वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • gbr-1 पेज 6-10
  • माता-पिता क्या कर सकते हैं?

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • माता-पिता क्या कर सकते हैं?
  • सजग होइए! ब्रोशर (1984) (gbr-1)
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • खतरे वास्तविक हैं
  • घर का माहौल और शिक्षण
  • जब बच्चा लापता हो गया है
  • माता-पिता के लिए एक कठिन परीक्षा
  • अपने बच्चे को बालकपन से प्रशिक्षित कीजिए
    पारिवारिक सुख का रहस्य
  • माता-पिताओ, अपने बच्चों का विश्‍वास मज़बूत कीजिए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2024
  • क्यों बच्चे लापता होते हैं
    सजग होइए! ब्रोशर (1984) (gbr-1)
  • माता-पिताओ, अपनी अनमोल विरासत की रक्षा कीजिए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2005
और देखिए
सजग होइए! ब्रोशर (1984) (gbr-1)
gbr-1 पेज 6-10

माता-पिता क्या कर सकते हैं?

फ्लॉरिडा के एक अवकाश-प्राप्त व्यक्‍ति ने कहा, “मैंने अभी ही अपहृत बच्चों पर आधारित टेलीविजन वृत-चित्र देखा और मैं सोचने लगा कि क्या बच्चे वास्तव में जानते हैं कि उन्हें क्या करना है अगर कोई अनजान व्यक्‍ति उन्हें लुभाने की कोशिश करता है। इसलिए मैंने कुछेक आठ-वर्षीय बच्चों को, जिन्हें मैं जानता हूँ, यह प्रश्‍न पूछा: यदि तुम्हारे साथ कोई अनजान व्यक्‍ति बहुत अच्छा व्यवहार करता है तो तुम क्या करते, तुम्हें कुछ मिठाई देता है और कुछ समय बाद तुम्हें अपने साथ ले जाने के लिए आग्रह करता है—यह कहते हुए कि वह तुम्हें कुछ दिखाना चाहता है?” वे आगे कहते हैं: “क्या आप जानते हैं कि उन्होंने क्या उत्तर दिया? प्रत्येक जन ने उत्तर दिया: ‘मैं नहीं जानता।’”

उसने कहा “परन्तु वे ‘देहाती बच्चे’ थे, और मुझे सप्ताह के अन्त में नज़दीक के शहर में जाना था और मैं बहुत से परिवारों से मिलनेवाला था, इसलिए मैंने निर्णय किया कि जो बच्चें ‘गलियों के अकलमन्द’ थे, उनसे पूछा जाए।” उनके उत्तर ने उन्हें आश्‍चर्यचकित कर दिया। छः वर्षीय बच्चे और उससे कम उम्र के बच्चों ने उसके इस प्रश्‍न “क्या तुम लोग उसके साथ जाओगे?” का दृढ़ता के साथ उत्तर दिया, “हाँ, सर!” वे जो सात वर्ष के या उससे बड़े थे, सामान्यतः नहीं कहते। परन्तु उसका कहना है: “क्यों “नहीं” या उन्हें क्या करना चाहिए इसके विषय में वे वास्तव में स्पष्ट रूप से नहीं जानते थे।”

सिर्फ बच्चे ही इस बात से अनजान नहीं हैं। बहुत से माता-पिता यह भी नहीं जानते कि क्या किया जाए—अपने बच्चे को सुरक्षित रखा जाए या लापता हाने के बाद उसका पता लगाना।

कभी कभी खोनेवाले बच्चे के अलावा, बच्चे दो मूल कारणों से लापता होते हैं: एक तो वे स्वेच्छापूर्वक भागते हैं, जैसे कि भागनेवालों की बात है या वे किसी के द्वारा अपहरण किए जाते हैं। क्योंकि बच्चों को प्रौढ़ निर्णय और अनुभव की कमी रहती है, यह माता-पिता पर है कि वे अपने अपने बच्चों की सुरक्षा के विषय में आवश्‍यक सावधानी लें।

खतरे वास्तविक हैं

माता-पिता को यह समझना है कि खतरे वास्तविक हैं। बाहर कुछ ऐसे लोग हैं जो आप के बच्चों को चाहते हैं, परन्तु उन लोगों के मन में बच्चें की भलाई नहीं है। ॲलिस बर्न, एक न्यू यॉर्क स्थित प्राइवेट गुप्तचर जिन्होंने लापता बच्चों को केनिया तक खोज निकाला है कहती है कि “उनकी प्रेरणा प्रायः लैंगिक तृप्ति है, और विरले ही बच्चों से प्यार करना और पालन करना है।”

लॉस एनजेंलेस के पुलिस विभाग के लैंगिक रूप से शोषित बच्चे की इकाई के सरजेन्ट लोयेड मारटिन सहमति देते हैं। “मैं ऐसे व्यक्‍ति को नहीं जानता जो भागे हुए बच्चों को सड़कों से बिना कुछ परिणाम मिले ले जाता है।” वह कहता है “और यह बहुधा सेक्स है।” वे जो चाहते हैं उसे वे बहुधा बच्चों से ही प्राप्त करते हैं, बिना किसी विरोध के, क्योंकि वे बच्चों को वह चीज़ देते हैं जिसे वे महसूस करते हैं कि उन्हें उसकी कमी है—प्रेम, ध्यान, स्नेह, पैसा और भौतिक वस्तुएँ। या वे बच्चे को यह विश्‍वास दिलाते हैं कि उनके माता-पिता उन्हें नहीं चाहते या फिर बच्चों के साथ इस तरह दुर्व्यवहार करते कि बच्चे महसूस करने लगते हैं कि उनका जीवन व्यर्थ है और बाध्य होकर नया जीवन को स्वीकार कर लेते हैं।

जबकि समाचारपत्र भी इन “बीमार” और दूषित अनजान व्यक्‍तियों के विषय में, जो छोटे बच्चों का शिकार करते हैं, बहुधा ध्यान केंद्रित करते हैं, माता-पिता को भी ऐसे व्यक्‍तियों से सावधानी बरतनी की आवश्‍यकता है जिन्हें बच्चे पहले से ही जानते हैं। सर्च पत्रिका के चार्ल्स सदरलैंड कहते है, “हम जानते हैं कि अनजान व्यक्‍तियों से बच्चों को खतरा नहीं है। यह उन्हीं लोगों द्वारा होता है जिन्हें बच्चे जानते हैं और जिन पर वे पूर्ण रूप से भरोसा रखते हैं।” बच्चे पर खतरा रिश्‍तेदार, मित्र, पड़ोसी—या शिक्षक या दूसरे ऐसे व्यक्‍तियों की ओर से आ सकता है, जो अधिकार के स्थान में हैं। ॲनेट जिसका पुत्र ताज १९८१ से लापता है, सलाह देती है: “आपके बच्चे के मित्रों को जानिए। बच्चों का छेड़छाड़ करनेवाला या अपहर्ता बहुधा वही है जिसे आप जानते हैं, जो आप के बच्चे के साथ सामाजिक रूप से स्वीकृत स्थिति में है।”

आप अपने बच्चे को अनजान लोगों से सावधान रहने के लिए जो भी चितावनी देते हैं वह एक और कारण से काफी नहीं हो सकता है: अनजान व्यक्‍ति के प्रति आप के विचार और आप के बच्चे के विचार में भिन्‍नता हो सकती है। हो सकता है कि आपके बच्चों को ऐसे मित्र होंगे जिन्हें आप नहीं जानते या अजनबी समझते हैं। “एक व्यक्‍ति जो आप के बच्चे को स्कूल जाते समय हलो कहता है, या जो उसे कुछ मिठाई खाने के लिए देता है, शीघ्र ही उसका मित्र और दोस्त बन सकता है,” गुप्तचर ॲलिस बर्न कहती है। “विशेषकर बड़े शहरों में हम यह संभावित खतरा पाते हैं।” वह सलाह देती है: “अपने बच्चों के मित्रों में दिलचस्पी दिखाइये—विशेषकर तब जब वह मित्र एक वयस्क हो।”

घर का माहौल और शिक्षण

निश्‍चय ही, घरेलू जीवन का वातावरण बच्चों को सुरक्षित रखने में बहुत बड़ा योगदान देता है। फॅमेली रिलेशन्स नामक प्रकाशन का एक अध्याय के अनुसार, “बच्चों में भागने की प्रवृत्ति का विशेष कारण माता-पिता और बच्चों के बीच कमज़ोर सम्बन्ध होता है।” एक प्रेमपूर्ण तथा आनन्दपूर्ण घरेलू वातावरण जहाँ कि पारिवारिक सदस्यों के बीच अच्छा संपर्क है, और जहाँ बच्चे को सुरक्षा महसुस होता है, संभवतः बच्चे को भागने—अथवा अलग रहने—से रोकेगा, जब भावुक परिस्थितियाँ घटित होती है। चिन्तित माता-पिता अपने बच्चों के लिए क्या भलाई है उसे निर्णय लेने के पहले विचार करेंगे।

जब कि बच्चों को अपहरण या हानि पहुँचाने वाले लोगों के विषय में आदेश देना आवश्‍यक है, किस तरीके से निर्देशन दिए जाते हैं यह भी महत्त्वपूर्ण हैं। माता-पिता निश्‍चय ही नहीं चाहते कि उनके बच्चे डरपोक, संदेही, और भावूक रूप में अस्थिर व्यक्‍ति बन जाए—जिसे भी देखे या मिले उन सभी से भयभीत हो जाए। दूसरी ओर माता-पिता, बच्चों को डर से विचलित होने अथवा कोई घटना होने की असम्भावना के कारण समय पर आवश्‍यक आदेश देने से वंचित न रहें।

छोटे तथा बड़े शहरों में बच्चों के अपहरण की घटनाएँ घटित होती है। कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि कहाँ और कब होगा। बुद्धिमान माता-पिता आवश्‍यक सावधानियाँ लेंगे और बच्चे का अपहरण होने से रोकने के लिए आवश्‍यक आदेश देते रहेंगे। पुलिस सर्जंन्ट रिर्चड रफिनो, जो कि लापता लोगों के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं, कहते हैं “कोई नहीं कहता कि आप के बच्चे का अपहरण होगा। आप जो करते हैं उन बातों को और अपने बच्चे को दिया हुआ ज्ञान को निवारक क्रिया योजना के जैसे देखें। यह एक बीमा नीति की तरह है। क्या आप बीमा इसलिए लेते हैं क्योंकि आप का दुर्घटना होने जा रही है या आप इसलिए बीमा लेते कि आप की दुर्घटना हो सकती है?”

अधिकारियों द्वारा जिन सावधानियों को बरतने के लिए कहा जाता है उन्हें माता-पिताओं ने करना चाहिए: जब आप खुले आम हैं, तो हमेशा छोटे बच्चों को दृष्टि में रखें। बहुत छोटे बच्चों को अकेले न छोड़े। ख्याल रखिए कि आपने किसके जिम्मेवारी में रखा है। आप को जिस चीज़ की आवश्‍यकता है उसे खरीदने के लिए रात में अकेले छोटे बच्चों को न भेजें। जब आप खरीदारी कर रहे हैं उस समय छोटे बच्चों को बाज़ार या दुकानों के खेल क्षेत्र में न छोडें—या गाड़ी में भी अकेले न छोड़े विशेषकर जब गाड़ी चलाने की चाबी उसी में हो या इंजिन को चलते हुए ही छोड़ा गया हो—और आप दुसरा काम कर रहे हैं।

कुछेक अधिकारी कहते हैं कि पारिवारिक संकेत शब्द का प्रयोग करें—एक विशेष, चुने हुए शब्द जिसे कि सिर्फ परिवार के सदस्य जानते हैं। जो लोग बच्चों के अपहरण करने का विचार रखते हैं वे प्रायः बच्चों को कहते कि माता-पिता ने उन्हें लेने के लिए भेजा है, या बच्चे के पास इसलिए आए हैं क्योंकि उस की माँ बीमार है। तब बच्चा पारिवारिक संकेत शब्द के लिए पूछ सकता है, यदि नहीं दिया जाता, तो जाने से इन्कार करे। किसी भी हालत में, बच्चों ने जानना चाहिए कि उसने वयस्कों के प्रति आदर और नम्रता बरतना चाहिए, परन्तु उसे “नहीं, आपका धन्यवाद” करने का पूर्ण अधिकार है और कुछ ऐसा कार्य न करें जिस से उसे भय या तकलीफ हों या उसके माता-पिता के आदेश के विपरित हो।

बच्चे की सुरक्षा का अधिकांश सफलता अच्छे वार्तालाप पर निर्भर करता है। एक स्नेही और संवादशील माता-पिता उन ‘संकटों’ के प्रति जागृत रहेंगे जो बच्चे कठिनाइयों के समय पर देते हैं: मनोदशा और प्रवृत्ति में एकाएक परिवर्तन, अलग-अलग रहने की प्रवृत्ति, वार्तालाप कम करना या बातों को गुप्त रखना, नींद में गड़बड़ी और भूख की कमी। याद रखें, वार्तालाप दो तरफा मार्ग है। माता-पिता, बच्चे जो कहते हैं उसे सुने और सावधानीपूर्वक तौलें। ऍनेट कहती है “ताज ने एक बार कहा था कि वह भाग जाएगा, परन्तु मैंने गंभीरता से नहीं ली। मैंने उसे ऐसा कहते हुए पहले कभी भी नहीं सुना था, और मैंने सोचा कि वह ऐसे ही कह रहा है।”

जब बच्चा लापता हो गया है

जब बच्चा लापता हो जाए, तो माता-पिता क्या कर सकते हैं? सर्वप्रथम, भयभीत न होने की कोशिश करें। संक्षिप्त संतुलित खोज कीजिए यह सिद्ध करने के लिए कि वास्तव में बच्चा लापता हो गया है। घर में, उसके स्कूल में, उसके नज़दीक के मित्रों के पास और पड़ोस में जाँच कर लें। तब तुरन्त अपने स्थानीय कानुन-प्रवर्तन एजेंसी को बतलाएँ, आप जितना सूचना दे सकते हैं उन सब बातों को उन्हें बताएँ। कुछेक स्थानों में पुलिस विभाग में लापता लोगों या भागनेवालों के लिए एक विशेष विभाग रहता है, उन्हें सूचित करना चाहिए।

इन बातों को आप के बच्चे के मित्र और रिश्‍तेदारों तक फैलाना भी लाभदायक साबित हो सकता है। आपका बच्चा उनके साथ सम्बन्घ रख सकता है, या वे पहले से कुछ जानते हों जो सहायक हो सकती हैं। लापता बच्चे को पाने में सफलता प्रायः प्रचार पर निर्भर करता है—कितने लोग इसके विषय में जानते हैं और उस बच्चे के लिए नज़र रखते हैं। कुछेक देशों में लापता लोगों का पता लगाने के लिए ख़ास एजेन्सी के पास विशेष टेलिफोन होते हैं। उनकी सहायता भी आप ले सकते हैं, और रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ शुल्क लेकर वे अपने लापता व्यक्‍तियों के परिपत्र में शामिल करेंगे जो फ़ायदेमन्द हो सकता है। अमेरिका में ऐसी घटना को अब FBI द्वारा संचालित NCIC (नेशनल क्राइम इन्फोर्मेशन सेन्टर) कम्प्यूटर में भी शामिल कर सकते हैं।

यथार्थ और ठीक ठीक सूचना लापता बच्चे को खोजने के लिए अति सहायताजनक होगा और कोई उसकी तरह दिखनेवाला हो तो गलतफ़हमी नहीं होगी। फोटो की कमी से खोजने में बाधा होती है, अपर्याप्त आँकड़ों के कारण शरीर की सकारात्मक पहचान नहीं हो सकती है। अधिकारियों द्वारा कुछ साधारण सुझाव संलग्न पेटी में छपी है जो खोज में सहायक होंगे और पहचान को सरल बनाएँगे।

लौटे या पाए गए बच्चे के साथ माता-पिता कैसा व्यवहार करते हैं यह भी महत्त्वपूर्ण है। बच्चे को बुरी तरह डाँटना और दण्ड देना एक साधारण प्रतिक्रिया है। निःसन्देह ही कुछ आदेश और अनुशासन की आवश्‍यकता है, माता-पिता को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि यह कैसे दिया जाता है। जैसे कि इटेलियन प्रकाशन ओगी रिपोर्ट करता है, “बच्चे घर से भाग जाते हैं . . . क्योंकि परिवार में कोई नहीं जानता कि कैसे सुने और समझे।” जब तनाव और गलतफ़हमियाँ कायम रहती हैं या बढ़ जाती हैं, अध्ययन बताते हैं कि इस प्रकार के नकारात्मक घरेलू परिस्थितियाँ बच्चे को फिर से भागने का सम्भावनाओं को बढ़ा सकती है। ऐसी परिस्थिति में व्यवसाय सहायता की आवश्‍यकता हो सकती है।

माता-पिता के लिए एक कठिन परीक्षा

कोई भी ख्याल करनेवाले माता-पिता के लिए लापता बच्चे का दुःखद घटना एक कठिन परीक्षा है। मन और हृदय में चिन्ता के अलावा, प्रायः माता-पिता को दूसरों का विचारहीन और दयाहीन टीका टिप्पणी को सहना पड़ता है जैसे कि “अब तक वह मर गया होगा” या “आप के दूसरे बच्चे हैं। अपने आप को निराशा से बचाइये।” बहुत बार धमकीपूर्ण और सनकी टेलिफोन कॉल माता-पिता को परेशान कर देते है और व्यर्थ खोज पर लग जाते है। प्रायः माता-पिता अपने ही बच्चों को अपहरण करते हैं, इस कारण आप पर ही शंका किया जा सकता है और बार बार पूछताछ किया जा सकता है।

शायद नहीं जानना सबसे बुरा है। “जिन परिवारों के बच्चे बहुत समय से खोए हैं, एक अव्याख्येय लोप से बूरे समाचार की अन्तिमता को निश्‍चय ही पसन्द करते हैं,” दि वॉशिंगटन पोस्ट बताती है, “यदि यही एक विकल्प है।” ऍनेट कहती है: “लापता व्यक्‍ति इतना डरावना है क्योंकि आप उसे क्या हुआ उसके विषय कुछ भी नहीं जानते।”

तथापि, ऐसे सहानुभूतियुक्‍त लोग बहुत है जो कि चिन्ता और सहायता करेंगे और आप को सहयोग देंगे। दृढ़ आन्तरीय शक्‍ति की भी आवश्‍यकता है और जो परमेश्‍वर पर भरोसा रखते हैं उन्हें परमेश्‍वर यह शक्‍ति देने की प्रतिज्ञा करते है। (भजन संहिता ९:९, १०) ऍनेट, जो एक यहोवा की गवाह है, के लिए ये साधन है—परमेश्‍वर पर उसका विश्‍वास और मंडली का प्रेमयुक्‍त सहयोग—जो कि उसे दुःख भरे अनुभव को सहने के लिए सहायता करता है। वह कहती है, “इस घटना ने मुझे यहोवा पर अत्याधिक भरोसा करना सिखाया है। और यहोवा ने इसे सहने के लिए मुझे शक्‍ति दी है।” गुप्तचर ॲलिस बर्न कहती है: “यह ऍनेट का दृढ़ विश्‍वास ही है जो उसे चला रहा है।” दोनों आशा करते हैं कि ताज जल्दी ही “लापता बच्चा” नहीं रहेगा।

[पेज 7 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

बाहर कुछ ऐसे लोग है जो आप के बच्चे को चाहते हैं, परन्तु उन लोगों के मन में बच्चे की भलाई नहीं है।

[पेज 8 पर बक्स]

आपके छोटे बच्चों को आदेश दीजिए:

• प्रत्येक दिन स्कूल से आते और जाते समय एक ही मार्ग से चलें।

• “दोस्त” योजना को प्रयोग करें—खेलते समय, दुकान जाते समय या सिनेमा जाते समय हमेशा मित्रों के साथ जाएँ—अकेले नहीं जाएँ।

• अनजान व्यक्‍तियों को उन्हें छूने न दें; अनजान व्यक्‍तियों से पैसा या मिठाई स्वीकार न करें।

• जिन्हें वे नहीं जानते उनके साथ चलना या सवारी स्वीकार न करें।

• यदि एक अनजान व्यक्‍ति जबरदस्ती ले जाने की कोशिश करता है तो सहायता के लिए चिल्लाएँ।

• असाधारण या डरावना घटनाओं को माता-पिता या शिक्षकों को बताएँ।

• यदि उन्हें आवश्‍यकता हुई तो कैसे टेलिफोन का प्रयोग करें (क्या वे अपना नम्बर, अपना पूरा नाम और कहाँ वे रहते हैं, जानते हैं?)

[पेज 9 पर बक्स]

तैयार रहें

आपके बच्चे का अपहरण असंभावनीय हो सकता है, फिर भी अधिकारी इन सावधानीपूर्वक युक्‍तियाँ पेश करते हैं:

• प्रत्येक वर्ष अपने बच्चों का साफ, स्पष्ट और पूर्ण-मुख फोटो लें।

• प्रत्येक बच्चे के फोटो के पीछे वर्तमान निम्नलिखित जानकारी लीखिए:

उम्र

उँचाई और वजन

बाल और आँखों का रंग

कपड़ा और जूतों का माप

शरीर में कोई विशिष्ट चिन्ह

किस तारीख को फोटो लिया गया

• प्रत्येक बच्चे का मेडिकल और दाँत का एक्स-किरण-फोटो और अन्य रिकार्ड कहाँ हो सकता है उसकी जानकारी रखिए। इसे नष्ट करने से पहले या दूर स्थान जाने से पहले प्राप्त करें।

• बच्चा जो दवाइयाँ लेता है उसका ठीक ठीक रिकार्ड रखें और यदि नहीं लिया गया तो क्या प्रभाव होगा।

• गुप्त पहचान या नियम विरुद्ध कार्य की घटना में सकारात्मक पहचान के लिए अपने बच्चे का अंगुलि छाप लें। एक ही समय पर परिवार के प्रत्येक सदस्य का अंगुलि छाप लेने से बच्चे के भय को शान्त किया जा सकता है और इस प्रकार की पहचान उपयोगी है। कुछ अभ्यास करने पर, साधारण काला स्टैंम्प पॅड को प्रयोग करते हुए माता-पिता स्वयं कर सकते हैं।

[पेज 10 पर बक्स]

प्रतिवर्ष १,५०,००० बच्चे अपहरण किए जाते हैं

अमेरिका के सेनेट न्यायिक समिति की तरुणों के न्याय संबंधी उपसमिती के अध्यक्ष के अनुसार अमेरिका में प्रतिवर्ष एक लाख, पचास हज़ार बच्चों का अपहरण होता है। (उनमें से दो तिहाई बच्चों को अलग हुए माँ-बाप भगा ले जाते हैं।) यह उपसमिती इसपर विचार कर रही है कि, इन लापता बच्चों के खोज में, मदद के लिए कानून के द्वारा संघीय आर्थिक मदद और दुसरे प्रकार के सहायता दी जाएँ। जबकि एक व्यक्‍तिगत रूप से आर्थिक सहायता प्राप्त समुह ने तीन वर्षों से कम समय में ८०० बच्चों को खोज निकाला है, परंतु इस बढ़ती हुई समस्या को देखते हुए ऐसी संस्थाएँ अधिक चिंतित हो गई हैं। इसलिए सरकार को मदद के लिए अनुरोध की गयी है।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें