जॉर्जिया | 1924-1990
सभाओं से सबका विश्वास मज़बूत हुआ
नए लोगों को अपना विश्वास मज़बूत करने में मसीही सभाओं से बहुत मदद मिली। जिनका अभी-अभी बपतिस्मा हुआ था वे सभाओं के लिए अपना घर देने को उतने ही उत्सुक थे जितना कि वे भाई-बहन जो लंबे समय से सच्चाई में थे। सभाओं में आनेवाले हर किसी का प्यार से स्वागत किया जाता था और यह एक और वजह थी जिससे सबके बीच प्यार का बंधन मज़बूत हुआ।
जब बपतिस्मे के लिए कई विद्यार्थी काबिल बनते तो सावधानी बरतते हुए खास सभाओं का इंतज़ाम किया जाता था। अगस्त 1973 में भाइयों ने ऐसी एक सभा सोखूमी के बाहर, काले सागर के पास रखी। बपतिस्मे के लिए 35 लोग तैयार थे मगर उनका बपतिस्मा नहीं हो पाया! सभा खत्म होने से पहले ही पुलिस ने आकर सभा रोक दी और कुछ भाई-बहनों को गिरफ्तार कर लिया। उनमें व्लादिमीर ग्लादियुक भी था।
जब व्लादिमीर और दूसरे भाइयों को छोड़ दिया गया तो उन्होंने फौरन उन 35 लोगों से संपर्क किया। पहले बतायी गयी सभा के दो दिन बाद उन सभी को बपतिस्मा दिया गया। व्लादिमीर ने बताया, “हमने महसूस किया कि यहोवा हमारे साथ है। इसलिए बपतिस्मे के बाद हम सबने मिलकर प्रार्थना की और यहोवा का शुक्रिया अदा किया।”
विरोध की वजह से खुशखबरी फैल गयी
दो दिन बाद व्लादिमीर ग्लादियुक को फिर से गिरफ्तार किया गया। बाद में उसे, ईता सुदारेंको और नातेला चारगेइश्वीली को कई सालों के लिए जेल की सज़ा हो गयी। हालाँकि प्रचारक बहुत दुखी हो गए, फिर भी उन्होंने ठान लिया कि वे प्रचार करते रहेंगे, मगर और भी एहतियात के साथ।
प्रचारक अधिकारियों की नज़र में नहीं आना चाहते थे, इसलिए वे अपने इलाके के बजाय दूसरे कसबों और गाँवों में जाकर प्रचार करने लगे। इस तरह विरोध की वजह से खुशखबरी और भी ज़्यादा इलाकों में फैल गयी।
कम्यूनिस्ट राज के दौरान, बड़े-बड़े शहरों में रहनेवाले प्रचारक ऐसी सड़कों और पार्कों में गवाही देते थे जहाँ कम लोग होते थे। अकसर उन्हें दूसरे गाँवों और कसबों के लोग मिलते थे जो रिश्तेदारों से मिलने या खरीदारी करने वहाँ आते थे। अगर कोई दिलचस्पी दिखाता तो प्रचारक उसका पता पूछते और उससे दोबारा मिलने का इंतज़ाम करते थे।
बाबुत्सा जेजेलावा उन प्रचारकों में से एक थी जिन्होंने पश्चिमी जॉर्जिया के बहुत सारे इलाकों तक सफर करके प्रचार किया था। वह कहती है, “मेरे रिश्तेदार अलग-अलग जगहों में रहते थे, इसलिए किसी को मुझ पर शक नहीं हुआ कि मैं क्यों बार-बार सफर करती हूँ। इस तरह दो साल प्रचार करने के बाद मेरे पास 25 बाइबल अध्ययन हो गए, ज़ुगदीदी में करीब 20 और छोरोतस्कु में 5. उन सबने बपतिस्मा लिया।”
जॉर्जियाई भाषा में प्रकाशनों की ज़रूरत
जल्द ही देखा गया कि जॉर्जियाई भाषा में प्रकाशनों की बहुत ज़रूरत है। वापसी भेंट करते वक्त और बाइबल अध्ययन चलाते वक्त प्रचारकों ने पाया कि जॉर्जियाई भाषा में बाइबलों और प्रकाशनों का होना ज़रूरी है, क्योंकि लोग वही भाषा अच्छी तरह समझते थे।a
बाबुत्सा बताती है कि जब जॉर्जियाई भाषा में कोई भी प्रकाशन नहीं था तब बाइबल अध्ययन चलाना कितना मुश्किल होता था। वह कहती है, “मेरे पास सिर्फ रूसी भाषा में बाइबल और किताबें-पत्रिकाएँ थीं, इसलिए मुझे अकसर अपने विद्यार्थियों के लिए अध्ययन की जानकारी का अनुवाद करना पड़ता था।” बाबुत्सा के पास सिर्फ एक शब्दकोश था, इसलिए उसी का इस्तेमाल करके उसने जॉर्जियाई भाषा में हमारी पत्रिकाओं का अनुवाद किया। उसने किसी तरह मत्ती की पूरी किताब का भी अनुवाद कर दिया!
साक्षी हिम्मत से अपने घर पर छोटी-छोटी मशीनों से प्रकाशनों की कॉपियाँ तैयार करते थे
जब दिलचस्पी रखनेवालों को जॉर्जियाई भाषा में लेख अनुवाद करके दिए जाने लगे तो उन्हें अपनी मातृ-भाषा में वे लेख पढ़ना इतना अच्छा लगा कि वे भी खुद हाथ से लिखकर अपने लिए उनकी कॉपियाँ बनाने लगे। जॉर्जियाई भाषा में बाइबल मिलना मुश्किल था, इसलिए कुछ बाइबल विद्यार्थी बाइबल की कॉपियाँ बनाने लगे और इस तरह वे पुराने ज़माने के “नकल-नवीसों” जैसे बन गए।
“मैं सारा दिन बाइबल की कॉपी बनाने में लगा रहता था”
जॉर्जियाई भाषा में अनुवाद किए गए प्रकाशन भाइयों और दिलचस्पी रखनेवालों को दिए जाते थे ताकि वे बारी-बारी से उन्हें पढ़ सकें। हरेक जन को एक प्रकाशन पढ़ने के लिए कुछ दिन या हफ्ते ही दिए जाते थे। इसलिए जब भाइयों को कहीं से नए ज़माने की जॉर्जियाई भाषा में यूनानी शास्त्र की एक कॉपी मिली तो एक परिवार ने मौके का फायदा उठाकर उसकी कॉपी तैयार कर ली।
उस परिवार के मुखिया ने अपने बेटे राउल कार्चावा से, जो सिर्फ 13 साल का था, कहा कि वह उस यूनानी शास्त्र की एक कॉपी बनाए। राउल कहता है, “पिताजी नोटबुक से भरा एक बक्सा और तरह-तरह के पेन और पेंसिल ले आए। उन्हें लगा कि यह सब देखकर मेरे अंदर जोश भर आएगा। मुझे यह काम बहुत भारी लगा, फिर भी मैंने कहा कि मैं करूँगा। मैं सारा दिन बाइबल की कॉपी बनाने में लगा रहता था, सिर्फ हाथ सीधा करने के लिए थोड़ा रुकता था।”
जॉर्जियाई भाषा में प्रहरीदुर्ग और रोज़ाना बाइबल वचनों पर ध्यान दीजिए की कॉपियाँ, जो हाथ से लिखी गयी थीं
राउल के रिश्तेदार यह सुनकर बहुत खुश हुए कि भाई, यूनानी शास्त्र को कुछ और हफ्तों के लिए उनके पास छोड़ने को राज़ी हो गए हैं। हालाँकि सब लोग उस बाइबल को पढ़ने के लिए बेसब्र थे, फिर भी भाइयों ने राउल के परिवार को ज़्यादा वक्त दिया ताकि वह यह काम पूरा कर सके जो काफी मेहनत का काम था। दो महीने के अंदर राउल ने मसीही यूनानी शास्त्र की सभी 27 किताबों की नकल तैयार कर दी!
बाइबल विद्यार्थियों की गिनती इतनी तेज़ी से बढ़ रही थी कि राउल जैसे लोगों की मेहनत के बावजूद सबकी ज़रूरतें पूरी नहीं की जा सकीं। इस बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए कुछ भाई-बहनों ने हिम्मत से काम लिया और अपने घर पर ही बाइबल के प्रकाशन तैयार करने और बाँटने का जोखिम उठाया।
पश्चिमी जॉर्जिया में प्रचार काम तेज़ी पकड़ने लगा। मगर पूर्वी जॉर्जिया में क्या हो रहा था? क्या देश की राजधानी तिब्लिसी में कोई था जो सच्चाई ढूँढ़नेवाले वासो क्वेनीयाश्वीली (जिसका ज़िक्र पहले किया गया है) जैसे लोगों की मदद कर सके?
सच्चाई राजधानी पहुँची
सन् 1971 से 1979 के दौरान, सोवियत के अधिकारियों ने साक्षियों का हौसला तोड़ने के लिए एक-एक करके कई जगहों में उन्हें घर से निकाल दिया। ओलेक्सी और लीदीया कुरदास नाम के शादीशुदा जोड़े के साथ ऐसा ही हुआ। वे यूक्रेन से तिब्लिसी आकर बस गए थे। उन्हें उनके विश्वास की वजह से कई साल सोवियत के शिविरों में कैद किया गया।
सन् 1970 के बाद के सालों में लारीसा कीसाएव (बाद में उसका नाम लारीसा गुदाद्ज़े हो गया)
ओलेक्सी और लीदीया ने ज़ाउर और इतेरी कीसाएव नाम के जोड़े को सच्चाई बतायी थी जो बहुत धार्मिक थे। उनकी बेटी लारीसा उस वक्त 15 साल की थी। वह बताती है कि जब पहली बार उनका परिवार ओलेक्सी और लीदीया से मिला तो क्या हुआ, “हमने यह साबित करने की कोशिश की कि सिर्फ ऑर्थोडॉक्स चर्च ही सच्चा धर्म है। जब उनके साथ हमारी लंबी चर्चा हुई तो हमारी सारी दलीलें खत्म हो गयीं, मगर वे शास्त्र से तर्क करते रहे।”
लारीसा कहती है, “हम जब भी चर्च जाते थे तो मैं दस आज्ञाएँ पढ़ती थी जो दो तसवीरों के बीच दीवार पर लिखी हुई थीं। मगर उस शाम जब ओलेक्सी ने हमें निर्गमन 20:4, 5 पढ़कर सुनाया तो मैं दंग रह गयी। मैं उस रात सो नहीं पायी क्योंकि रह-रहकर मेरे दिमाग में यह सवाल घूमता रहा, ‘क्या हम तसवीरों की पूजा करके वाकई परमेश्वर की आज्ञा तोड़ रहे हैं?’”
अपने सवाल का जवाब पाने के लिए लारीसा सुबह होते ही भागकर पासवाले चर्च में गयी और उसने दोबारा यह आज्ञा पढ़ी, “तुम अपने लिए कोई मूरत न तराशना। . . . तुम उनके आगे दंडवत न करना।” ज़िंदगी में पहली बार उसने परमेश्वर की इस आज्ञा का मतलब समझा। कुछ समय बाद लारीसा और उसके माता-पिता ने बपतिस्मा लिया। वे तिब्लिसी के पहले साक्षियों में से थे।
इंसाफ की तलाश खत्म हुई
सच्चाई के बारे में पहली बार जानने के करीब 20 साल बाद वासो क्वेनीयाश्वीली को एक ऐसा व्यक्ति मिला जो तिब्लिसी में यहोवा के साक्षियों की सभाओं में जाता था। वासो साक्षियों से दोबारा मिलकर बहुत खुश था। वह कितने लंबे समय से इंतज़ार कर रहा था!
सच्चाई के बारे में पहली बार जानने के करीब 24 साल बाद वासो क्वेनीयाश्वीली एक साक्षी बना
मगर वहाँ के साक्षी शुरू में वासो को अपने साथ उपासना में शामिल करने से झिझक रहे थे, क्योंकि वह पहले एक अपराधी के नाते बदनाम था। कुछ लोगों को डर था कि कहीं वह सोवियत के अधिकारियों की तरफ से साक्षियों की जासूसी तो नहीं कर रहा है। इसलिए चार साल तक वासो को मसीही सभाओं में नहीं आने दिया गया।
जब यह पक्का हो गया कि वासो का इरादा नेक है तो उसे वहाँ की मंडली का हिस्सा बनने दिया गया और उसने बपतिस्मा लिया। आखिरकार, वासो ‘न्याय के परमेश्वर’ यहोवा के करीब आ सका जिसे वह अपनी जवानी से तलाश रहा था! (यशा. 30:18) वह 2014 में अपनी मौत तक उसी जज़्बे के साथ सेवा करता रहा।
सन् 1990 तक पश्चिमी और पूर्वी जॉर्जिया में प्रचार काम अच्छी तरह होने लगा। करीब 900 प्रचारक 942 बाइबल अध्ययन चला रहे थे। इससे आगे चलकर शानदार बढ़ोतरी के लिए रास्ता खुल गया।
a ईसवी सन् पाँचवीं सदी तक बाइबल के कुछ हिस्सों का जॉर्जियाई भाषा में अनुवाद हो चुका था, फिर भी कम्यूनिस्ट राज के दौरान बाइबल की कॉपियाँ बहुत कम उपलब्ध थीं।—यह बक्स देखें, “जॉर्जियाई भाषा में बाइबल।”