “मैं मानती थी कि यह सब करने से मेरी और मेरे बच्चों की ज़िंदगी अच्छी होगी।”
पुनर्जन्म: बहुत-से लोगों का मानना है कि एक इंसान की मौत के बाद उसका दोबारा जन्म होता है और यह चक्र चलता रहता है। वे कहते हैं कि हमारे जीवन के सुख-दुख पिछले जन्म के कर्मों का फल हैं।
मगर कुछ लोग मानते हैं कि यह सब अंधविश्वास है। इसके बावजूद वे अपना भविष्य जानने की कोशिश करते हैं। वे अपनी राशि देखकर, हाथ दिखवाकर, जन्म-कुंडलियाँ निकलवाकर या फिर तोते से पत्ते उठवाकर ऐसा करते हैं। वे सोचते हैं, शायद इन तरीकों से उन्हें पता चल जाए कि उनकी ज़िंदगी में आगे चलकर क्या होगा।
नतीजा
जो लोग ये बातें मानते हैं, क्या वे खुश हैं? क्या उन्हें सफलता मिली है?
वियतनाम के रहनेवाले हाउ नाम के आदमी को ही लीजिए। घर की सुख-शांति के लिए वे पूर्वजों की पूजा करने लगे। उन्होंने ज्योतिष-विद्या और फेंगशुई को भी आज़माया। वे बताते हैं कि यह सब करने के बाद भी “मेरा बिज़नेस नहीं चला, मैं कर्ज़ में डूब गया, मेरे घर में क्लेश होने लगा और मैं बहुत मायूस हो गया।”
चैंग भी पूर्वजों की पूजा करते थे। वे ताइवान से हैं। चैंग ज्योतिष-विद्या, पुनर्जन्म, फेंगशुई और नसीब जैसी बातों को भी मानते थे। मगर जब उन्होंने इस बारे में गहराई से सोचा, तो उन्होंने पाया कि “ये सारी शिक्षाएँ आपस में मेल नहीं खातीं। किसी में कुछ करने को कहा जाता है, तो किसी में कुछ। समझ में नहीं आता कि क्या करें। मैंने कई बार देखा है कि ज्योतिषियों की बात सही नहीं निकलती। और जहाँ तक पुनर्जन्म की बात है, हमें याद तो नहीं होता कि हमने पिछले जन्म में क्या गलतियाँ की थीं। तो हम खुद में सुधार कैसे कर सकते हैं ताकि अगले जन्म में अच्छी ज़िंदगी जीएँ?”
“ये सारी शिक्षाएँ आपस में मेल नहीं खातीं। किसी में कुछ करने को कहा जाता है, तो किसी में कुछ। समझ में नहीं आता कि क्या करें।”—चैंग, ताइवान
हाउ, चैंग और उनके जैसे बहुत-से लोगों को एहसास हुआ कि पूर्वजों की पूजा करने से, पुनर्जन्म की शिक्षा मानने से और तारों और नसीब से तय नहीं होता कि हमारा भविष्य कैसा होगा। तो क्या एक अच्छे भविष्य के लिए हम कुछ कर सकते हैं या यह हमारे बस के बाहर है?
कई लोगों को लगता है कि अगर वे डिग्री पर डिग्री लेते जाएँ और खूब पैसा कमाएँ, तो उनकी ज़िंदगी अच्छे से कटेगी। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? आइए ऐसे कुछ लोगों से सुनें जिन्हें पहले ऐसा लगता था।
a चीन में और एशिया के कई देशों में लोग कुछ ऐसा ही मानते हैं। उनकी इस मान्यता को फेंगशुई कहा जाता है।
b इस लेख में और इस पत्रिका के दूसरे लेखों में लोगों के जो नाम दिए गए हैं, वे उनके असली नाम नहीं हैं।
c यह बात पवित्र शास्त्र बाइबल में गलातियों 6:7 में लिखी है। इसी से मिलती-जुलती एक कहावत है, “बोया बीज बबूल का तो आम कहाँ से होए।” इस अंक में बाइबल की और भी बातें बतायी गयी हैं।