जॉर्जिया
मैं अपनी ज़िंदगी बदलना चाहता था
दावीत सामकाराद्ज़े
जन्म 1967
बपतिस्मा 1989
परिचय वह एक सफरी निगरान था। सन् 2013 से वह बाइबल स्कूलों में सिखाता है।
सन् 1985 में जब मैं 18 साल का था तब मुझे सोवियत के अधिकारियों ने सेना में भरती कर दिया। सेना में होनेवाली नाइंसाफी और ज़ुल्म की वजह से मैं इतना दुखी था कि मैं खुद से कहता था, ‘मुझे उनकी तरह नहीं बनना।’ मगर मुझे लगा कि मैं जैसा बरताव करना चाहता हूँ वैसा करना हमेशा मुमकिन नहीं है। मैं अपनी ज़िंदगी बदलना चाहता था।
फौजी सेवा पूरी करने के बाद मैं घर लौटा। एक रात, पार्टी के बाद मैंने परमेश्वर से प्रार्थना की कि वह मुझे अपने अंदर बदलाव करने में मदद दे। अगले दिन जब मैं काम पर जा रहा था तो रास्ते में अपनी बुआ के यहाँ गया। वह यहोवा की एक साक्षी थी। जब मैं उसके घर के अंदर गया तो मैंने देखा कि साक्षियों का एक छोटा-सा समूह एक सभा के लिए इकट्ठा है। उन्होंने प्यार से मेरा स्वागत किया, इसलिए मैंने रुककर उनकी सभा में बैठने का फैसला किया।
मैं साक्षियों से बाइबल सीखने के लिए राज़ी हो गया और छ: महीने बाद मैंने बपतिस्मा लिया। यहोवा ने मुझे एक अच्छा इंसान बनने में मदद दी। यह ऐसा बदलाव था जो मैं अपने आप कभी नहीं कर पाता।